ममता ने प. बंगाल में कारोबार सुगमता के लिए समिति के गठन की घोषणा की

कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को औद्योगिक विकास के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और राज्य के व्यापार अनुकूल माहौल तथा मजबूत बुनियादी ढांचे पर प्रकाश डाला. मुख्यमंत्री बनर्जी ने राज्य में कारोबार को सुगम बनाने के लिए एक नई राज्य-स्तरीय तालमेल समिति के गठन की घोषणा भी की.

बंगाल वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन (बीजीबीएस) के आठवें संस्करण में बनर्जी ने देउचा-पचामी कोयला खदान परियोजना के बारे में एक प्रमुख जानकारी साझा की, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह राज्य के औद्योगिक क्षेत्र के लिए उत्प्रेरक का काम करेगी.
उन्होंने घोषणा की, ”बुनियादी ढांचा तैयार है, कल से ही कोयला खनन शुरू हो सकता है. भूमि दाताओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे. भूमि स्वामियों के परिवार के सदस्यों को नौकरी दी जाएगी. मुआवज.े की व्यवस्था पूरी तरह से हो चुकी है.” अपने संबोधन में बनर्जी ने राज्य की आर्थिक प्रगति और राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ छह आर्थिक गलियारों के निर्माण सहित राज्य में जारी बुनियादी ढांचों के विकास पर प्रकाश डाला.

उन्होंने कहा, “मैं राज्य में कारोबार को सुगम बनाने के लिए एक नई राज्य स्तरीय तालमेल समिति के गठन की घोषणा कर रही हूं. इसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे. इससे बंगाल में कारोबार करने के लिए सभी तरह की मंजूरियां एक ही स्थान पर मिल सकेंगी.” बुधवार को यहां न्यू टाउन में शुरू हुए दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में 40 देशों के 200 से अधिक प्रतिनिधि ले रहे हैं.

उन्होंने राज्य के व्यापार-अनुकूल माहौल पर जोर देते हुए कहा, “बंगाल में हमारी सरकार स्थिर है जहां मानव श्रम दिवस का नुकसान नहीं होता.” मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पिछले वित्त वर्ष में बंगाल का राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) राष्ट्रीय जीडीपी की तुलना में अधिक तेजी से बढ.ा है, जो राज्य के मजबूत आर्थिक प्रदर्शन को दर्शाता है.

सामाजिक कल्याण पहल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ”लक्ष्मी भंडार जैसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बंगाल महिला सशक्तीकरण में अग्रणी है.” बनर्जी ने समावेशन के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा, “हम लोगों को विभाजित नहीं करते. विविधता में एकता हमारी ताकत है.” उन्होंने कहा, ”कई लोग पूछते हैं कि इन शिखर सम्मेलनों से क्या हासिल होता है. लेकिन आज, हर दूसरा राज्य हमारे उदाहरण का अनुसरण कर रहा है और इसी तरह के आयोजन कर रहा है. यह शिखर सम्मेलन बंगाल की भावी पीढि.यों के लिए महत्वपूर्ण है.”

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