छात्रों का सिविल सेवा परीक्षा के लिए पांच से आठ साल की तैयारी ‘युवा ऊर्जा की बर्बादी’: सान्याल

नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा है कि लाखों छात्र सिविल सेवा परीक्षा के लिए पांच से आठ साल साल की तैयारी करते हैं, यह वास्तव में ‘युवा ऊर्जा की बर्बादी’ है. सान्याल ने कहा कि अगर कोई प्रशासक बनना चाहता है तो उसे ही यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) या ऐसी अन्य परीक्षाओं के लिए प्रयास करने चाहिए.

उन्होंने कहा, ”यूपीएससी या ऐसी अन्य परीक्षाओं का प्रयास करना बिल्कुल ठीक है, लेकिन केवल तभी जब व्यक्ति प्रशासक बनना चाहता हो.” सान्याल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा है, ”समस्या यह है कि लाखों युवा इस परीक्षा को पास करने के लिए पांच से आठ साल लगा रहे हैं. इसे उन्होंने जीवन का ढर्रा बना लिया. यह वास्तव में युवा ऊर्जा की बर्बादी है.”’ उन्होंने लिखा है कि यह आश्चर्य की बात हो सकती है, लेकिन उनकी इस राय से ज्यादातर नौकरशाह सहमत हैं. उनकी भी सोच यही है. ये वे लोग हैं जिन्होंने किसी समय परीक्षा पास की थी.

सान्याल ने कहा, ”उन लोगों के लिए एक या दो प्रयास ठीक हैं जो वास्तव में प्रशासक बनना चाहते हैं. लेकिन इसके लिए अपने 20 से 30 साल की उम्र का बड़ा हिस्सा लगाना सही नहीं है. यह नुकसानदायक है.” अर्थशास्त्री ने कहा कि एक पूरा उद्योग ‘वास्तव में कोटा जैसे पूरा शहर’ एक परीक्षा की तैयारी से जुड़ा है. जबकि इसमें से एक प्रतिशत से भी कम आवेदक सफल होंगे.

उन्होंने कहा, ”और यह हर साल हो रहा है. कल्पना कीजिए कि इस बड़े प्रयास को दूसरे क्षेत्रों में लगाया जाए तो क्या परिणाम होंगे.” यूपीएससी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों का चयन करने के लिए हर साल तीन चरणों में सिविल सेवा परीक्षा… प्रारंभिक, मुख्य और व्यक्तित्व परीक्षण (साक्षात्कार)…आयोजित करता है.

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