कुलदीप को बाहर करना अविश्वसनीय: गावस्कर

कुलदीप को अंतिम एकादश में नहीं रखने का फैसला टीम प्रबंधन का: उमेश यादव

नयी दिल्ली/मीरपुर. स्पिनर कुलदीप यादव को दूसरे टेस्ट की अंतिम एकादश से बाहर करने के हैरानी भरे फैसले की पूर्व महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने आलोचना करते हुए इसे ‘अविश्वसनीय’ करार दिया है. बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप ने चटगांव में पहले टेस्ट की पहली पारी में करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 40 रन पर पांच विकेट चटकाए थे. उन्होंने दूसरी पारी में भी तीन विकेट हासिल करते हुए मैच में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 113 रन देकर आठ विकेट अपने नाम किए थे जिससे भारत ने यह मैच 188 रन से जीता था.

मीरपुर में गुरुवार को शुरू हुए दूसरे टेस्ट में हालांकि अंतिम एकादश में तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट ने उनकी जगह ली जिससे गावस्कर, पूर्व टेस्ट गेंदबाज डोडा गणेश और पूर्व महिला कप्तान अंजुम चोपड़ा हैरान थी कि आखिक टीम प्रबंधन ने ऐसा फैसला क्यों किया.

सीरीज के प्रसारणकर्ता ‘सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क’ पर कमेंटरी करते हुए गावस्कर ने कहा, ‘‘मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को बाहर करना, यह अविश्वसनीय है. मैं सिर्फ इसी शब्द का इस्तेमाल कर सकता हूं और यह एक सौम्य शब्द है. मैं काफी कड़े शब्दों का इस्तेमाल करना चाहता था लेकिन यह अविश्वसनीय है कि आपने मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को बाहर कर दिया जिसने 20 में से आठ विकेट चटकाए.’’

उन्होंने कहा, ‘‘आपके पास दो और स्पिनर (रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल) थे. निश्चित तौर पर अन्य स्पिनरों में से किसी एक को बाहर किया जा सकता था. लेकिन उस खिलाड़ी को जिसने आठ विकेट चटकाए, उसे पिच को देखते हुए आज खेलना चाहिए था.’’ गणेश हैरान हैं कि कुलदीप के साथ ऐसा व्यवहार किया गया. चार टेस्ट खेलने वाले इस तेज गेंदबाज ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘कुलदीप यादव के साथ बार-बार ऐसा क्यों होता है. आप बार-बार उसके साथ ऐसा नहीं कर सकते. कृपया करके उसके कंधे पर हाथ रखकर बोलें कि हौसला नहीं खोए. हां, कुलदीप यादव के साथ बुरा हुआ. उसके लिए दुखी हूं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही जैसे पिछले टेस्ट में बांग्लादेश के खिलाड़ियों को उसकी गेंदों को समझने में परेशानी हो रही थी इसे देखते हुए उसे आज बाहर करने का फैसला और अधिक मूर्खतापूर्ण और क्रिकेट के तर्क के खिलाफ है. क्या आप चाहते हैं कि आपका मैच विजेता बाहर बैठे.’’

गणेश ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अच्छा प्रदर्शन करने वाले युवा खिलाड़ियों को लेकर ंिथक टैंक को और अधिक संयम दिखाना चाहिए और उसी के अनुसार टीम संयोजन में बदलाव करना चाहिए. पिछली बार उन्होंने नाबाद 303 रन की पारी खेलने वाले करूण नायर को बाहर करके हैदराबाद में अतिरिक्त तेज गेंदबाज खिलाया था. और अब यह कुलदीप यादव के साथ हुआ. स्तब्ध करने वाला.’’ कुलदीप ने बल्ले से भी उम्दा प्रदर्शन करते हुए पहली पारी में 40 रन बनाए थे.

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान अंजुम ने भी कुलदीप को बाहर करने को अजीब करार दिया. अंजुम ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘सिर्फ तीन दिन पहले भारत के पिछले टेस्ट मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी कुलदीप यादव को बाहर करने तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में जयदेव उनादकट को खिलाया गया. हैरानी भरा लेकिन रणनीतिक बदलाव.’’

कुलदीप को अंतिम एकादश में नहीं रखने का फैसला टीम प्रबंधन का: उमेश यादव

पिछले मैच के नायक रहे कुलदीप यादव को बांग्लादेश के खिलाफ चल रहे दूसरे टेस्ट के लिये भारतीय अंतिम एकादश से बाहर रखने के फैसले ने भले ही कईयों को निराश किया हो लेकिन सीनियर तेज गेंदबाज उमेश यादव ने गुरूवार को कहा कि यह ‘टीम प्रबंधन का फैसला है’ जिसका सामना हर क्रिकेटर को करना पड़ता है.

कुलदीप बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट में मिली 188 रन की जीत में ‘मैन आॅफ द मैच’ रहे थे और इस बायें हाथ के कलाई के स्पिनर ने आठ विकेट झटकने के अलावा पहली पारी में 40 रन का उपयोगी योगदान किया था. लेकिन कुलदीप को दूसरे और अंतिम टेस्ट के लिये बाहर रखने के फैसले ने सभी को हैरान कर दिया. और राहुल द्रविड़ की कोंिचग वाली टीम ने जयदेव उनादकट के रूप में एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज को शामिल करने का फैसला किया.

उमेश ने पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘यह आपकी यात्रा का हिस्सा है. यह मेरे साथ भी हुआ है. कभी कभार आप अपने प्रदर्शन की वजह से टीम से बाहर होते हो और कभी कभार यह टीम प्रबंधन का फैसला होता है. आपको टीम की जरूरतों के हिसाब से चलना होता है. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह उसके लिये (कुलदीप) के लिये अच्छा है कि उसने वापसी की और अच्छा प्रदर्शन किया. ’’

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