‘रॉकस्टार’ रविंद्र जडेजा ने भी टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा

ब्रिजटाउन. भारत के अनुभवी हरफनमौला रविंद्र जडेजा ने भी विश्व कप जीतने के बाद विराट कोहली और रोहित शर्मा की तरह रविवार को टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया . दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षकों में शुमार जडेजा ने कहा कि वह टेस्ट और वनडे खेलते रहेंगे .

पैंतीस बरस के जडेजा ने इंस्टाग्राम पर टी20 विश्व कप ट्रॉफी के साथ अपनी तस्वीर डालकर लिखा ,” मैं पूरी कृतज्ञता के साथ टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदा ले रहा हूं . गर्व से सरपट दौड़ने वाले दृढ घोड़े की तरह मैने हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देश को दिया है और बाकी प्रारूपों में आगे भी देता रहूंगा .” घुड़सवारी के शौकीन जडेजा ने कहा ,” टी20 विश्व कप जीतना सपना सच होने जैसा था . यह मेरे टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का शिखर था . यादों, हौसलाअफजाई और समर्थन के लिये धन्यवाद . जय हिंद .” गुजरात के जामनगर में छह दिसंबर 1988 को जन्में जडेजा ने श्रीलंका के खिलाफ 2009 में टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया.

जडेजा को घुड़सवारी का बहुत शौक है और वह अक्सर अपने घोड़ों केसर, धनराज और गंगा की सवारी करते हैं. उन्होंने 74 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 515 रन बनाये और 54 विकेट लिये हैं . टी20 में वह 2008 में राजस्थान रॉयल्स की ऐतिहासिक आईपीएल जीत के साथ सुर्खियों में आये जब एक युवा हरफनमौला के रूप में उन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से महत्वपूर्ण योगदान दिया और साथ ही टूर्नामेंट में बेहतरीन क्षेत्ररक्षण भी किया. जिससे उनकी फ्रेंचाइजी के दिवंगत कप्तान शेन वार्न ने उन्हें ‘रॉकस्टार’ नाम दिया.

चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) ने 2012 में जडेजा को लगभग 9.8 करोड़ रुपये में खरीदा जिससे वह नीलामी के सबसे महंगे खिलाड़ी बने. फिर जडेजा ने सीएसके के साथ तीन और आईपीएल खिताब जीते. 2023 में उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया जब उन्होंने गुजरात टाइटन्स के खिलाफ फाइनल की आखिरी गेंद पर चौका लगाकर खिताब दिलाया था.

भारत के लिए जडेजा छह टी20 विश्व कप का हिस्सा रहे जिसमें उन्होंने अपने अंतिम टूर्नामेंट में सफलता का स्वाद चखा. यह भारत की दूसरी टी20 विश्व कप ट्रॉफी थी जिसमें देश ने 17 वर्ष बाद जीता. अपने पूरे टी20 अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान जडेजा ने लगातार महत्वपूर्ण क्षणों में अपनी टीम के लिए सफलतायें दिलाई और मैच का रूख भारत के पक्ष में किया. गेंदबाजी के अलावा जडेजा को उनके क्षेत्ररक्षण ने भी पीढ.ी के बेहतरीन हरफनमौला में से एक बनाया. वह अपने तेज और फुर्तीले ‘रिफ्लेक्स’ और एथलेटिक कौशल के लिए मशहूर हैं.

उनके असाधारण कैच, डायरेक्ट हिट और मैच का रूख बदलने वाले रन आउट उनकी टी20 अंतरराष्ट्रीय विरासत का हिस्सा होंगे.
जडेजा का हरफनमौला खेल 2014 विश्व टी20 में निखर कर सामने आया जिसमें उनकी किफायती गेंदबाजी (7.36 की इकॉनमी से पांच विकेट) और निचले क्रम के महत्वपूर्ण योगदान ने भारत को फाइनल तक पहुंचने में मदद की. रोहित, कोहली और जडेजा के संन्यास से भारत के लिए टी20 अंतरराष्ट्रीय में एक युग का अंत हो गया है. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने भी माना कि टीम को इनकी कमी की भरपाई करने में कम से कम दो साल लगेंगे.

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