भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत भूकंप प्रभावित म्यांमा को राहत सामग्री पहुंचाई

नयी दिल्ली: भारत ने पड़ोसी देश म्यांमा और थाईलैंड में आए शक्तिशाली भूकंप के बाद शुरू किए गए अपने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत शनिवार को म्यांमा को 15 टन राहत सामग्री पहुंचाई। भारत ने भारतीय वायु सेना के ‘सी130जे’ सैन्य परिवहन विमान से म्यांमा के शहर यांगून में राहत सामग्री भेजी।

अधिकारियों ने बताया कि तंबू, ‘स्लींिपग बैग’, कंबल, तैयार भोजन, जल शुद्धिकरण उपकरण, सौर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाओं समेत राहत सामग्री भेजी गई। उन्होंने बताया कि राहत सामग्री के साथ भारतीय वायुसेना के दो और विमान म्यांमा भेजे जा रहे हैं और ये विमान जल्द ही ंिहडन वायुसेना स्टेशन से रवाना होंगे।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू हो गया है। भारत से मानवीय सहायता की पहली खेप म्यांमा के यांगून हवाई अड्डे पर पहुंच गई है।’’ म्यांमा में भारतीय राजदूत अभय ठाकुर ने राहत सामग्री यांगून के मुख्यमंत्री यू सोई थीन को सौंपी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत ने शुक्रवार को आए भीषण भूकंप से प्रभावित म्यांमा के लोगों की सहायता के लिए ‘‘सबसे पहले कदम उठाने वाले’’ देश के रूप में काम किया है।
म्यांमा और थाईलैंड में शुक्रवार को आए भूकंप ने इमारतों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया।

भूकंप के कारण म्यांमा में कम से कम 1,002 लोगों के मारे जाने की जानकारी है। म्यांमा स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि वह भारत से सहायता एवं राहत सामग्री की शीघ्र आपूर्ति के संबंध में म्यांमा के साथ समन्वय कर रहा है।

भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘हम भारतीय समुदाय के साथ भी लगातार संपर्क में हैं।’’ उसने जरूरतमंद भारतीय नागरिकों के लिए आपातकालीन नंबर जारी किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को म्यांमा और थाईलैंड में भीषण भूंकप के कारण उत्पन्न स्थिति पर ंिचता जताई और कहा कि इस घड़ी में भारत दोनों देशों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘म्यांमा और थाईलैंड में भूकंप के मद्देनजर पैदा हुई स्थिति से ंिचतित हूं। सभी की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।’’ उन्होंने कहा कि इस संबंध में भारतीय अधिकारियों को तैयार रहने के लिए कहा गया है और विदेश मंत्रालय से म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के संपर्क में रहने को भी कहा गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button