भारत ने अरूणाचल, अक्साई चिन संबंधी चीनी मानचित्र को किया खारिज

नयी दिल्ली. भारत ने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को चीन के मानचित्र में दिखाये जाने के संबंध में पड़ोसी देश के दावों को मंगलवार को ‘आधारहीन’ बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि चीनी पक्ष के ऐसे कदम सीमा से जुड़े विषय को केवल जटिल ही बनायेंगे.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीन के तथाकथित ‘मानक मानचित्र’ के 2023 के संस्करण के बारे में पूछे गये सवालों पर अपने बयान में कहा, ”हमने चीन के तथाकथित ‘मानक मानचित्र’ के 2023 के संस्करण पर राजनयिक माध्यमों के जरिये आज कड़ा विरोध दर्ज कराया है जो भारतीय क्षेत्र पर दावा करता है.” बागची ने कहा, ” हम इन दावों को खारिज करते हैं जिसका कोई आधार नहीं है. चीनी पक्ष के ऐसे कदम सीमा से जुड़े विषय को केवल जटिल ही बनायेंगे.” चीन ने एक दिन पहले ही अपने ‘मानक मानचित्र’ का 2023 का संस्करण आधिकारिक रूप से जारी किया था जिसमें अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन, ताईवान और विवादित दक्षिण चीन सागर को भी दर्शाया गया है.

चीन के सरकारी समाचारपत्र ग्लोबल टाइम्स ने ‘एक्स’ पर लिखा, ” चीन के मानक मानचित्र का 2023 संस्करण आधिकारिक तौर पर सोमवार को जारी किया गया और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय के स्वामित्व वाली मानक मानचित्र सेवा की वेबसाइट पर इसे जारी किया गया. यह मानचित्र चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की रेखांकन विधि के आधार पर संकलित किया गया है.” भारत ने बार-बार कहा है कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा देश का अभिन्न हिस्सा रहेगा.

वहीं, भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में जून 2020 में हुई झड़प के बाद दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं . दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ स्थानों पर तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है. दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है. भारत लगातार कहता रहा है कि समग्र संबंधों को सामान्य बनाने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों पर शांति महत्वपूर्ण है.

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