आत्मनिर्भरता के लिए रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित कर रहा है भारत: राजनाथ

तेजपुर. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि सरकार देश को सामरिक लिहाज से अहम अर्थव्यवस्था बनाने के लिए घरेलू रक्षा औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र का एक मजबूत आधार विकसित कर रही है. सिंह ने यहां तेजपुर विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षांत समारोह में कहा कि उनका मंत्रालय रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य हासिल करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है.

उन्होंने कहा, ”हमारी सरकार भारत को सामरिक लिहाज से एक अहम अर्थव्यवस्था बनाने के लिए घरेलू रक्षा औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र का एक मजबूत आधार विकसित कर रही है.” रक्षा मंत्रालय द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों पर प्रकाश डालते हुए सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि पहली बार हथियारों का आयात कम हुआ है, जबकि निर्यात बढ़ा है.

उन्होंने कहा, ”हमने पांच सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियां जारी कीं, जिसके तहत 509 रक्षा उपकरणों की पहचान की गई है, जिनका निर्माण अब स्वदेश में ही किया जाएगा.” उन्होंने कहा, ”इसके अलावा, हमने रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों की चार स्वदेशीकरण सूचियां भी जारी की हैं, जिनमें 4,666 वस्तुओं की पहचान की गई है और इनका निर्माण अब अपने ही देश में किया जाएगा.” घरेलू रक्षा विनिर्माण की चर्चा करते हुए सिंह ने कहा कि उत्पादन पहली बार 1,00,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर गया है.

उन्होंने कहा, ”भारत के रक्षा निर्यात का कुल मूल्य 2016-17 में 1,521 करोड़ रुपये था, जो 2022-23 में लगभग 10 गुना बढ़कर 15,920 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है.” सिंह ने पिछले कुछ वर्षों में रवैये में बदलाव के बारे में भी बात की और किसी भी स्थिति से निपटने में वर्तमान सरकार की कार्यशैली पर प्रकाश डाला.

उन्होंने कहा, ”भारत अब ‘रहने-दो’ दृष्टिकोण के प्रति सहिष्णु नहीं है. आज, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नया भारत ‘आओ-इसे-करें’ दृष्टिकोण में विश्वास करता है.” सिंह ने महिला सशक्तीकरण के मुद्दे पर कहा कि सरकार ने सेना सहित सभी क्षेत्रों में महिलाओं का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं.

उन्होंने कहा, ”आज देश में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं. लड़ाकू विमानों से लेकर चंद्रयान तक ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जिसमें महिलाओं की मौजूदगी न दिखती हो.” देश को विकसित बनाने में युवाओं की भूमिका पर जोर देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत को आर्थिक और सैन्य महाशक्ति बनाने का विचार प्रतिभाशाली युवाओं की क्षमताओं पर विश्वास पर आधारित है.

उन्होंने कहा, ”युवाओं को सशक्त बनाने और उनकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए, हमारी सरकार ने स्टार्ट-अप संस्कृति और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दिया है.” रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में रक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू की गई स्टार्ट-अप संस्कृति का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आईडेक्स) अपनी स्थापना के बाद से ही नवीन विचारों को सफलतापूर्वक बढ़ावा दे रहा है.

उन्होंने कहा, ”युवाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार के विभिन्न प्रयासों के कारण आज देश में एक लाख से अधिक स्टार्ट-अप हैं.” दीक्षांत समारोह के दौरान कुल 1,355 छात्रों को डिग्री और डिप्लोमा प्रदान किए गए. उनमें से 110 को पीएचडी, 785 को स्नातकोत्तर, 432 को स्नातक, पांच को पीजी डिप्लोमा और दूरस्थ एवं मुक्त शिक्षण माध्यम से पढ़ाई करने वाले 23 विद्यार्थियों को भी डिग्री और डिप्लोमा प्रदान किए गए हैं.

रक्षा मंत्री ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में तेजपुर विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना करते हुए छात्रों से व्यावहारिक ज्ञान के सार और चरित्र विकास की महत्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया. तेजपुर विश्वविद्यालय में अहोम साम्राज्य के सेनापति लचित बोरफुकन के नाम पर रक्षा अध्ययन केंद्र शुरू करने के संबंध में उन्होंने विश्वविद्यालय प्राधिकरण को इस पर एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.

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