सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने जतायी आशंका, अतीक अहमद के बेटे की हत्या कर देगी पुलिस

क्या दूसरा 'विकास दुबे काण्ड' करेगी उप्र सरकार : मायावती

इटावा/लखनऊ. समाजवादी पार्टी (भाषा) के राष्ट्रीय महासचिव डाक्टर राम गोपाल यादव ने प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड मामले में अभियुक्त तथा बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के एक बेटे की आने वाले दिनों में फर्जी मुठभेड़ में हत्या किये जाने की आशंका जाहिर की है.

यादव ने इटावा के सैफई में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘पिछली 24 फरवरी को प्रयागराज में पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल और उसके दो सुरक्षार्किमयों की हत्या के मामले में ”पुलिस को असल अपराधी नहीं मिले हैं.’’ उन्होंने कहा कि पुलिस पर दबाव है कि जो मिल जाए उसे मारो. जो पकड़ में आ जाएगा उसे मारेगें. अतीक अहमद के दोनों लड़कों को पहले ही दिन पुलिस ने पकड़ लिया था. उनमें से किसी एक की हत्या हो जाएगी एक-आध दिन में… आप सब देख लेना.”

उन्होंने कहा ”जब हमारा संविधान आदमी को जीवन जीने का मौलिक अधिकार देता है तो आप किसी की जान नहीं ले सकते हैं. विधि सम्मत तरीके के अलावा और कोई रास्ता नहीं है. जो लोग फर्जी एनकाउंटर करते हैं उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज होता है.”

गौरतलब है कि गत 24 फरवरी को प्रयागराज में एक दुस्साहसिक वारदात में हथियारबंद बदमाशों ने पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल और उसके दो सुरक्षार्किमयों की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल की शिकायत पर धूमनगंज थाने में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके दो बेटों, उसके साथी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.

मामले में शामिल बताये जा रहे अरबाज और विजय चौधरी क्रमश: गत 27 फरवरी और छह मार्च को पुलिस के साथ हुई कथित मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं. अतीक अहमद के परिजनों ने सोमवार को प्रयागराज में एक संवाददाता सम्मेलन में अहमद, उसके भाइयों और बेटों को फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने की आशंका जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगायी थी.

क्या दूसरा ‘विकास दुबे काण्ड’ करेगी उप्र सरकार : मायावती

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कहा कि प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस द्वारा अब तक की गयी कार्रवाई से जनता में कानून के राज को लेकर व्यापक संदेह पैदा हो गया है और पूरा देश देख रहा है कि क्या सरकार अपराधियों को सड़क पर खत्म करने का तरीका अपनायेगी. मायावती ने दो सिलसिलेवार ट्वीट में उमेश पाल हत्याकांड मामले में पुलिस की कार्रवाई पर गम्भीर सवाल उठाये हैं.

उन्होंने कहा, ”प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकाण्ड के बाद इस संबंध में काफी आपाधापी में अब तक की गई पुलिस कार्रवाई जो जनता के सामने आई है, उससे लोगों के बीच प्रदेश में कानून के राज के प्रति भारी संदेह है कि क्या सरकार अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने के लिए दूसरा ‘विकास दुबे काण्ड’ करेगी .” विकास दुबे जुलाई 2020 में कानपुर देहात के बिकरू गांव में आठ पुलिसर्किमयों की घात लगाकर हत्या किये जाने के मामले में मुख्य अभियुक्त था. मध्यप्रदेश से कानपुर लाते वक्त रास्ते में राज्य पुलिस की विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के साथ हुई कथित मुठभेड़ में मारा गया.

प्रयागराज में पिछले महीने हुए उमेश पाल और उसके दो सुरक्षार्किमयों के हत्याकांड के मामले में प्रमुख अभियुक्त पूर्व सांसद अतीक अहमद के परिजन ने अहमद, उसके भाई और बेटों की फर्जी मुठभेड़ में हत्या किये जाने की आशंका जाहिर की है. मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा ”वैसे पुराने राजू पाल हत्याकाण्ड के गवाह उमेश पाल की दिनदहाड़े हुई हत्या को लेकर सरकार कानून-व्यवस्था के मामले में काफी तनाव एवं दबाव में है, मगर पूरा देश देख रहा है कि क्या सरकार कानून द्वारा कानून के राज पर अमल करेगी या अपराधियों को सड़क पर समाप्त करके अपराध रोकेगी?”

माफिया मुख्तार अंसारी के करीबियों के घर पर चलाया गया बुल्डोजर

बांदा जिले में माफिया-राजनेता मुख्तार अंसारी के दो मददगारों द्वारा कराये गये ‘अवैध निर्माण’ को मंगलवार को बुल्डोजर चलाकर ढहा दिया गया है. प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने मंगलवार को बताया कि माफिया-राजनेता मुख्तार अंसारी की मदद करने वाले बांदा शहर कोतवाली क्षेत्र के अलीगंज निवासी रफीक-उस-समद और बांदा नगर के जिला परिषद चौराहे के निवासी इख्तिखार अहमद के मकानों को नक्शा पास नहीं होने और शर्तों का उल्लंघन करने के चलते बुल्डोजर चलाकर ढहा दिया गया.

उन्होंने बताया कि रफीक-उस-समद माफिया मुख्तार अंसारी को जरूरी चीजें उपलब्ध कराता था जबकि अहमद उसके परिजन को ठहरने की सुविधा देता था. दोनों के घर से लाइसेंसी डबल बैरल गन और मान्य सीमा से ज्यादा कारतूस बरामद हुए हैं. इस बारे में लाइसेंस के निरस्तीकरण के लिये भी रिपोर्ट भेजी जा रही है. कुमार ने बताया कि रफीक-उस-समद के घर से सात लाख रुपये नकद भी बरामद हुए हैं. इस संबंध में कार्यवाही के लिये आयकर विभाग से पत्राचार किया जा रहा है.

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