राजनाथ राजनाथ सिंह ने द्विपक्षीय रणनीतिक संबंध मजबूत करने के लिए मंगोलिया से शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की

उलानबटोर. मंगोलिया की यात्रा करने वाले भारत के पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को यहां इस देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की और आपसी विश्वास, साझा हितों, लोकतंत्र के साझा मूल्यों एवं कानून के शासन पर आधारित द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को पूर्णतय: लागू करने का निर्णय लिया.

सिंह ने उलानबटोर स्थित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में भारत की सहायता से निर्मित ‘साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र’ का उद्घाटन भी किया और भारत की मदद से बनने वाले ‘भारत-मंगोलिया मैत्री स्कूल’ की आधारशिला रखी. सिंह ने मंगोलिया के राष्ट्रपति यू. खुरेलसुख, रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल सैखानबयार गुर्सेद और स्टेट ग्रेट खुराल (संसद) के अध्यक्ष जी. जानदनशतार से मुलाकात की.

राजनाथ सोमवार से मंगोलिया तथा जापान की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं. इस यात्रा का मकसद क्षेत्रीय सुरक्षा के हालात और वैश्विक भू-राजनीति में उथलपुथल के बीच दोनों देशों के साथ भारत के रणनीतिक एवं रक्षा संबंधों का विस्तार करना है. सिंह पांच से सात सितंबर तक मंगोलिया में रहेंगे. यह किसी भारतीय रक्षा मंत्री द्वारा इस पूर्वी एशियाई देश की पहली यात्रा है.

सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘मंगोलिया के राष्ट्रपति यू. खुरेलसुख से उलानबटोर में मुलाकात बेहतरीन रही. उनके साथ 2018 में जब मुलाकात हुई थी, तब वह देश के प्रधानमंत्री थे. हम मंगोलिया के साथ अपनी बहुआयामी सामरिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.’’ सिंह को उलानबटोर में रक्षा मंत्रालय में औपचारिक ‘गार्ड आॅफ आॅनर’ दिया गया. इसके बाद उनके और उनके मंगोलियाई समकक्ष के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई.

रक्षा मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रभावी और व्यावहारिक पहलों पर चर्चा की तथा आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया. विज्ञप्ति में बताया गया कि दोनों मंत्रियों ने आपसी विश्वास और समझ, समान हितों और लोकतंत्र के साझा मूल्यों और कानून के शासन पर आधारित रणनीतिक साझेदारी को पूर्णतय: लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की.

इसमें बताया गया कि दोनों मंत्रियों ने भारत-मंगोलिया संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) को फिर से मजबूत करने के अपने संकल्प को दोहराया, जिसकी बैठक इस साल के अंत में भारत में होगी. सिंह ने मंगोलिया के राष्ट्रपति एवं सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ खुरेलसुख से मुलाकात की. अपनी बैठक में दोनों नेताओं ने 2018 की अपनी मुलाकात और पिछली बातचीत को याद किया, जब उन्होंने भारत की सहायता से संचालित तेल रिफाइनरी परियोजना की आधारशिला रखी थी.

रक्षा मंत्री ने मंगोलिया के स्टेट ग्रेट खुराल (संसद) के अध्यक्ष जी. जानदनशतार से भी मुलाकात की. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘मंगोलिया के स्टेट ग्रेट खुराल (संसद) के अध्यक्ष जानदनशतार के साथ बातचीत कर अच्छा लगा. बौद्ध धर्म की हमारी साझा विरासत को बढ़ावा देने और उसका विस्तार करने के लिए उनके निरंतर समर्थन की मैं सराहना करता हूं.’’ सिंह ने यहां राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में भारत सरकार की सहायता से निर्मित साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन किया. अधिकारियों ने उन्हें केंद्र में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी. उन्होंने केंद्र में प्रशिक्षित किए जा रहे मंगोलियाई सशस्त्र बलों के र्किमयों के साथ भी बातचीत की.
विज्ञप्ति में बताया गया कि सिंह ने मंगोलिया के शिक्षा एवं विज्ञान मंत्री के साथ मिलकर ‘भारत-मंगोलिया मैत्री स्कूल’ की आधारशिला रखी, जिसे भारत सरकार की सहायता से स्थापित किया जा रहा है.

विज्ञप्ति में बताया गया कि भारत ने मंगोलिया के साथ 1955 में राजनयिक संबंध स्थापित किए थे. मंगोलिया ने भारत को एक रणनीतिक भागीदार और ‘‘आध्यात्मिक पड़ोसी’’ घोषित किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2015 में यात्रा के दौरान दोनों एशियाई लोकतंत्रों के बीच एक ‘‘रणनीतिक साझेदारी’’ स्थापित हुई थी.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि रक्षा मंगोलिया के साथ द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण तत्व है. मंगोलिया से रक्षा मंत्री दो दिवसीय यात्रा पर जापान जाएंगे. वह आठ और नौ सितंबर को जापान में होंगे. वह जापान के साथ ‘टू प्लस टू’ प्रारूप में आठ सितंबर को होने वाली वार्ता में शामिल होंगे. जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा के वार्षिक भारत-जापान शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत की यात्रा करने के करीब पांच महीने बाद यह वार्ता हो रही है.

सिंह की मंगोलिया यात्रा की घोषणा करते हुए रविवार को रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि यात्रा दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगी. मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘दोनों लोकतांत्रिक देशों के क्षेत्र में शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने को लेकर साझा हित हैं.’’ मंत्रालय के अनुसार, भारत और मंगोलिया रणनीतिक साझेदारी और रक्षा संबंध साझा करते हैं, जो दोनों देशों के बीच संबंधों का अहम आधार है. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2015 में मंगोलिया की यात्रा की थी.

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