दुर्ग में 6 साल की मासूम से दुष्कर्म और हत्या, वकीलों का फैसला, आरोपी के पक्ष में कोई नहीं लड़ेगा केस

दुर्ग: प्रदेश के दुर्ग में 6 साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी कर उसकी हत्या के आरोपी का केस कोई वकील नहीं लड़ेगा। यह फैसला दुर्ग अधिवक्ता संघ ने लिया है। अधिवक्ता संघ के कोषाध्यक्ष अनिल जायसवाल ने कहा, जिले के इतिहास के लिए कल काला दिन था। हमारी संघ ने फैसला लिया है कि कोई भी वकील आरोपी का केस नहीं लड़ेगा।

इस बीच, पुलिस ने मासूम से दुष्कर्म और हत्या के आरोपी चाचा को मंगलवार सुबह करीब 10 बजे दुर्ग कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। सोमवार को पुलिस ने दावा किया कि 5 घंटे की पूछताछ के बाद आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। इस बीच आरोपी पुलिस की कस्टडी में करीब 19 घंटे रहा, लेकिन पुलिस आरोपी से सुबह तक वजह नहीं जान सकी कि उसने रिश्तों को तार-तार करने वाला कदम क्यों उठाया।

क्यों उसे 6 साल की मासूम पर दया नहीं आई। इधर, आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उसकी मानसिक विकृति की नई-नई कहानियां सामने आ रही हैं। आरोपी इससे पहले भी अपने ही परिवार की दूसरी महिला और बेटियों के साथ दुर्व्यवहार करता था।

ऐसे में आम लोगों के बीच ये सवाल उठ रहे हैं कि पुलिस ने आरोपी को रिमांड पर लेकर उससे और पूछताछ क्यों नहीं की। विवेचना अधिकारी शिव चंद्रा के मुताबिक ऐसा कृत्य करने के बाद भी आरोपी के चेहरे पर कोई न शर्म न शिकन दिखी।रातभर कस्टडी में रहने के दौरान एक बार उसने अपने कृत्य पर अफसोस नहीं जताया।

जब उसे खाने के लिए पूछा गया तो भी उसने बेहिचक स्वीकृति दी। रातभर उसके व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया। न ही उसके चेहरे पर कोई शिकन नजर आई। इधर, घटना के बाद से शहरभर के लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। मंगलवार को भी दुर्ग-भिलाई में जगह-जगह प्रदर्शन किए गए। इस दौरान सभी लोगों ने आरोपी को उसके घिनौने कृत्य के बदले कोर्ट से फांसी की सजा देने की मांग की।

कोर्ट परिसर में अधिवक्तागण आरोपी को खुद सजा देने पर उतारू थे। इसके चलते पुलिस ने सुबह 10 बजे कोर्ट खुलते ही आरोपी को पेश कर जेल भेज दिया। मामले में जिला अधिवक्ता संघ दुर्ग ने ऐलान किया कि दुर्ग जिले का कोई भी अधिवक्ता आरोपी की ओर से कोर्ट में प्रकरण की पैरवी नहीं करेगा।

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