जिन मुद्दों को उठाया उनसे समझौता करने की कोई संभावना नहीं: सचिन पायलट

भाजपा को कर्नाटक में मुंहतोड़ जवाब मिला, राजस्थान में भी मिलेगा: कांग्रेस

जयपुर/नयी दिल्ली. कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में भ्रष्टाचार के आरोपों सहित अपनी मांगों से पीछे हटने से बुधवार को इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने जिन मुद्दों को उठाया था, उनसे समझौता करने की कोई संभावना नहीं है. पायलट ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों पर कार्रवाई करने का जो ‘अल्टीमेटम’ दिया था वह आज खत्म हो रहा है और वह इंतजार कर रहे हैं कि राज्य सरकार क्या कार्रवाई करती है.

पायलट ने टोंक में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ”मैं एक बार फिर कहना चाहता हूं कि मैंने जो मुद्दे उठाए थे, खासकर भ्रष्टाचार के मुद्दे… पिछले भाजपा शासन में भारी भ्रष्टाचार और लूट मची थी उस पर कार्रवाई करनी होगी. जहां तक युवाओं को न्याय दिलाने की बात है, मैं समझता हूं कि इसमें किसी तरह के समझौते की कोई संभावना नहीं है.” वह बुधवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र टोंक में विभिन्न विकास कार्यों के उद्घाटन लिए आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.

उन्होंने कहा, ”मैंने 15 मई को कहा था कि राज्य सरकार भाजपा शासन के भ्रष्टाचार और नौजवानों के मुद्दों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करे. आज महीने की आखिरी तारीख है, इसलिए, मैं इंतजार कर रहा हूं.. उन्होंने (आलाकमान) कहा था कि कार्रवाई करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है. इसलिए देखते हैं कि कल क्या होता है.” हाल ही में अजमेर से जयपुर तक ‘जनसंघर्ष यात्रा’ निकालने वाले पायलट ने मई के अंत तक उनकी मांगें नहीं माने जाने पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है.

उल्लेखनीय है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच के विवाद को सुलझाने के प्रयास के तहत पार्टी नेतृत्व ने नेताओं के साथ सोमवार को नई दिल्ली में बैठक की थी. सूत्रों का दावा है कि पार्टी ने राज्य के दोनों नेताओं के लिए एक साथ काम करने और एकजुट होकर विधानसभा चुनाव लड़ने का फॉर्मूला तैयार किया है.

पायलट ने कहा कि उनकी प्रतिबद्धता और सार्वजनिक रूप से युवाओं को दिए गए आश्वासन निराधार बातें नहीं हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) में कई पद खाली पडे. है और कुछ नियुक्तियां ऐसी है जो मैं समझता हूं बेहतर हो सकती है, इसलिये आयोग की बेहतरी के लिये उसकी कार्य शैली में मूलचूक परिवर्तन लाना और नियुक्तियों में मापदंड तय होना आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग लेने वाले और किराए के मकान में रहने वाले युवाओं को प्रश्नपत्र लीक होने का खामियाजा भुगतना पड़ता है, ऐसे में उन्हें आर्थिक मुआवजा दिया जाना चाहिए.

पायलट ने कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत का जिक्र करते हुए भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि ”डबल इंजन अब सीज होना चालू हो गया हैं.” पायलट ने हाल में सरकार के सामने तीन मांगें रखी थीं जिनमें राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) का पुनर्गठन, प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने से प्रभावित युवाओं को मुआवजा और पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच कराना शामिल है.

भाजपा को कर्नाटक में मुंहतोड़ जवाब मिला, राजस्थान में भी मिलेगा: कांग्रेस

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अजमेर की जनसभा में किए गए प्रहार पर पलटवार करते हुए बुधवार को कहा कि हाल ही में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मुंहतोड़ जवाब मिला था और आगे राजस्थान में भी मिलेगा.
पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री ने कर्नाटक में भी पुरानी सरकारों को कोसने के ‘टूलकिट’ का इस्तेमाल किया था और फिर से उसी का इस्तेमाल कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने 50 साल पहले इस देश को गरीबी हटाने की गारंटी दी थी जो गरीबों के साथ कांग्रेस द्वारा किया गया सबसे बड़ा विश्वासघात है. उन्होंने अजमेर में आयोजित जनसभा में यह भी कहा कि कांग्रेस की नीति ‘गरीबों को भरमाओ, गरीबों को तरसाओ’ की रही है.

खेड़ा ने एक वीडियो जारी कर पलटवार करते हुए कहा, ”जो प्रधानमंत्री 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में अनाज देना गौरव समझते हों, हम उसकी टिप्पणी को गंभीरता से कैसे लें. जिस विश्व बैंक से वह प्रमाणपत्र लेने के लिए लालायित रहते हैं उसी ने कहा था कि मनमोहन सिंह की सरकार ने 27 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला. वर्ष 2014 के बाद वो 27 करोड़ लोग तो फिर से गरीबी रेखा के नीचे चले ही गए, 14 करोड़ और लोग भी गरीबी रेखा के नीचे चले गए.”

उन्होंने दावा किया, ”देश की अर्थव्यवस्था चौपट है और प्रधानमंत्री पुरानी सरकारों को कोसने का टूलकिट इस्तेमाल कर रहे हैं. इस टूलकिट का इस्तेमाल उन्होंने कर्नाटक में किया, वहां जनता ने जवाब दिया. अब राजस्थान में मुंहतोड़ जवाब मिलेगा.” राजस्थान में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है.

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