विपक्ष ने खेल के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने पर जोर दिया, भाजपा ने कहा: मोदी सरकार ने माहौल बदला

नयी दिल्ली. कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने की जरूरत पर जोर देते हुए बृहस्पतिवार को लोकसभा में कहा कि देश में खेलों से जुड़े बुनियादी ढांचे का विकास करना चाहिए तथा अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं का अधिक से अधिक आयोजन करना चाहिए.

वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद खेलों को लेकर माहौल बदला तथा खिलाड़ियों की स्थिति एवं उनको मिलने वाली सुविधाओं में बहुत बदलाव आया है. भारत में खेलकूद को बढ़ावा देने के विषय पर नियम 193 के तहत चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि खेल सिर्फ पदकों के लिहाज से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इस मायने में महत्वपूर्ण है कि यह हमें सिखाता है कि जब हम जीते तो विनम्र रहें और हारे तो साहस रखें. यह हम नेताओं को भी सीखना चाहिए.

गोगोई और बीजू जनता दल के सांसद अनुभव मोहंती इस विषय पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लेकर आए थे, हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की सहमति से इसे नियम 193 के तहत चर्चा में परिर्वितत कर दिया. गोगोई ने कहा कि सरकारी पैसे पर निर्भर खेल संघ अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि सबको मिलकर यह देखना है कि हम जिन खिलाड़ियों को ऊपर उठाते हैं मुश्किल समय में उनके साथ खड़े रहना चाहिए.

गोगोई ने कहा कि केंद्र को राज्य सरकारों को मदद देनी चाहिए ताकि वे खेल से जुड़े बुनियादी ढांचे में परिवर्तन ला सकें. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार प्रयास करे कि देश में अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं का अधिक से अधिक आयोजन हो. गोगोई के अनुसार, खिलाड़ियों के साथ प्रशिक्षकों को भी प्रोत्साहन देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के कुछ प्रशिक्षकों पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसको लेकर सरकार को संवेदनशील होना चाहिए.

कांग्रेस सांसद ने कहा कि खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत करना चाहिए. गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि बहुत सारे निवेदन आए थे, इसलिए राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यान चंद खेल रत्न कर दिया. उन्होंने कहा कि हम पूछना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री जी को यह भी बताना चाहिए कि क्या अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम का नाम बदलने के लिए भी लोगों के निवेदन आए थे कि उन्होंने इसका नाम बदलकर नरेंद्र मोदी स्टेडियम कर दिया.’’ वहीं, बीजू जनता दल के अनुभव मोहंती ने कहा कि ‘फिट इंडिया’ और ‘खेलो इंडिया’ जैसे कदमों के कारण खेलों और फिटेनस को लेकर जागरुकता बढ़ी हैं.

उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं. मोहंती ने कहा कि हारने वाले खिलाड़ियों को हार के बाद ‘मीडिया ट्रायल’ का सामना करना पड़ता है. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सांसद और ओलंपिक पदक विजेता राज्यवर्धन ंिसह राठौर ने कहा कि पहले कहावत थी ‘पढ़ेगो लिखोगो बनोगे नवाब, खेलेगो-कूदोगे बनेगो खराब.’’, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद यह बदला अब लोग कहते हैं कि ‘पढ़ेगो लिखोगो बनोगे नवाब, खेलेगो-कूदोगे बनेगो लाजवाब.’’ उन्होंने कहा कि खेलों को लेकर पूरे देश में माहौल बदला है. जमीनी स्तर से लेकर ऊपर तक की स्थिति बदली है.

राठौर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओलंपिक खेलों में जाने वाले खिलाड़ियों से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया, लेकिन इससे पहले किसी प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने बड़े खिलाड़ियों के साथ कनिष्ठ खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है तथा प्रशिक्षण के लिए आधुनिक सुविधाएं दी गई हैं.

भाजपा सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक ऐेसा वातावरण बना है जहां नायक का सम्मान किया जाता है.
उन्होंने कहा कि युवाओं के नाम पर सिर्फ राजनीति नहीं करनी है, बल्कि उनके लिए नीतियां बनानी होती हैं. राठौर ने कहा कि कई प्रदेशों में मादक पदार्थों का सेवन बढ़ता जा रहा है. इसको रोकने के लिए खेलों को बढ़ावा देना होगा.

चर्चा में हिस्सा लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पूर्व फुटबाल खिलाड़ी प्रसून बनर्जी ने अपने समय की भारतीय फुटबाल टीम की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हम लोग एक ही जर्सी तीन बार पहनते थे, खाने की बहुत खराब हालत थी. अगर सुविधाएं मिलती तो विश्व कप भी खेल सकते थे.

उन्होंने कहा कि एक राज्य, एक खेल की योजना पर काम करन चाहिए. जैसे पश्चिम बंगाल में फुटबाल, पंजाब में हॉकी आदि को बढ़ावा देने के लिए ध्यान केंद्रित करना चाहिए. बनर्जी ने कहा कि सभी ओलंपिक खिलाड़ियों, अर्जुन पुरस्कार विजेताओं को पेंशन देना चाहिए.

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