कश्मीर में धार्मिक, राजनीतिक नेताओं ने ’72 हूरें ‘ फिल्म पर जताई आपत्ति
श्रीनगर. कश्मीर के प्रमुख धार्मिक और राजनीतिक नेताओं ने अगले महीने रिलीज होने वाली फिल्म ’72 हूरें ‘ में मुसलमानों के नकारात्मक चित्रण की निंदा करते हुए मंगलवार को कहा कि यह फिल्म ”मुसलमान समुदाय की भावनाओं को आहत करती है”. फिल्म का निर्देशन संजय पूरन सिंह चौहान ने किया है. फिल्म में अभिनेता पवन मल्होत्रा और आमिर बशीर ने अहम भूमिका निभाई है. यह फिल्म हिंसक चरमपंथ के परिणामों पर केंद्रित है और सात जुलाई को भारतीय सिनेमाघरों में रिलीज होगी.
जम्मू-कश्मीर के मुफ्ती-ए-आजम नसीर उल इस्लाम ने पीटीआई-भाषा से कहा, ” यह फिल्म पूरी तरह से विवादास्पद है और लोगों, विशेषकर मुसलमानों की भावनाओं को आहत करती है. हम फिल्म के इस नाम को स्वीकार नहीं करने जा रहे हैं. इस फिल्म पर भी प्रतिबंध लगाने की जरूरत है और जो लोग इस प्रकार की फिल्मों का निर्माण कर रहे हैं उन्हें समझना चाहिए कि ऐसी फिल्में विभिन्न समुदायों के बीच सौहार्द और भाईचारे के खिलाफ हैं. ” नसीर उल इस्लाम ने कहा कि वह इस ‘बेहद गंभीर विषय’ पर एक बैठक आयोजित करेंगे.
उन्होंने कहा, ” हम नहीं चाहते कि यह विवाद फैले और हम इस मामले को भारत सरकार के समक्ष उठाने जा रहे हैं. इस मामले पर सभी मुस्लिम संगठनों को भरोसे में लिया जाएगा. इस फिल्म के निर्माताओं को मेरा संदेश है कि उन्हें यह समझना चाहिए कि मुसलमान भारत में रहने वाला दूसरा सबसे बड़ा समुदाय है तथा उन्हें गरिमा, सम्मान और शांति के साथ जीने का अधिकार है और उन्हें उसी भावना के साथ जीने की अनुमति दी जानी चाहिए. ” नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कहा कि पार्टी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ खड़ी है, लेकिन ऐसी फिल्मों के निर्माताओं को प्रचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच के अंतर को समझना चाहिए.
इमरान नबी डार ने कहा, ” इस प्रकार की फिल्में एक विशेष समुदाय को बदनाम कर देती हैं. मुझे लगता है कि भारत में लोगों, खासकर फिल्म प्रमाणन बोर्ड को इस पर फैसला लेने की जरूरत है. उन्हें यह तय करने की आवश्यकता है कि क्या ये फिल्में वास्तव में किसी विशेष मुद्दे को सभी संदर्भों के साथ समझने में लोगों की मदद करती हैं या लोगों को एकतरफा कहानी बताई जा रही है. ” उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस किसी भी समुदाय के खिलाफ किए जा रहे हर तरह के प्रचार को खारिज करती है चाहे वह ‘हिंदू हो या मुस्लिम’.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रवक्ता सुहैल बुखारी ने कहा कि ऐसी कई फिल्में बनी हैं जो न केवल सांप्रदायिक हैं, बल्कि काफी खतरनाक भी हैं और इसका उद्देश्य समाज को खंडित करना और नफरत पैदा करना है, खासकर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ.