सुकांत मजूमदार हिंसा प्रभावित बेलडांगा जाते समय एहतियातन गिरफ्तार, बाद में जमानत पर रिहा

कोलकाता. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार को मुर्शिदाबाद से सटे हिंसा प्रभावित बेलडांगा जाने के दौरान बुधवार दोपहर को पुलिस ने ”निवारक” उपायों के तहत गिरफ्तार में कर लिया. पुलिस द्वारा नादिया जिले के कृष्णानगर इलाके में निषेधाज्ञा लागू की गई थी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. हालांकि, कुछ घंटों बाद मजूमदार को जमानत पर रिहा कर दिया गया.

अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री के खिलाफ यह कार्रवाई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 170 के तहत की गई. इस धारा के तहत गिरफ्तारी संभावित संज्ञेय अपराधों को रोकने के लिए की जाती है. कृष्णानगर पुलिस जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”मजूमदार की एहतियातन गिरफ्तारी बीएनएसएस की धारा 170 के तहत की गई. वह उस स्थान की ओर जा रहे थे जहां निषेधाज्ञा लागू थी.” कोतवाली थाना के अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद मजूमदार ने कहा, ”मैं वहां की स्थिति का जायजा लेने के लिए बेलडांगा जाने की कोशिश कर रहा था. पुलिस द्वारा हमें बेलडांगा जाने से रोकने के विरोध में हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं ने अन्य इलाकों में सड़क बाधित कर दी है.” मजूमदार की गिरफ्तारी के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया.

इससे पहले मजूमदार के काफिले को पुलिस ने मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा जाते वक्त रोक दिया था. बेलडांगा में दो समुदायों के बीच झड़प में करीब 17 लोग घायल हो गए हैं. पुलिस ने क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला दिया और कहा कि भाजपा नेता के दौरे से शांति भंग हो सकती है. कार्तिक पूजा के लिए बनाए गए अस्थायी गेट पर लगे बोर्ड पर आपत्तिजनक संदेश को लेकर शनिवार रात बेलडांगा में दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी.

पुलिस के एक बड़े दल ने नादिया जिले के कृष्णानगर में मजूमदार के काफिले को रोक दिया जिसके बाद भाजपा सांसद ने धरना दिया.
मजूमदार ने संवाददाताओं से कहा, ” पुलिस कह रही है कि इलाके में निषेधाज्ञा लागू है इसलिए मैं वहां नहीं जा सकता. उन्होंने मुझे बेलडांगा से करीब 70 किलोमीटर पहले ही रोक लिया. हम वहां कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने नहीं जा रहे हैं. हमने उनसे डीएम या एसपी कार्यालय तक ले जाने को कहा लेकिन वे हमें जाने नहीं दे रहे हैं.”

कृष्णानगर पुलिस जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मजूमदार को एहतियात के तौर पर रोका गया क्योंकि आशंका थी कि उनके दौरे से इलाके में शांति भंग हो सकती है. उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”यह एक एहतियाती कदम था. हम किसी को भी बेलडांगा में प्रवेश की अनुमति नहीं दे सकते क्योंकि वहां निषेधाज्ञा लागू है.” बेलडांगा में दो समुदायों के बीच हुई झड़प में कम से कम 17 लोगों के घायल होने और संपत्तियों को नुकसान पहुंचने के बाद जिला प्रशासन ने इलाके में निषेधाज्ञा लागू करते हुए इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी.

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