भारतीय देश नहीं, दिलों को जीतना चाहते हैं : राष्ट्रपति मुर्मू

लिस्बन. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यहां मंगलवार को भारतीय शोधार्थियों से एक संवाद सत्र के दौरान कहा कि भारतीय देश नहीं, बल्कि दिलों को जीतना चाहते हैं. राष्ट्रपति ने ‘सम्पालिमो सेंटर फॉर अननोन’ में भारतीय शोधार्थियों से कहा कि वे भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधि बनें, क्योंकि अपने देश के नाम से उनकी पहचान होती है.

मुर्मू ने एक शोधार्थी के सवाल के जवाब में कहा, ”आप शिक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करेंगे. आप अनुसंधान में उत्कृष्टता प्राप्त करेंगे. आप एक अच्छे विद्वान बनेंगे, आप अर्थव्यवस्था और समाज में योगदान देंगे तथा यहां के नियमों और विनियमों का पालन करेंगे. आगे बढ.ें और भारत को गौरवान्वित करें.” शोधार्थियों द्वारा पूछे गए हर सवाल का जवाब देने के लिए राष्ट्रपति अपने स्थान पर खड़ी हुईं. उन्होंने कहा, ”मैं एक ऐसे देश में गई थी, जहां एक वरिष्ठ नेता ने मुझसे पूछा कि क्या भारतीय दुनिया को जीतना चाहते हैं. मैंने कहा कि भारतीय देश को नहीं जीतना चाहते, वे दिलों को जीतना चाहते हैं.”

भारत में महिलाओं की प्रगति के बारे में पूछे जाने पर, मुर्मू ने कहा कि सीताराम, लक्ष्मी नारायण कहना तथा लोगों को देवियों और सज्जनों कहकर संबोधित करना भारतीय संस्कृति में है. मुर्मू ने कहा कि उन्हें महिला पदक विजेताओं, वरिष्ठ महिला अधिकारियों और विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी महिलाओं को देखकर गर्व महसूस होता है.

उन्होंने कहा कि पुर्तगाल, भारत का एक अच्छा मित्र है तथा इस देश के लोग मिलनसार और उदार हैं एवं यह देश प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है. पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा और चैंपलीमॉड फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. लियोनोर बेलेजा ने सम्पालिमो सेंटर में राष्ट्रपति की अगवानी की.

इस केंद्र के दौरे पर, मुर्मू और सूसा को फार्मेसी से कैंसर रोगियों तक दवाइयां पहुंचाने वाले रोबोट के काम करने के तरीके के बारे में जानकारी दी गई. मुर्मू ने परिसर में ‘कैमेलिया जैपोनिका’ का पौधा भी लगाया. भारतीय वास्तुकार चार्ल्स मार्क कोरिया द्वारा डिजाइन किया गया सम्पालिमो सेंटर फॉर द अननोन, समकालीन वास्तुशिल्प भव्यता का एक शानदार प्रतीक है. इससे पहले दिन में, राष्ट्रपति ने पुर्तगाल की संसद का दौरा किया, जहां उन्होंने ‘असेम्बलिया द रिपब्लिका’ के अध्यक्ष डॉ. जोस पेड्रो एगुइर-ब्रैंको से मुलाकात की.

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