मुख्यमंत्री पद की शपथ से पहले रेवंत रेड्डी ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के तौर पर रेवंत रेड्डी के समक्ष छह चुनावी गारंटी पूरी करने की चुनौती

नयी दिल्ली/हैदराबाद. तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनुमूला रेवंत रेड्डी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से एक दिन पहले बुधवार को पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और कुछ अन्य नेताओं से भेंट की.

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के बृहस्पतिवार को हैदराबाद में तेलंगाना के अगले मुख्यमंत्री अनुमूला रेवंत रेड्डी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की संभावना है. सोनिया गांधी से संसद परिसर में जब संवाददाताओं ने सवाल किया कि वह शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगी तो उन्होंने कहा, ”संभवत:.” रेड्डी संसद भवन भी पहुंचे थे, हालांकि उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया. वह शपथ ग्रहण के बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे. वह तेलंगाना की मल्काजगिरि लोकसभा सीट से सांसद हैं.

राहुल गांधी ने रेड्डी को बधाई देते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि उनके नेतृत्व में कांग्रेस सरकार तेलंगाना में सभी गारंटी पूरी करेगी और ‘प्रजाला सरकार’ (जनता की सरकार) साबित होगी. कांग्रेस नेतृत्व ने रेड्डी को मंगलवार को विधायक दल का नेता बनाने का फैसला ‘सर्वसम्मति से’ लिया. रेड्डी सात दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.

रेड्डी तेलंगाना के दूसरे मुख्यमंत्री होंगे. करीब एक दशक पहले तेलंगाना के नए राज्य के रूप में अस्तित्व में आने से लेकर अब तक भारत राष्ट्र समिति के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव मुख्यमंत्री थे. कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में बीआरस को पराजित किया. पार्टी को 119 सदस्यीय विधानसभा में 64 सीटें मिलीं तो बीआरएस को 39 सीटों से संतोष करना पड़ा.

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के तौर पर रेवंत रेड्डी के समक्ष छह चुनावी गारंटी पूरी करने की चुनौती
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के तौर पर बृहस्पतिवार को शपथ लेने जा रहे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख ए. रेवंत रेड्डी के समक्ष हालिया विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस द्वारा दी गई छह चुनावी ‘गारंटी’ पूरी करने की चुनौती होगी. इसके अलावा, रेड्डी को कई अन्य राजनीतिक चुनौतियों का भी सामना करना होगा.

माना जाता है कि राज्य में कांग्रेस की जीत का बड़ा कारण छह गारंटी पेश करने वाला पार्टी का मजबूत (चुनाव) अभियान रहा है.
इन छह गारंटी में तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (आरटीसी) की बसों में महिलाओं के लिए निशुल्क यात्रा का वादा सबसे आकर्षक है.

राज्य सरकार के सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि एक मोटे अनुमान के मुताबिक, आरटीसी महिला यात्रियों से सालाना 2,500 करोड़ रुपये कमाती है. यदि योजना को लागू करना है, तो कांग्रेस सरकार को परिवहन निगम को उतनी ही राशि देनी होगी, जो पहले ही 6,000 करोड़ रुपये के घाटे से जूझ रही है.

कांग्रेस ने दो लाख रुपये तक का कृषि ऋण माफ करने का भी वादा किया है. बीआरएस सरकार ने एक लाख रुपये तक की छूट के लिए 21,000 करोड़ रुपये का बजट रखा था. गणना के अनुसार, कांग्रेस सरकार को कृषि ऋण माफी को लागू करने के लिए अगले पांच वर्षों के लिए कम से कम 35,000 करोड़ रुपये आवंटित करने की आवश्यकता है.

इसी तरह कांग्रेस पार्टी ने रायथु भरोसा गारंटी योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ सालाना 15,000 रुपये और खेतिहर श्रमिकों को 12,000 रुपये देने का वादा किया है. बीआरएस सरकार की रायथु बंधु योजना के तहत, किसानों को सालाना 10,000 रुपये का भुगतान किया जाता था.

बीआरएस सरकार ने पिछले साढ.े पांच वर्षों के दौरान ऐसी ही योजना के तहत 72,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जिससे 70 लाख किसान लाभान्वित हुए. यदि कांग्रेस पार्टी को अपनी योजना को समान मापदंडों के तहत लागू करना है, तो उसे अगले पांच वर्षों में लगभग एक लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी.

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक एस. नागेश कुमार ने कहा कि रेवंत रेड्डी के सामने पहली चुनौती ‘छह गारंटी’ का कार्यान्वयन और राजनीतिक चुनौतियां हैं, क्योंकि पिछली सरकार के विपरीत, कांग्रेस सरकार के सामने संख्या के लिहाज से मजबूत विपक्ष होगा.

तीन दिसंबर को सामने आए नतीजों में कांग्रेस ने 64 सीटें हासिल की जबकि बीआरएस ने 39, भाजपा ने आठ, एआईएमआईएम ने सात और भाकपा ने एक सीट जीती है. तेलंगाना के वित्त वर्ष 2023-24 बजट के अनुसार, कुल राजस्व 2.16 लाख करोड़ आंका गया था जबकि राजस्व व्यय 2.12 लाख करोड़ था.

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