चुनावी बॉण्ड मामले की उच्चतम न्यायालय जांच कराए, भाजपा के खातों पर रोक लगे: कांग्रेस

नयी दिल्ली/बेंगलुरु/पटना. कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि चुनावी बॉण्ड योजना से जुड़े मामले की उच्चतम न्यायालय को उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए और सच सामने आने तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगाई जाए. निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को चुनावी बॉण्ड के आंकड़े सार्वजनिक किए. उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 12 मार्च को आयोग के साथ आंकड़े साझा किये थे.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ”प्रधानमंत्री कहते हैं ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’, लेकिन आज उच्चतम न्यायालय ने यह उजागर कर दिया है कि कैसे भाजपा ने चुनावी बॉण्ड से पैसा बनाया है. एसबीआई द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से पता चलता है कि भाजपा को कुल चंदे का 50 प्रतिशत से अधिक मिला, जबकि कांग्रेस को केवल 11 प्रतिशत मिला.” खरगे ने कांग्रेस के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई का हवाला देते हुए कहा, ”आयकर विभाग को ऐसा करने का निर्देश दिया गया था और लगभग 300 करोड़ रुपये ‘फ्रीज’ कर दिए गए हैं…हम चुनाव में कैसे जा सकते हैं? आप चुनावी बॉण्ड के माध्यम से करोड़ों रुपये एकत्र कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस को कार्यकर्ताओं, सांसदों और अन्य लोगों से चंदा मिला.”

उन्होंने कहा, ” हमारा खाता बंद है, उनका खाता खुला है. उन्हें 6,000 करोड़ रुपये मिले, जबकि दूसरों को बहुत कम मिला.” खरगे ने सवाल किया, ”अगर विपक्षी पार्टी का खाता ‘फ्रीज’ कर दिया जाएगा, तो वह चुनाव कैसे लड़ेगी? समान अवसर कहां है?” इसलिए मैं उच्चतम स्तर पर जांच की मांग करता हूं. जब तक सच्चाई सामने नहीं आती, तब तक उनके (भाजपा) खाते से भी लेन-देन पर रोक लगाई जानी चाहिए. यह पता लगाने के लिए एक विशेष जांच की जानी चाहिए कि क्या उन्हें किसी एहसान के बदले में या उत्पीड़न अथवा चंदे के बदले मामलों को बंद करने के एवज में पैसे मिले हैं.”

कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ” हम भाजपा द्वारा भ्रष्टाचार की इस गाथा की जांच के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय से उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं.” कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “1,300 से अधिक कंपनियों और व्यक्तियों ने चुनावी बॉण्ड के रूप में चंदा दिया है, जिसमें 2019 के बाद से भाजपा को मिला 6,000 करोड़ से अधिक का चंदा शामिल है.” उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावी बॉण्ड के आंकड़े भाजपा की कम से कम चार भ्रष्ट तरकीबों – ‘लाभ के बदले लाभ पहुंचाने’, ‘हफ्ता वसूली ‘, ‘रिश्वतखोरी ‘ और ‘मुखौटा कंपनियों के माध्यम से धनशोधन’ को उजागर करते हैं.

रमेश ने दावा किया कि ऐसी कई कंपनियों के मामले हैं जिन्होंने चुनावी बॉण्ड के रूप में चंदा दिया और इसके तुरंत बाद सरकार से भारी लाभ प्राप्त किया. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की ”हफ्ता वसूली रणनीति” बिल्कुल सरल है और वह यह है कि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय), सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) और आयकर विभाग के जरिए किसी कंपनी पर छाप मारो और फिर उससे ”हफ्ता” (चंदा)मांगो. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि 30 चंदादाताओं में से कम से कम 14 के खिलाफ पहले छापे मारे गए थे. उन्होंने कहा कि आंकड़ों से यह जानकारी सामने आती है कि केंद्र सरकार से कुछ मदद मिलने के तुरंत बाद कंपनियों ने चुनावी बॉण्ड के माध्यम से एहसान चुकाया.

उन्होंने दावा किया, ”वेदांता को तीन मार्च 2021 को राधिकापुर पश्चिम निजी कोयला खदान मिली और फिर उसने अप्रैल 2021 में 25 करोड़ रुपये का चुनावी बॉण्ड के रूप में चंदा दिया.” रमेश ने कहा, ”चुनावी बॉण्ड योजना के साथ एक बड़ी समस्या यह थी कि इसने यह प्रतिबंध हटा दिया कि किसी कंपनी के मुनाफे का केवल एक छोटा हिस्सा ही दान किया जा सकता है. इसके कारण मुखौटा कंपनियों के लिए काला धन दान करने का मार्ग प्रशस्त हो गया.”

उनका कहना है, ”एक अन्य प्रमुख मुद्दा गुम आंकड़े का है. एसबीआई द्वारा प्रदान किए गए आंकड़े में केवल अप्रैल 2019 से जानकारी दी गई है, लेकिन एसबीआई ने मार्च 2018 में बॉण्ड की पहली किश्त बेची. इन आंकड़ों से 2,500 करोड़ रुपये के बॉण्ड गायब हैं. मार्च 2018 से अप्रैल 2019 तक इन गायब बॉण्ड का डेटा कहां है?” उन्होंने कहा, ”चुनावी बॉण्ड की पहली किश्त में, भाजपा को 95 प्रतिशत धनराशि मिली. भाजपा किसे बचाने की कोशिश कर रही है?” रमेश ने कहा, ”जैसे-जैसे चुनावी बॉण्ड के आंकड़ों का विश्लेषण जारी रहेगा, भाजपा के भ्रष्टाचार के ऐसे कई मामले स्पष्ट होते जाएंगे. हम बॉण्ड आईडी नंबर की भी मांग करते हैं, ताकि हम चंदा देने वालों और लेने वालों का सटीक मिलान कर सकें.”

