विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए भारतीय दृष्टिकोण को जी-20 का मार्गदर्शन करना चाहिए: फ्रांस

नयी दिल्ली. फ्रांस बृहस्पतिवार को जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में संयुक्त बयान पर आम सहमति बनाने के लिए भारत का समर्थन करता नजर आया, क्योंकि यूक्रेन संघर्ष को लेकर अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों और रूस-चीन गठजोड़ के बीच तीखे मतभेद हैं.

बैठक में अपनी टिप्पणी में फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना ने यह भी कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान ‘‘एक पृथ्वी, एक कुटुंब, एक भविष्य’’ के दृष्टिकोण को, दुनिया के सामने कई चुनौतियों का सामना करने के लिए समूह का मार्गदर्शन करना चाहिए.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी बिं्लकन, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, चीन के किन गांग, ब्रिटेन के जेम्स क्लेवरली और विदेश मामलों के लिए यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि जोसेप बोरेल फोंटेल्स, विदेश मंत्री एस जयशंकर की अध्यक्षता वाली बैठक में भाग लेने वालों में शामिल हैं.

भारतीय पक्ष एक संयुक्त बयान पर सहमति के लिए कठिन प्रयास कर रहा है, क्योंकि ऐसा न होने की स्थिति में इसका गलत संदेश जा सकता है. फ्रांस की विदेश मंत्री ने कहा कि जी-20 को मौजूदा स्थिति का दृढ़ता से जवाब देना चाहिए, जैसा कि उसने नवंबर में बाली शिखर सम्मेलन में किया था. भारत ने यूक्रेन संघर्ष को लेकर पश्चिमी देशों और रूस के बीच गहरे मतभेदों के बावजूद बाली घोषणापत्र को अंतिम रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

कोलोना ने कहा, ‘‘हम जी-20 के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण में हैं. भारतीय अध्यक्षता की भूमिका नितांत आवश्यक है. एक पृथ्वी, एक कुटुंब, एक भविष्य के दृष्टिकोण से हमें अपनी कई चुनौतियों का सामना करने के लिए मार्गदर्शन करना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यूक्रेन के खिलाफ और कानून के शासन के खिलाफ रूसी हमले को एक साल हो चुका है. रूस की ओर से थोपे गये युद्ध से भोजन, ऊर्जा, महंगाई के मामले में लगभग हर देश के लिए नकारात्मक परिणाम सामने आया है.’’

कोलोना ने कहा, ‘‘जी20 को दृढ़ता से जवाब देना चाहिए, जैसा कि उसने बाली शिखर सम्मेलन में किया था. बाली का संदेश स्पष्ट था: जी20 के रूप में, हमें रूस के युद्ध से भुगतने के लिए छोड़ देने के बजाय सबसे कमजोर लोगों की रक्षा करने वाले समाधान की जरूरत है.’’ फ्रांस की विदेश मंत्री ने कहा कि बैठक का सामूहिक मिशन ‘‘परिणाम’’ देना है.

उन्होंने कहा, ‘‘इस विषय पर और जलवायु परिवर्तन विकास वित्त जैसी अन्य सभी चुनौतियों पर खंडित रुख और सुनियोजित विरोध के बजाय ‘साझा जिम्मेदारी’ की भावना की आवश्यकता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम में से प्रत्येक को योगदान देना चाहिए. हमें उत्तर बनाम दक्षिण खेमे जैसे झूठे विचारों से दूर रहना चाहिए, इसके बजाय एक महत्वाकांक्षी, सुधारित, कुशल बहुपक्षवाद का निर्माण करना चाहिए.’’ जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक, ब्रिटिश विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली और विदेशी मामलों के लिए यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि बोरेल ने यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की आलोचना की, जबकि चीन के किन गांग ने संघर्ष को हल करने के लिए 12-सूत्री चीनी शांति योजना का उल्लेख किया.

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