प्रधानमंत्री मोदी को लगता है कि वह भगवान से ज्यादा जानते हैं: राहुल गांधी

सांता क्लारा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारत में ऐसे लोग हैं जो सोचते हैं कि वे भगवान से अधिक जानते हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका ”एक उदाहरण हैं.” अमेरिकी के कैलिफोर्निया प्रांत के सांता क्लारा में ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस यूएसए’ द्वारा आयोजित ‘मोहब्बत की दुकान’ कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा कि ये लोग ”पूरी तरह से इस बात को लेकर आश्वस्त” हैं कि वे सब कुछ जानते हैं. ये लोग इतिहासकारों को इतिहास, वैज्ञानिकों को विज्ञान और सेना को युद्ध लड़ने के तरीके बता सकते हैं.”

उन्होंने कहा, ” दुनिया इतनी बड़ी तथा जटिल है कि कोई भी व्यक्ति सब कुछ नहीं जान सकता. यह एक बीमारी है… लेकिन भारत में लोगों का एक समूह है जो पूरी तरह से इस बात को लेकर आश्वस्त है कि वे सब कुछ जानते हैं. उन्हें लगता है कि वे भगवान से भी अधिक जानते हैं. ”

कांग्रेस नेता ने कहा, ” ऐसे लोग भगवान के साथ बैठकर उन्हें भी समझा सकते हैं कि क्या हो रहा है. और हमारे प्रधानमंत्री इसका एक उदाहरण हैं. यदि आप मोदी जी को भगवान के साथ बैठा दें तो वह भगवान को समझाएंगे कि ब्रह्मांड कैसे काम करता है और भगवान भी हैरान परेशान हो जाएंगे कि यह मैंने क्या बनाया है.” राहुल गांधी की इस बात पर वहां मौजूद भारतीय- अमेरिकियों ने खूब ठहाके लगाए.

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गांधी पर उनकी इस टिप्पणी को लेकर उन पर पलटवार करते हुए उन्हें ‘फर्जी गांधी’ करार दिया और कहा कि वह ऐसे व्यक्ति हैं जो ”कुछ नहीं जानते”, लेकिन हर विषय के विशेषज्ञ बन गए हैं. जोशी ने दावा किया कि गांधी का इतिहास का ज्ञान उनके परिवार से आगे नहीं बढ. सका है.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने नयी दिल्ली में कहा, ” यह हास्यास्पद है कि जो कुछ भी नहीं जानता है, वह अचानक हर चीज का विशेषज्ञ बन जाता है. एक व्यक्ति जिसका इतिहास ज्ञान अपने परिवार से परे नहीं जाता, वह इतिहास के बारे में बात कर रहा है. ” जोशी ने उपहास उड़ाते हुए कहा, ”आलू से सोना पैदा करने का दावा करने वाला एक व्यक्ति विज्ञान के बारे में व्याख्यान दे रहा है और एक व्यक्ति जिसने कभी पारिवारिक मामलों से आगे कदम नहीं बढ.ाया, अब भारत का नेतृत्व करना चाहता है.”

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, ”नहीं मिस्टर फर्जी गांधी ! भारत का मूल इसकी संस्कृति है. आपकी तरह नहीं जो देश को बदनाम करने के लिए विदेशी धरती का इस्तेमाल करते हैं. भारतीयों को अपने इतिहास पर बहुत गर्व है और वे अपने भौगोलिक क्षेत्र की बहुत अच्छी तरह से रक्षा कर सकते हैं. ” ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस यूएसए’ के अध्यक्ष मोहिंदर सिंह गिलजियान ने बताया कि गांधी के इस कार्यक्रम में न केवल सिलिकॉन वैली बल्कि लॉस एंजिलिस और कनाडा से आए समुदाय के सदस्यों ने भी हिस्सा लिया.

