उपचुनाव की तारीख बढ़ाने पर अखिलेश ने कसा तंज कहा, ‘टालेंगे तो और भी बुरा हारेंगे’

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नौ विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीख आगे बढ़ाने को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘टालेंगे तो और भी बुरा हारेंगे.’ निर्वाचन आयोग ने सोमवार को एक आधिकारिक बयान में बताया कि केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव की तारीख त्योहारों के कारण 13 नवंबर से बढ़ाकर 20 नवंबर कर दी गयी है.

यादव ने उपचुनाव की तारीख बढ़ाये जाने को लेकर ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “टालेंगे तो और भी बुरा हारेंगे!” उन्होंने पोस्ट में कहा, “पहले मिल्कीपुर का उपचुनाव टाला, अब बाकी सीट के उपचुनाव की तारीख, भाजपा इतनी कमजोर कभी न थी.” यादव ने कहा,”दरअसल बात ये है कि सूबे में ‘महा-बेरोजगारी’ की वजह से जो लोग पूरे देश में काम-रोजगार के लिए जाते हैं, वे दिवाली और छठ की छुट्टी लेकर उत्तर प्रदेश आए हुए हैं और उपचुनाव में भाजपा को हराने के लिए वोट डालने वाले थे.” सपा प्रमुख ने कहा कि जैसे ही भाजपा को इसकी भनक लगी, उसने उपचुनावों को आगे खिसका दिया ताकि लोगों की छुट्टी खत्म हो जाए और वे बिना वोट डाले ही वापस चले जाएं.

अखिलेश यादव ने व्यंगात्मक अंदाज में कहा, “ये भाजपा की पुरानी चाल है, हारेंगे तो टालेंगे.” कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में उपचुनाव नहीं लड़ रही है. राय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “चूंकि हम उपचुनाव नहीं लड़ रहे हैं इसलिए हमें तारीखों को बदलने के लिए निर्वाचन आयोग से कोई अनुरोध करने की कोई आवश्यकता नहीं थी. मैं कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई का अध्यक्ष हूं और केवल प्रदेश के बारे में ही बात कर सकता हूं.”

उत्तर प्रदेश के पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी चन्द्रशेखर ने सोमवार को यहां जारी एक बयान में बताया कि विभिन्न राजनीतिक दलों (भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी एवं राष्ट्रीय लोक दल) तथा कुछ सामाजिक संगठनों से 13 नवंबर 2024 को बड़े पैमाने पर सामाजिक, सांस्कृतिक तथा धार्मिक व्यस्तताओं के कारण लोगों की असुविधा एवं मतदाताओं की भागीदारी कम होने संबंधी प्राप्त प्रत्यावेदनों के मद्देनजर उपचुनाव के लिए मतदान तिथि में संशोधन किया गया है.

चंद्रशेखर ने बताया कि नौ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान अब 13 के बजाये 20 नवंबर को होगा और मतगणना 23 नवंबर को होगी. आम आदमी पार्टी (आप) के उत्तर प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने सोमवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को फायदा पहुंचाने के लिए उपचुनाव की तारीखों को जानबूझकर टाला गया. उन्होंने कहा कि इस कदम से निर्वाचन आयोग सवालों के घेरे में आ गया है.

‘आप’ सांसद ने आरोप लगाया, “मोदी (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) जी और योगी (उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) जी जब उद्घाटन और शिलान्यास कर लेते हैं तब सुविधा अनुसार चुनाव के तारीखों की घोषणा की जाती है.” भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, “चुनाव की तारीख बदलने की मांग इसलिए की गई क्योंकि यह तारीख हिंदू त्योहार के साथ मेल खा रही थी.”

शुक्ला ने कहा, “समाजवादी पार्टी को हर चीज में राजनीति करनी है, खासकर इस मामले में क्योंकि उन्हें बहुसंख्यक भावना की चिंता कम वोट बैंक की चिंता ज्यादा है.” कांग्रेस, भाजपा, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) समेत कई दलों ने निर्वाचन आयोग से विभिन्न त्योहारों के मद्देनजर चुनाव पुर्निनर्धारित करने का आग्रह किया था.
राजनीतिक पार्टियों ने आयोग से कहा था कि इससे मतदान प्रतिशत प्रभावित हो सकता है.

भाजपा, बसपा और रालोद ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में लोग कार्तिक पूर्णिमा से तीन-चार दिन पहले यात्रा करते हैं. कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर को मनाई जाएगी. उप्र की कटेहरी (अंबेडकरनगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर नगर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) समेत नौ विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव के लिए मतदान होना था. हालांकि मतदान की तारीख को बढ़ाकर अब 20 नवंबर कर दिया गया है और मतगणना 23 नवंबर को होगी.

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