रिश्वतखोरी को वैध बनाने की योजना थी चुनावी बॉण्ड: चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि चुनावी बॉण्ड योजना को ‘रिश्वतखोरी को वैध बनाने’ और सत्तारूढ़ पार्टी को इसका सबसे बड़ा लाभार्थी बनाने के मकसद से तैयार किया गया था. चुनावी बॉण्ड के आंकड़े सार्वजनिक होने के बाद चिदंबरम ने यह टिप्पणी की है.

उन्होंने ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव-2024’ में कहा, ”जिस दिन चुनावी बॉण्ड योजना सामने लाई गई थी, उसी दिन मैंने कहा था कि यह वैध रिश्वतखोरी है. मैं अब भी उस पर कायम हूं. बेहतर प्रणाली एक बहु-आयामी प्रणाली होती है.” चिदंबरम ने कहा, ”चुनाव लोकतंत्र का पर्व है. इसमें बहुत सारी बयानबाजी, गीत-नृत्य, भाषण होने चाहिए… चुनाव आयोग ने सब कुछ प्रतिबंधित कर दिया है… उम्मीदवारों के लिए खर्च की बड़ी सीमा की अनुमति दें. इतनी कम रकम पर कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकता और जीत नहीं सकता.” कांग्रेस नेता ने कहा कि बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाने के बजाय चुनावी बॉण्ड योजना पेश की गई, जो ”रिश्वतखोरी को वैध बनाने” और यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार की गई थी कि सत्तारूढ़ दल इसका सबसे बड़ा लाभार्थी बने.

यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत हासिल करना बहुत आसान है, तो चिदंबरम ने कहा, ”कुछ भी अवश्यंभावी नहीं है. जब 2004 में पूरे देश में ‘इंडिया शाइनिंग’ (भारत उदय) अभियान जोरों पर था, तो आपका चैनल कहां था? श्री (अटल बिहारी) वाजपेयी, जो एक उदारवादी व्यक्ति थे, उन्होंने अभियान का नेतृत्व किया, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें आठ सीट के अंतर से मात दे दी थी.” उनका कहना था, ”मैं मानता हूं कि अगर हिंदी भाषी राज्य उसी तरीके से वोट करते हैं, जैसे उन्होंने पिछली बार वोट दिया था, तो हमारे सामने एक लड़ाई है. ‘इंडिया’ गठबंधन इस लड़ाई से कैसे निपटेगा, यह उसके नेताओं को तय करना है. हम तमिलनाडु में 2019 का परिणाम दोहराएंगे.”

चुनावी बॉण्ड डेटा साबित करता है कि भाजपा आजाद हिंदुस्तान की सबसे भ्रष्ट पार्टी है: राजद

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता मनोज झा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि चुनावी बॉण्ड के आंकड़ों से साबित हो गया है कि केंद्र में सत्तारूढ. भाजपा आजाद हिंदुस्तान की सबसे भ्रष्ट पार्टी है. राजद प्रवक्ता झा ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से बातचीत के दौरान चुनावी बॉण्ड के आंकड़ों के बारे में कहा, “और भी परतें खुलेंगी. आजाद हिंदुस्तान की सबसे भ्रष्ट पार्टी भाजपा है. और जो व्यक्ति कहते थे कि न खाएंगे और न खाने देंगे, वह खा भी रहे और खिला भी रहे हैं.

उन्होंने पर्दा डाल रखा था. वह तो धन्यवाद उच्चतम न्यायालय का है कि सच्चाई सामने आ गई. इडी की छापेमारी होती है. घंटों में चुनाव बॉण्ड खरीदे जाते हैं. और वे बांड कहां पहुंचे. विश्व की तथाकथित सबसे बड़ी और सबसे धनी पार्टी के पास. दूध का दूध पानी का पानी हो गया.” झा ने पेट्रोल की कीमतों में कटौती के बाद सोशल मीडिया पर “धन्यवाद मोदी जी” संदेशों की बाढ. लाने के लिए भी भाजपा नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा, “हम ‘धन्यवाद मोदी जी’ टैग-लाइन के साथ बड़े-बड़े पोस्टर लगाएंगे. लेकिन तेल की कीमतों में वृद्धि के लिए हमेशा अंतरराष्ट्रीय बाजारों को जिम्मेदार ठहराने वाली सरकार से हम यह भी जानना चाहेंगे कि इस कटौती का आदेश किसने दिया?”

राजद नेता ने कहा, “जाहिर है, अगर सरकार पेट्रोल की कीमतों में कटौती का आदेश दे सकती है, तो उसे सबसे पहले नियंत्रण से बाहर हो रही कीमतों के लिए जिम्मेदारी स्वीकार करनी होगी.” झा ने आरोप लगाया, ” ऐसा लगता है कि लोकसभा चुनाव से पहले कीमतों में केवल दो रुपये प्रति लीटर की कटौती करके, सरकार लोगों को धोखा देने पर आमदा है.”

नीतीश कुमार मंत्रिमंडल के विस्तार में देरी के बाद बिहार में सत्तारूढ. राजग में बेचैनी की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर, राजद नेता ने कहा, “हमारे नेता तेजस्वी यादव की बढ.ती लोकप्रियता के कारण उस खेमे में बेचैनी है. तेजस्वी का मतलब नौकरी एक चर्चा का विषय बन गया है.” हालाँकि, राजद नेता ने दिवंगत राम विलास पासवान की लोजपा के दो गुटों के बीच रस्साकशी से सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया. एक गुट रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान है जबकि दूसरा गुट उनके भाई और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस का है.

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