राहुल गांधी (52) ने भारतीय अमेरिकियों से कहा कि भारत की अवधारणा पर हमला हो रहा है और इसे चुनौती दी जा रही है. राजदंड ‘सेंगोल’ को लेकर पैदा हुए विवाद के बारे में गांधी ने कहा कि मोदी और उनकी सरकार बेरोजगारी, महंगाई, नफरत व घृणा फैलाने जैसे मुद्दों का समाधान नहीं कर सकती.

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रविवार को नए संसद भवन में ‘सेंगोल’ स्थापित करने का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ”… भाजपा वास्तव में इन मुद्दों पर चर्चा नहीं कर सकती, इसलिए उन्हें राजदंड की बात करनी पड़ी… दंडवत प्रणाम करना और ये सब….” उन्होंने अमेरिका में भारत का झंडा बुलंद करने, अमेरिकी लोगों की संस्कृति का सम्मान करते हुए उन्हें यह बताने कि एक भारतीय होने का क्या अर्थ होता है, और साथ ही उनसे सीखने और उन्हें अपनी संस्कृति के बारे में बताने के लिए भारतीय अमेरिकियों की सराहना की.

राहुल गांधी ने कहा, ”आपने हम सब को गौरवान्वित किया है. जब हम अपने देश के बारे में सोचते हैं तो आप सभी हमारे राजदूत हैं. जब अमेरिका कहता है कि भारतीय बहुत समझदार हैं, ….भारतीय लोग आईटी के उस्ताद हैं,…. भारतीय लोग सम्मान देते हैं … यह अवधारणा केवल आपके कारण और आपके कार्यों तथा आपके व्यवहार का परिणाम है.” गांधी ने कहा कि आज भारत में गरीब और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ”भारतीय एक-दूसरे से नफरत करने में विश्वास नहीं करते. कुछ लोगों का एक छोटा समूह है जो व्यवस्था और मीडिया को नियंत्रित करता है, वह नफरत की आग को भड़का रहा है.”

उन्होंने कहा, ” महिला आरक्षण विधेयक पर कांग्रेस का रुख एकदम स्पष्ट है. हम विधेयक को पारित कराने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. हमें महिलाओं को राजनीतिक व्यवस्था, व्यवसायों और देश चलाने में उनका उचित स्थान देना होगा.” कुछ खालिस्तान समर्थकों ने गांधी के भाषण को बाधित करने की कोशिश की लेकिन सुरक्षार्किमयों ने उन्हें बाहर निकाल दिया. ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के अध्यक्ष सैम पित्रोदा भी गांधी के साथ कार्यक्रम में मौजूद थे. उन्होंने कहा कि भारत का नेतृत्व करने के लिए गांधी जैसी ”युवा सोच” की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ” हमें किसी खुले दिमाग वाले की जरूरत है. हमें किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जिसके पास व्यापक एवं वैश्विक अनुभव हो. यही कारण है कि हम सभी यहां बड़ी संख्या में लोगों से मिल रहे हैं और बातचीत कर रहे हैं.” पित्रोदा ने कहा, ” मुझे पता है कि आगे की राह मुश्किल है. यह उतना आसान नहीं है… भारत के बारे में हमारी अवधारणा बहुत अलग है.” गांधी अमेरिका के तीन शहरों की यात्रा पर मंगलवार को यहां पहुंचे. इस दौरान वह प्रवासी भारतीयों से बातचीत करने के साथ ही अमेरिकी सांसदों से मुलाकात करेंगे.
पित्रोदा ने पिछले हफ्ते कहा था कि गांधी की यात्रा का मकसद ”वास्तविक लोकतंत्र” के साझा मूल्यों और दृष्टिकोण को बढ.ावा देना है.

उन्होंने एक बयान में कहा था कि गांधी की यात्रा का मकसद विभिन्न लोगों, संस्थानों और मीडिया के साथ जुड़ना, बातचीत करना और नए संवाद की शुरुआत करना है. उन्होंने कहा कि इन लोगों में अमेरिका और विदेशों में प्रवासी भारतीय भी शामिल हैं जो वास्तविक लोकतंत्र के साझा मूल्यों और दृष्टि को बढ.ावा दे रहे हैं.

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