दिल्ली चुनाव में कांग्रेस के साथ गठजोड़ की कोई संभावना नहीं : केजरीवाल
नयी दिल्ली. आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठजोड़ की संभावना से बुधवार को एक बार फिर इनकार किया. पहले ऐसी खबरें थीं कि दोनों दल मिलकर यह चुनाव लड़ सकते हैं. वहीं, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव ने भी कहा कि उनकी पार्टी फरवरी में होने वाले चुनाव में अकेले उतरेगी, क्योंकि वह चुनाव जीतने के लिए बहुत मजबूत स्थिति में है. सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में केजरीवाल ने कहा कि आप दिल्ली में अपने बलबूते पर ही चुनाव लड़ेगी.
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, ”कांग्रेस के साथ गठबंधन की कोई संभावना नहीं है.” उनकी प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि दोनों दल फरवरी में होने जा रहे दिल्ली विधानसभा के चुनाव के लिए हाथ मिला सकते हैं. यादव ने कहा कि कांग्रेस दिल्ली चुनाव के लिए आप के साथ गठबंधन नहीं करेगी, क्योंकि पार्टी को इस साल के शुरू में हुए लोकसभा चुनाव में केजरीवाल-नीत दल के साथ गठबंधन करने की भारी कीमत चुकानी पड़ी थी.
यादव ने कहा कि कांग्रेस द्वारा आयोजित महीने भर लंबी “दिल्ली न्याय यात्रा” के दौरान लाखों लोगों से उन्हें यह फीडबैक मिला कि पार्टी को विधानसभा चुनाव अकेले ही लड़ना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि आप नेताओं- केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और संजय सिंह- के भ्रष्टाचार और धनशोधन मामलों में जेल जाने के बाद सत्तारूढ. ने अपनी विश्वसनीयता और लोगों का भरोसा खो दिया है.
इस माह के शुरू में भी केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावना से इनकार किया था. हाल में विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के इन दोनों घटकों के बीच गठजोड़ को लेकर चर्चा तब शुरू हुई जब बुधवार को कांग्रेस द्वारा आयोजित किए जाने वाले ‘न्याय चौपाल’ कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया. इस कार्यक्रम में पार्टी नेता राहुल गांधी को भाग लेना था.
इसके अलावा, केजरीवाल ने मंगलवार को राकांपा (एसपी) के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की थी. उन्होंने ऐसे समय में पवार से मुलाकात की जब ‘इंडिया’ गठबंधन का नेतृत्व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को देने की मांग उठ रही है. वर्तमान में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस राजनीतिक गठबंधन के अध्यक्ष हैं. हालांकि, अब तक न तो केजरीवाल और न ही आप ने इस मुलाकात में हुई चर्चा पर कोई टिप्पणी की है.
सूत्रों ने बताया कि इन घटनाक्रमों को इस तरह देखा जा रहा है कि कांग्रेस और आप आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सावधानी से अपने कदम उठा रही हैं, ताकि भविष्य के विकल्प खुले रहें. आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि उनकी पार्टी और कांग्रेस के बीच किसी भी संभावित गठबंधन की खबरें ह्लपूरी तरह से निराधारह्व हैं.
चड्ढा ने कहा, ह्लदिल्ली में किसी भी गठबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है. मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे इस तरह की निराधार अफवाहों का प्रचार न करें. आप अपने बल पर चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है.ह्व आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने अब स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होने वाला है.
सिंह ने कहा कि आप अपने बल पर चुनाव लड़ेगी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ”एक बार फिर करारी शिकस्त देगी, जैसा उसने 2015 और 2020 में किया था. उस वक्त आप ने 70 विधानसभा सीट में से क्रमश? 67 और 62 सीट जीती थीं.” आप और कांग्रेस ने इस साल के शुरू में मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वे भाजपा के हाथों सभी सात सीट हार गई थीं.
हालांकि, कई दौर की बातचीत के बाद भी ये दोनों दल अक्टूबर में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन नहीं कर पाए थे.
आप ने दिल्ली चुनाव के सिलसिले में अब तक कुल 31 उम्मीदवारों की दो सूची जारी की हैं. बाकी प्रत्याशियों की सूची भी शीघ्र आने की संभावना है. दिल्ली में 1998 से सत्ता से दूर भाजपा का लक्ष्य यहां से आम आदमी पार्टी को अपदस्थ करने का है.