मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से जिलों में प्रवास कर आपदा राहत और बचाव कार्यों को प्रभावी बनाने के लिए कहा
देहरादून: उत्तराखंड में निरंतर जारी बारिश के कारण विभिन्न जगहों पर आपदा की स्थिति के मद्देनजर मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने शनिवार को अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को निर्देश दिये कि वे अपने-अपने प्रभार वाले जनपदों में प्रवास कर राहत और बचाव कार्य को और प्रभावी बनाएं।
मौसम विज्ञान केंद्र ने अपने ताजा पूर्वानुमान में प्रदेश में देहरादून सहित सात जिलों में 16 और 17 जुलाई को कहीं-कहीं बहुत भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है जिसे देखते हुए जिलाधिकारियों को सावधानी बरतने के आदेश दिए गए हैं।
राज्य में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जगह-जगह भूस्खलन से मार्ग बंद होने, नदियों के उफान पर होने के कारण पुल के बहने और बाढ़ के कारण आपदा के हालात उत्पन्न हो गए हैं।
स्वयं स्थिति की निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री के निर्देशों पर पूरी प्रशासनिक मशीनरी राहत और बचाव कार्यों में तत्परता से लगी हुई है।
धामी ने अब अपने मंत्रियों से अपने प्रभार वाले जनपदों में रुककर राहत एवं बचाव कार्यों की देखरेख करने को कहा है जिससे उन्हें और अधिक प्रभावी ढंग से संचालित किया जा सके।
इस बीच, हरिद्वार जिले के बाढ़ प्रभावित लक्सर, भगवानपुर, हरिद्वार और रूड़की के विभिन्न क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्य चलाए जा रहे हैं। जिले में 11 से 14 जुलाई तक हुई भारी बारिश के कारण आई बाढ़ में जहां तीन लोगों की मौत हो गयी थी वहीं दर्जनों गांव इससे प्रभावित हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, प्रभावित गांवों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है और खाद्य पैकेट, पेयजल और राहत किट का वितरण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रभावित परिवारों को सहायता राशि भी दी जा रही है।
हरिद्वार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संवेदनशील स्थानों पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, पुलिस और सेना की टीम तैनात की गयी हैं। प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव सविन बंसल ने यहां बताया कि उपग्रह से प्राप्त चित्रों के विश्लेषण से पता चला है कि जिले के 511 गांव जलभराव से प्रभावित हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को हरिद्वार के बाढग़्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया था और अधिकारियों को प्रभावित लोगों तक तत्काल सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए थे। प्रदेश के कई मार्ग भूस्खलन के कारण बंद हो गए हैं। ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग पागलनाला में भूस्खलन के कारण कुछ घंटों के लिए अवरुद्ध हो गया था जिसे अब खोल दिया गया है।
प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पांडे ने प्रदेश में विभिन्न जगहों पर बंद सड़कों तथा पुलों पर यातायात बाधित होने के संबंध में एक बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो रहे पुलों की समुचित मरम्मत करने तथा समय-समय पर उनकी जांच करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने मानसून के दौरान अधिकारियों को अलर्ट पर रहने, अवकाश पर नहीं जाने, फोन पर उपलब्ध रहने, बंद मार्गों को तत्काल खोलने, भूस्खलन की संभावना वाले क्षेत्रों में पहले से मशीन तैनात करने तथा जल्द वैकल्पिक मार्ग बनाने के निर्देश दिए थे।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 395 मार्ग अवरुद्ध हैं जिन्हें खोलने के लिए 478 मशीन लगायी गयी हैं।
मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में 16 और 17 जुलाई को टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार और देहरादून तथा 17 जुलाई को चंपावत, नैनीताल और उधमंिसह नगर जिलों में कहीं-कहीं बहुत भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी है। इसे देखते हुए राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से जिलाधिकारियों को सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं ।