कोविड-19 अभी गया नहीं है, यह रूप बदलकर बार-बार सामने आ रहा है: प्रधानमंत्री मोदी

अहमदाबाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस गया नहीं है और यह बार-बार सामने आ रहा है. साथ ही, उन्होंने लोगों से कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के खिलाफ सतर्कता बरतना जारी रखने की अपील भी की. मोदी ने कहा कि किसी को नहीं पता कि ‘बहरूपिया’ कोविड-19 फिर कब सामने आ जाएगा. उन्होंने कहा कि कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए टीकों की करीब 185 करोड़ खुराक देने का काम लोगों के समर्थन से ही संभव हो पाया.

मोदी ने गुजरात में जूनागढ़ जिले के वंथली में मां उमिया धाम के महापटोत्सव कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित किया. कडवा पाटीदार समुदाय की देवी मानी जाने वाली मां उमिया के मंदिर के 14वें स्थापना दिवस पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था. मोदी ने मां उमिया के भक्तों से धरती मां को रासायनिक उर्वरकों के संकट से बचाने के लिए प्राकृतिक खेती के तरीके अपनाने का आग्रह किया.

उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के 75वें साल में आयोजित किए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम के तहत हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने में मदद करने की भी लोगों से अपील की. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस (वैश्विक महामारी) एक बड़ा संकट था और हम यह नहीं कह रहे कि संकट समाप्त हो गया है. यह कुछ देर के लिए भले ही थम गया है, लेकिन हमें नहीं पता कि यह फिर से कब सामने आ जाएगा. यह एक ‘बहरूपिया’ बीमारी है. इसे रोकने के लिए करीब 185 करोड़ खुराक दी गई हैं, जिसने दुनिया को अचम्भित कर दिया है. यह आपके समर्थन से ही संभव हो पाया.’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि मां उमिया के श्रद्धालुओं को खून की कमी से पीड़ित माताओं और कुपोषित बच्चों की देखभाल करने के लिए ग्रामीण स्तर पर कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि मंदिर का प्रबंधन करने वाले ‘मां उमिया ट्रस्ट’ को बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण स्तर पर प्रतियोगिताएं आयोजित करानी चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘मां उमिया के भक्तों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी समुदाय का कोई बच्चा कुपोषित न रहे. यदि बच्चा मजबूत होता है, तो समुदाय और देश मजबूत बनता है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जानगरुकता के कारण देश की बेटियां ओलंपिक में खुद को साबित कर रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी बेटियों पर किसे गर्व नहीं होगा?’’ उन्होंने प्राकृतिक खेती अपनाकर धरती मां की रक्षा करने की सरकार की मुहिम का समर्थन करने और पानी के संरक्षण के लिए काम करना जारी रखने का लोगों से अनुरोध किया.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें धरती मां को बचाना होगा… हमें एक ऐसे (गुजरात के) राज्यपाल (आचार्य देवव्रत) मिले हैं, जो प्राकृतिक खेती के प्रति पूरी तरह सर्मिपत हैं. उन्होंने तालुका स्तर पर किसान सभाओं को संबोधित किया है और लाखों किसान प्राकृतिक खेती को अपना रहे हैं.’’ मोदी ने लोगों से हर जिले में मौजूदा जलाशयों को गहरा करके, जमीन खोदकर और जीर्णोद्धार करके 75 ‘अमृत सरोवर’ बनाकर जल संरक्षण करने को कहा.

उन्होंने कहा, ‘‘आइए, हम प्रत्येक जिले में 75 झीलों की परियोजना शुरू करें. लाखों छोटे बांध बनाने वाले आप लोगों के लिए यह कोई बड़ी बात नहीं है. कल्पना कीजिए कि यह कितनी बड़ी सेवा होगी.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने गंभीर जल संकट का सामना किया है, उन्हें जल संरक्षण का काम छोड़ना नहीं चाहिए, भले ही इस दिशा में कितनी भी सफलता मिल गई हो. उन्होंने कहा, ‘‘यह काम हर साल मॉनसून से पहले पानी के संरक्षण के लिए झीलों को गहरा करके और जल स्रोत की सफाई करके किया जाना चाहिए.‘‘

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