शिखर सम्मेलन: प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत की महत्ता को रेखांकित किया

पोर्ट मेरेस्बी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रशांत द्वीप देशों के लिए स्वतंत्र एवं मुक्त ंिहद प्रशांत की महत्ता को सोमवार को रेखांकित किया और कहा कि चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) समूह इस दिशा में काम कर रहा है। मोदी ने ंिहद-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच (एफआईपीआईसी) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए बहुपक्षवाद की आवश्यकता और सभी देशों की संप्रभुता एवं अखंडता का सम्मान किए जाने पर जोर दिया।

यह शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब चीन इस क्षेत्र में अपना सैन्य एवं राजनयिक प्रभाव बढ़ाने के प्रयास कर रहा है।
मोदी ने कहा, ‘‘आपकी तरह हम भी बहुपक्षवाद में भरोसा करते हैं, स्वतंत्र, मुक्त एवं समावेशी ंिहद-प्रशांत का समर्थन करते हैं और सभी देशों की संप्रभुता एवं अखंडता का सम्मान करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि क्वाड इस दिशा में काम कर रहा है। भारत, जापान, आॅस्ट्रेलिया और अमेरिका क्वाड के सदस्य देश हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘हम बिना किसी हिचकिचाहट के आपके साथ (हर क्षेत्र में) अपनी क्षमताएं एवं अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं, फिर भले ही वह डिजिटल प्रौद्योगिकी हो या अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सुरक्षा हो या खाद्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन हो या पर्यावरणीय सुरक्षा। हम आपके साथ हैं।’’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्राथमिकता होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इसके लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार हमारी साझा प्राथमिकता होनी चाहिए।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के अपने समकक्ष जेम्स मारापे के साथ इस शिखर सम्मेलन की सह अध्यक्षता की।

भारत का 14 प्रशांत द्वीप देशों (पीआईसी) के साथ जुड़ाव उसकी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का हिस्सा है। प्रधानमंत्री मोदी ने फिजी की अपनी यात्रा के दौरान 19 नवंबर, 2014 में सुवा में पहले एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। एफआईपीआईसी का दूसरा शिखर सम्मेलन 21 अगस्त, 2015 को जयपुर में हुआ था, जिसमें सभी 14 पीआईसी ने भाग लिया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button