केजरीवाल अदालत और दिल्ली की जनता को बताएं कि 338 करोड़ रुपये कहां गए: भाजपा

नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उच्चतम न्यायालय की ओर से दिल्ली आबकारी नीति मामले से संबंधित भ्रष्टाचार और धन शोधन मामलों में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की नियमित जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधते हुए कहा कि आरोप तथ्यात्मक दृष्टि से लगातार स्थापित होते जा रहे हैं लेकिन फिर भी ‘एक तो चोरी और ऊपर से सीनाजोरी’ उसका चरित्र बनती जा रही है।

शीर्ष अदालत की ओर से मामले में 338 करोड़ रुपये के हस्तांतरण की पुष्टि संबंधी टिप्पणी का उल्लेख करते हुए भाजपा ने यह भी कहा कि अब मुख्यमंत्री अरंिवद केजरीवाल की जिम्मेदारी है कि वह उच्चतम न्यायालय और लोगों को बताएं कि वह 338 करोड़ रुपये कहां हैं?

सिसोदिया को झटका देते हुए, उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली आबकारी नीति मामले से संबंधित भ्रष्टाचार और धन-शोधन मामलों में उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी और कहा कि मामले में अस्थायी तौर पर 338 करोड़ रुपये के हस्तांतरण की पुष्टि हुई है।

भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में केजरीवाल का मजाक उड़ाते हुए कहा कि उन्होंने दावा किया था कि सिसोदिया को उनके काम के लिए ‘भारत रत्न’ दिया जाना चाहिए लेकिन भ्रष्टाचार के मामले में उनकी जमानत याचिका छह बार खारिज हो चुकी है।

त्रिवेदी ने कहा कि अब यह संवैधानिक और कानूनी रूप से केजरीवाल की जिम्मेदारी है कि वह अदालत को बताएं कि धन कहां है और साथ ही इस बारे में दिल्ली की जनता को बताना भी उनकी नैतिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कहा जाता है कि लोग शराब पर अपना पैसा बर्बाद करते हैं, दिल्ली सरकार ने इस पर सरकारी खजाने को बर्बाद कर दिया।’’

भाजपा नेता ने केजरीवाल पर ‘निर्लज्जता और नाटक’ करने का आरोप लगाया और कहा कि आप नेता कथित घोटाले में अपनी पार्टी की ईमानदारी की पुष्टि करने के लिए महात्मा गांधी के स्मारक पर भी गए थे।
त्रिवेदी ने कहा कि उन्होंने महात्मा गांधी को भी इसमें घसीट लिया, जबकि वह शराबबंदी के पक्षधर थे और उनकी जयंती के दिन शराब की बिक्री भी प्रतिबंधित है।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना एवं न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी की पीठ ने कहा कि उसने जांच एजेंसियों के बयान को रिकॉर्ड किया है कि इन मामलों में सुनवाई छह से आठ महीने में पूरी हो जाएगी। पीठ ने कहा कि अगर सुनवाई की कार्यवाही में देरी होती है तो सिसोदिया तीन महीने में इन मामलों में जमानत के लिए याचिका दायर कर सकते हैं।

त्रिवेदी ने दावा किया कि आप सरकार में भ्रष्टाचार के बढ़ता पैमाना धीरे-धीरे स्थापित हो रहा है क्योंकि पहले दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को धन शोधन के एक मामले में पकड़ा गया और इसके बाद सिसोदिया और राज्यसभा सदस्य संजय ंिसह की गिरफ्तारी हुई, जो आप के संसदीय दल के नेता हैं। उन्होंने कहा कि मामले के सह-आरोपियों में से एक अमित अरोड़ा पहले ही दावा कर चुका है कि शराब सौदे से संबंधित बातचीत के दौरान केजरीवाल मौजूद थे, जिसकी जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहे हैं।

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