कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए सतही उपाय काफी नहीं, राजनीतिक सशक्तीकरण जरूरी: कांग्रेस

तुलमुल्ला. कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए उन्हें राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने की आवश्यकता पर मंगलवार को जोर दिया. गांदरबल जिले के तुलमुल्ला में वार्षिक खीर भवानी मेले के दौरान रागन्या देवी मंदिर में दर्शन के बाद संवाददाताओं से मुखातिब कर्रा ने कहा, “हम चाहते हैं कि पंडित भाई लौट आएं, लेकिन यह केवल सतही उपाय के जरिये संभव नहीं हो सकता.” कर्रा ने इस बात पर जोर दिया कि कश्मीरी पंडितों को “स्वाभाविक” तरीके से लौटने के लिए प्रेरित करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, “हमें उनके लिए सीट आरक्षित करके उन्हें राजनीतिक रूप से सशक्त बनाना होगा ताकि वे यहां के लोगों के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकें. यह एकीकृत करने का एक स्वाभाविक तरीका है, जो बहुत आवश्यक है.”

कर्रा ने कहा, “हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी यहां (खीर भवानी मेला में) आए हैं. हमने मिल-जुलकर त्योहार मनाए हैं.” कांग्रेस नेता ने कहा कि खीर भवानी मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का शामिल होना पहलगाम आतंकवादी हमले का करारा जवाब है. उन्होंने कहा कि मेले में उमड़ी भीड़ दर्शाती है कि कश्मीर के लोग धार्मिक भाईचारे में विश्वास करते हैं.

खीर भवानी मेला कश्मीरी पंडितों के सबसे बड़े धार्मिक समारोहों में से एक है. मंगलवार को ‘ज्येष्ठ अष्टमी’ के अवसर पर इसका भव्य आयोजन किया गया. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सैकड़ों श्रद्धालु, जिनमें अधिकतर कश्मीरी पंडित शामिल हैं, गांदरबल जिले में आयोजित वार्षिक मेले में हिस्सा लेने के लिए रविवार तड़के जम्मू से 60 बसों के काफिले में सवार होकर घाटी के लिए रवाना हुए.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button