गृह मंत्रालय ने BSF में रिक्तियों में पूर्व-अग्निवीरों के लिए 10% आरक्षण की घोषणा की

नयी दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी महत्वाकांक्षी ‘अग्निपथ’ योजना को बढ़ावा देने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में रिक्तियों में पूर्व अग्निवीरों के लिए ऊपरी आयु सीमा में छूट के साथ ही 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की है. सीमा सुरक्षा बल, जनरल ड्यूटी कैडर (अराजपत्रित) भर्ती नियम, 2015 में संशोधन के बाद यह घोषणा एक अधिसूचना के जरिये की गई और यह नौ मार्च से प्रभावी होगी.

अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘दस प्रतिशत रिक्तियां पूर्व-अग्निवीरों के लिए आरक्षित होंगी.’’ मंत्रालय ने कहा कि हालांकि पूर्व अग्निवीरों के पहले बैच के उम्मीदवारों के लिए ऊपरी आयु सीमा में पांच साल तक की छूट होगी, अन्य बैच के उम्मीदवारों के वास्ते यह सीमा तीन साल तक की छूट होगी. अधिसूचना में कहा गया है कि पूर्व अग्निवीरों को भी शारीरिक दक्षता परीक्षा से छूट मिलेगी.

गौरतलब है कि सरकार ने पिछले साल 14 जून को दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए, थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ नामक योजना की घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी.

योजना के तहत भर्ती होने वालों को ‘अग्निवीरों’ के नाम से जाना जाएगा. चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद योजना में नियमित सेवा के लिए हर बैच से 25 प्रतिशत सैनिकों को बरकरार रखने का प्रावधान किया गया. गृह मंत्रालय ने घोषणा की थी कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और असम राइफल्स में 10 प्रतिशत रिक्तियां 75 प्रतिशत अग्निवीरों के लिए आरक्षित होंगी.

मंत्रालय ने कहा था कि इसने यह भी घोषणा की थी कि पूर्व-अग्निवीरों के पहले बैच के लिए ऊपरी आयु सीमा में पांच साल तक और बाद के बैच के वास्ते तीन साल तक की छूट दी गई. अर्धसैनिक बलों में भर्ती के लिए निर्दिष्ट आयु सीमा 18-23 वर्ष है. अग्निवीरों को अर्धसैनिक बलों में समावेश करने संबंधी गृह मंत्रालय का निर्णय महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पूर्व-अग्निवीरों को सेवानिवृत्ति की आयु तक रोजगार के अवसर प्राप्त करने में मदद मिलेगी. अर्धसैनिक बलों को भी इससे फायदा मिलेगा होगा क्योंकि उन्हें 70,000 से अधिक रिक्तियों को भरने के लिए र्किमयों का एक प्रशिक्षित समूह मिलेगा.

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