श्रेयस अय्यर की कमर में फिर दर्द, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला में खेलना संदिग्ध

अहमदाबाद. भारतीय टीम और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) का खिलाड़ियों की चोट का प्रबंधन एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया जब श्रेयस अय्यर की कमर की चोट दोबारा उभर आई. भारत के मध्यक्रम के बल्लेबाज अय्यर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के चौथे दिन रविवार को बल्लेबाजी के लिए नहीं उतरे.

संभावना है कि अय्यर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 17 मार्च से मुंबई में शुरू हो रही तीन मैच की एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला में नहीं खेल पाएं. इस साल विश्व कप सबसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है और अय्यर को आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स की कप्तानी भी करनी है. ऐसे में उन्हें आराम दिए जाने की संभावना है.

कमर में तकलीफ के कारण अय्यर नागपुर में श्रृंखला के पहले टेस्ट में नहीं खेल पाए थे जिसके बाद उन्होंने दिल्ली में दूसरे मैच के लिए टीम में वापसी की थी. हालांकि अब सवाल यह उठ रहा है कि एनसीए ने एक बार फिर ऐसे खिलाड़ी को खेलने की स्वीकृति दी जो पूरी तरह से फिट नहीं था.

पता चला है कि अय्यर ने शनिवार को असहज महसूस किया जिसके बाद रंिवद्र जडेजा को पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया. रविवार को अय्यर मैदान पर भी नहीं आए क्योंकि वह बल्लेबाजी करने की स्थिति में नहीं थे. एक पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ‘‘ऑस्ट्रेलिया की पारी के दौरान लगभग 170 ओवर क्षेत्ररक्षण करने के कारण यह चोट के उभरने का मामला हो सकता है. लेकिन मुझे समझ नहीं आता कि कम से कम एक घरेलू मैच खेलने के अनिवार्य नियम को अय्यर पर लागू क्यों नहीं किया गया.’’

अय्यर नागपुर टेस्ट में नहीं खेल पाए थे लेकिन दूसरे टेस्ट के लिए फिट घोषित किया गया था. वह दिल्ली और इंदौर दोनों टेस्ट में खेले लेकिन उनका शरीर अहमदाबाद में लंबे समय तक क्षेत्ररक्षण करने को नहीं झेल पाया. अय्यर को जब जनवरी में पहली बार कमर की तकलीफ का सामना करना पड़ा था तो वह एक महीने के लिए बाहर रहे थे और एनसीए में कड़े रिहैबिलिटेशन से गुजरे थे और उन्हें फिट घोषित किया गया तो रणजी सत्र खत्म हो चुका था.

पूर्व चयनकर्ता ने कहा, ‘‘लेकिन ईरानी कप होना था और आप अय्यर की वापसी के लिए इंतजार कर सकते थे. इसी तरह के मौसम में उसे ईरानी कम में खेलने देते और देखते कि उसका शरीर उमस भरे हालात में दो दिन क्षेत्ररक्षण करने को झेल पाता है या नहीं.’’

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