आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एबीपीएस बैठक का उद्घाटन किया, मणिपुर की स्थिति पर चर्चा होगी

बेंगलुरु: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक (प्रमुख) मोहन भागवत ने शुक्रवार को आरएसएस के शीर्ष निर्णायक मंडल ‘अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस)’ की तीन दिवसीय बैठक का उद्घाटन किया। इस बैठक में मणिपुर की स्थिति और देश में ‘उत्तर-दक्षिण विभाजन’ पैदा करने के प्रयासों पर चर्चा की जायेगी।
आरएसएस के संयुक्त महासचिव सी आर मुकुंदा ने यहां प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘बैठक में समसामयिक और ज्वलंत मुद्दों पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।’’ इस बैठक में संघ से जुड़े 32 संगठनों के प्रमुख शामिल होंगे।
मुकुंदा ने कहा, ‘‘मणिपुर पिछले 20 महीनों से कठिन दौर से गुजर रहा है, लेकिन अब कुछ उम्मीदें जगी हैं। जब हम मणिपुर को लेकर केंद्र सरकार की दृष्टि को देखते हैं तो इसमें वहां के लोगों के लिए आशा की किरण दिखाई देती है।’’
उन्होंने कहा कि आरएसएस स्थिति का विश्लेषण कर रहा है और उसका मानना है कि ‘सामान्य माहौल बनने में लंबा वक्त लगेगा।’ आरएसएस के संयुक्त सचिव ने कहा कि राष्ट्रीय एकता को चुनौती देने वाली ताकतें ंिचता का विषय हैं।
मुकुंदा ने कहा, “एक संगठन के रूप में हम उन ताकतों को लेकर ंिचता में हैं जो राष्ट्रीय एकता को चुनौती दे रही हैं खासकर उत्तर-दक्षिण के विभाजन को लेकर , चाहे वह परिसीमन की वजह से हो या भाषाओं के कारण।’’ उन्होंने कहा कि आरएसएस के स्वयंसेवक और संघ परिवार से संबंधित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता, विशेष रूप से कुछ राज्यों में सद्भाव लाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।
मुकुंदा के अनुसार, पिछले एक साल में आरएसएस का कई गुना विस्तार हुआ है। उन्होंने बताया,‘‘वर्तमान में 83,129 सक्रिय शाखाएं हैं जो पिछले वर्ष की तुलना में 10,000 से अधिक हैं।”