कर्नाटक सरकार ने हत्या मामले में अभिनेता दर्शन, अन्य को जमानत के खिलाफ शीर्ष अदालत का किया रुख

नयी दिल्ली. कर्नाटक सरकार ने रेणुकास्वामी हत्या मामले में कन्नड़ अभिनेता दर्शन थुगुदीप, पवित्रा गौड़ा और पांच अन्य को जमानत देने संबंधी उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 13 दिसंबर 2024 को अभिनेता दर्शन और अन्य को जमानत दी थी. दर्शन को 11 जून 2024 को अपने प्रशंसक रेणुकास्वामी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इस वारदात को उसी वर्ष आठ जून को अंजाम दिया गया था, जब उसने गौड़ा को कथित तौर पर अश्लील संदेश भेजे थे.

जमानत मिलने से पहले अभिनेता को बेंगलुरु की परप्पना अग्रहारा जेल में रखा गया था, लेकिन जब जेल के कुछ अन्य कैदियों के साथ आराम करते हुए उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर प्रसारित हुई, तो उन्हें बल्लारी केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया.

राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के जमानत प्रदान करने संबंधी निर्णय के खिलाफ छह जनवरी को शीर्ष अदालत का रुख किया.
ऑटोरिक्शा चालक रेणुकास्वामी (33) का शव नौ जून 2024 को मिला था. दर्शन के कहने पर हमला किए जाने के बाद कथित चोटों के कारण उसकी मौत हो गई थी. दर्शन ने सोशल मीडिया पर गौड़ा के बारे में अपमानजनक टिप्पणी पोस्ट करने को लेकर अपने प्रशंसकों से रेणुकास्वामी को परेशान करने और उनका अपहरण करने का कथित तौर पर आग्रह किया था. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 30 अक्टूबर 2024 को छह सप्ताह के लिए चिकित्सा आधार पर दर्शन को अंतरिम जमानत दी थी, लेकिन दिसंबर में उन्हें और अन्य को नियमित जमानत दे दी.

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