अग्निपथ योजना पर लोगों को उकसाकर विवाद पैदा कर रहा विपक्ष : वी के सिंह

नागपुर. केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व थलसेना प्रमुख जनरल वी. के. सिंह ने शुक्रवार को विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे सशस्त्र बलों में अल्पकालिक भर्ती के लिए केंद्र द्वारा लायी गई अग्निपथ योजना के बारे में लोगों को उकसाकर विवाद उत्पन्न कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि चूंकि विपक्ष के पास इसके सिवा करने को कुछ और नहीं है, इसलिए वह योजना का क्रियान्वयन शुरू होने से पहले ही इस पर विवाद उत्पन्न कर रहा है.

सेना में भर्ती की नयी योजना को लेकर हो रहे ंिहसक विरोध प्रदर्शन के बारे में नागपुर हवाईअड्डा पर संवादाताओं से सिंह ने कहा, ‘‘योजना में कोई विवाद नहीं है, लेकिन विपक्ष विवाद उत्पन्न कर रहा है, जिसके पास करने को कुछ और नहीं है. वे ईडी द्वारा चारों ओर से घेर लिये गए हैं….’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को गलत चीजें बताई जा रही हैं और उन्हें उकसाया जा रहा है. जब योजना की शुरुआत बाकी है, ऐसे में विवाद कहां है? ’’ मंत्री ने कहा कि सेना कभी भी बड़े पैमाने पर नौकरी-प्रदाता नहीं रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को कुछ खास शर्तों को पूरा करने के बाद सेना और अन्य सशस्त्र बलों में नौकरी मिलती है, जिनमें काफी कुछ किया जाना होता है. 40 से 45 में सिर्फ किसी एक का चयन होता है.’’ सिंह ने कहा कि इसलिए यदि वे (अग्निवीर) अच्छा प्रदर्शन करेंगे तो उन्हें सेवा में बरकरार रखा जाएगा. इसके अलावा, शेष को एक अच्छा वित्तीय पैकेज दिया जाएगा. हरियाणा, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों और गृह मंत्रालय ने उन्हें अन्य सेवाओं के लिए भर्ती में प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया है. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, विवाद कहां है?’’ योजना के बड़े लाभ के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि युवाओं को सेना में शामिल करने से सेना में युवाओं की संख्या बढ़ेगी.

उन्होंने कहा, ‘‘सशस्त्र बलों में, चीजों को कुछ अलग तरह से सोचा जाता है, ना कि एक दिशा में. यह सोचा गया कि युवाओं की बड़े पैमाने पर भर्ती की जानी चाहिए और प्रशिक्षण पूरा कर लेने पर वे समाज के लिए अच्छा काम करेंगे तथा अनुशासित रहेंगे. लेकिन ऐसा लगता है कि कई युवा अनुशासित नहीं हैं.’’ अग्निपथ योजना के खिलाफ बिहार, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और तेलंगाना सहित देश के कई राज्यों में प्रदर्शन हुए हैं. कांग्रेस पार्टी ने इस योजना को फौरन वापस लेने की शक्रवार को मांग की और कहा कि यह ना तो देश के और ना ही इसकी सुरक्षा के हित में है.

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