ओडिशा पुलिस ने पूर्व मंत्री की हत्या के सिलसिले में आरोपपत्र दाखिल किया, ASI को ठहराया जिम्मेदार

भुवनेश्वर. ओडिशा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की सहायक पुलिस उपनिरीक्षक गोपाल दास ने व्यक्तिगत रंजिश और द्वेष के कारण गोली मारकर हत्या की थी. पुलिस की ओर से इस मामले में शुक्रवार को दायर किए गए आरोपपत्र में यह जानकारी सामने आई है.

आरोपपत्र के मुताबिक 29 जनवरी को हुई इस घटना में गोपाल दास अकेला आरोपी है और यह हत्या पुरानी दुश्मनी का नतीजा थी. आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 302 (हत्या) और शस्त्र अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए हैं. यदि अदालत में यह आरोप साबित हो जाता है तो सहायक पुलिस उपनिरीक्षक (एएसआई) गोपाल दास को 10 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है और जुर्माना लगाया जा सकता है.

ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने इस मामले में 543 पृष्ठों का आरोपपत्र शुक्रवार को झारसुगुड़ा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अदालत में दायर किया. गोपाल दास के खिलाफ आरोप चश्मदीदों के बयानों और एक वैज्ञानिक टीम की रिपोर्ट पर आधारित हैं. हत्या के पीछे के मकसद की जांच के लिए यह मामला पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दिया गया था.

अदालत ने उसे मूल्यांकन के लिए बेंगलुरु में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान ले जाने के उसके अनुरोध को ठुकरा दिया. इसने राज्य द्वारा संचालित एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के विशेषज्ञों वाले मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें सुझाव दिया गया था कि गोपाल दास मानसिक रूप से स्वस्थ था.

झारसुगुड़ा जिले के आधिकारिक दौरे पर आए पूर्व मंत्री पर ब्रजराजनगर गांधी चौक पर एएसआई ने कथित तौर पर गोलियां चलाई थीं.
पुलिस की ओर से दायर आरोपपत्र में कहा गया है कि आरोपी ने सावधानीपूर्वक इसकी योजना बनाई और अकेले ही हत्या को अंजाम दिया. इसमें किसी और का कोई षड्यंत्र या समर्थन नहीं था.

पुलिस ने आरोपपत्र में कहा, ” सभी सबूतों-मौखिक, दस्तावेजी, मेडिको-लीगल, साइबर फॉरेंसिक और बैलेस्टिक संबंधी सुझावों के मूल्यांकन के बाद यह स्पष्ट है कि आरोपी गोपाल दास के मन में मंत्री नब किशोर दास के खिलाफ व्यक्तिगत रंजिश और द्वेष था. उसे मंत्री और उनके समर्थकों से खतरा महसूस हुआ और उसे अपनी जान का खतरा था. इसीलिए धीरे-धीरे उसने मंत्री की हत्या करने का मन बना लिया था. ” इसमें कहा गया है कि नार्को परीक्षण और आवाज विश्लेषण से पुष्टि हुई कि पुलिस अधिकारी ने व्यक्तिगत रंजिश के कारण यह हत्या की थी.

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