कौशल्या महोत्सव में बहेगी भक्ति की रसधारा, माता कौशल्या का विश्व में एकमात्र मंदिर

कौशल्या महोत्सव: लाइट एवं लेजर शो के माध्यम से श्रद्धालु भगवान श्रीराम के वनवास की कहानियां जानेंगे। शनिवार को इस महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर श्रद्धालुओं को एक नए रोमांच का अनुभव भी देखने को मिलेगा। श्रीराम वनगमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत कौशल्या धाम परिसर में क्रियान्वित किए जा रहे विकास कार्यो के अंतर्गत 10 करोड़ की लागत से तैयार वाटर, लेजर, लाइट एंड साउंड-शो का शुभारंभ भी इस महोत्सव के जरिए होगा।

माता कौशल्या का विश्व में एकमात्र मंदिर
विश्व में माता कौशल्या का एकमात्र मंदिर राजधानी स्थित चंदखुरी में है। विभिन्न् शोधपत्रों, अभिलेखों एवं मान्यता अनुसार भगवान श्रीराम ने अपना वनवास काल छत्तीसगढ़ में विभिन्न् स्थानों पर व्यतीत किया था। चंदखुरी को भगवान श्रीराम का ननिहाल माना जाता है, जो दक्षिण कोसल के नाम से पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यह स्थल राजधानी रायपुर से मात्र 27 कि.मी. की दूरी पर स्थित है । 126 तालाबों वाले इस गांव में जलसेन तालाब के बीच में माता कौशल्या का ऐतिहासिक मंदिर स्थित है। प्रभु श्रीराम को गोद में लिए हुए माता कौशल्या की अद्भुत प्रतिमा इस मंदिर को दुर्लभ बनाती है ।

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