राहुल की पेशी के दूसरे दिन भी कई कांग्रेस नेता हिरासत में, पार्टी ने पूछताछ को असंवैधानिक बताया

नयी दिल्ली. कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े कथित धनशोधन के मामले में राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ के दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में ले लिया.
मुख्य विपक्षी दल ने अपने नेता से ईडी की पूछताछ को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए दावा किया कि सरकार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष से परेशानी इसलिए है, क्योंकि उन्होंने किसानों, नौजवानों, मजदूरों की आवाज उठाई तथा कोरोना संकट एवं सीमा पर चीन की आक्रमकता को लेकर मोदी सरकार को घेरा.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग का दुरुपयोग हो रहा है. लोग डरे हुए हैं. हालात बहुत गंभीर हैं…यह पूरे देश की भावना है कि जांच एजेंसियों का आतंक है…पूरा देश घबराया हुआ है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ ये लोग (सरकार) सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी का कुछ नहीं बिगाड़ सकते क्योंकि यह (यंग इंडियन) गैर लाभकारी कंपनी है और उसमें कोई एक रुपये का लाभ नहीं ले सकता.’’ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, ‘‘कांग्रेस मुख्यालय के चारों ओर छावनी बना दी गई. कांग्रेस नेताओं को घसीटा गया. कल भी दुर्व्यवहार हुआ था.’’ उन्होंने कहा कि वह जेल में बंद कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए बदरपुर जा रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया.

कांग्रेस के अनुसार, मंगलवार को पुलिस ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल, पार्टी के संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी, उप नेता गौरव गोगोई, सांसद दीपेंद्र हुड्डा, नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य इमरान प्रतापगढ़ी सहित कई अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया.

वेणुगोपाल ने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति के तहत कार्रवाई की जा रही है. कांग्रेस सच के साथ है. हम झुकने और डरने वाले नहीं हैं.’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने राहुल गांधी से पूछताछ के कानूनी आधार पर सवाल उठाते हुये ट्वीट किया, ‘‘ क्या भाजपा के प्रवक्ता कृपया निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देंगे: पीएमएलए के तहत कौन सा ‘अपराध’ है, जिसकी ईडी ने जांच शुरू की है? किस पुलिस एजेंसी ने इस ‘अपराध’ के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की है? प्राथमिकी कहां है? क्या आप हमें प्राथमिकी की प्रति दिखाएंगे?’’

सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब कोई प्राथमिकी ही दर्ज नहीं है तो फिर पूछताछ के लिए कैसे बुलाया जा सकता है. यह पूरी कार्रवाई असंवैधानिक, दुर्भावनापूर्ण और प्रतिशोध की राजनीति से प्रेरित है.’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘आख़िर भाजपा के निशाने पर राहुल गांधी और कांग्रेस ही क्यों? क्या ईडी की कार्रवाई जनता के मुद्दे उठाने वाली मुखर आवाजÞ को दबाने का षडयंत्र है?’’

सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘जब चीन ने हमारे देश की सरजÞमीं पर जबरन कब्जÞा किया और हमारे जवान शहीद हुए, तो देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘न कोई घुसा है, न कोई आया है’. उस समय राहुल गांधी ने सरकार को इस झूठ पर घेरा और शहीद जवानों के लिए आवाजÞ उठाई. इसलिए राहुल गांधी से परेशानी है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘महंगाई से जनता को हो रही परेशानी पर राहुल गांधी ने लगातार सरकार को घेरा. पेट्रोल-डीजÞल हो, रसोई गैस हो, खाने-पीने के सामान हों, उन्होंने लगातार देश के मध्यम वर्ग, नौकरीपेशा, गरीबों, छोटे दुकानदारों, छोटे व्यापारियों के पक्ष में जोरदार आवाजÞ उठाई. इसलिए राहुल गांधी से परेशानी है.’’ उनके अनुसार, ‘‘कोरोना में जब सरकार ने अपनी जÞम्मिेदारी से मुंह मोड़ लिया, उस समय राहुल गांधी ने न केवल सरकार को चेताया, बल्कि सरकार को देर से ही सही, कदम उठाने के लिए मजबूर किया.’’

सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी ने देश के अन्नदाताओं की आवाजÞ उठाई और तीन ‘‘काले कानूनों’’ को वापस लेने के लिए मोदी सरकार को मजबूर कर दिया, इसलिए उनसे इस सरकार को परेशानी है. उन्होंने कहा, ‘‘देशवासियों, इस ‘क्रोनोलॉजी’ को समझिए. मोदी सरकार ने बौखला कर ‘‘इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट’’ (ईडी) के पीछे छिपकर सत्यनिष्ठा की आवाज पर हमला बोला है. ये हमला विपक्ष की उस निर्भीक आवाजÞ पर है, जो जनता के सवालों को सरकार के सामने दृढ़ता से रखती है, जो जनता के मुद्दों को भयमुक्त होकर उठा रही है.’’

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