दिल्ली में भारत बंद और कांग्रेस के विरोध को लेकर लागू पाबंदी से कई जगह वाहन रेंगते दिखे

नयी दिल्ली/लखनऊ. दिल्ली में भारत बंद और केंद्र की अग्निपथ योजना तथा राहुल गांधी के खिलाफ ‘बदले की राजनीति’ के विरोध में कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर प्रशासन द्वारा लगाई पाबंदियों के कारण सोमवार को यातायात जाम देखने को मिला. नोएडा और गुरुग्राम के यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा क्योंकि वे शहर में वाहन चलाते समय सड़क जाम की समस्या से जूझ रहे थे, जबकि राजधानी के अंदर विरोध का केंद्र बने ‘लुटियंस दिल्ली’ में जाम से आवाजाही पूरी तरह बाधित थी.

कुछ संगठनों द्वारा भारत बंद के आ’’ान से मुख्य सड़कों पर यातायात अवरुद्ध हो गया, लेकिन शहर के बाजारों पर इसका प्रभाव नहीं दिखा और वहां सामान्य दिनों की तरह कारोबार जारी था. दिल्ली की सीमाओं पर वाहनों की लंबी कतारों के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए, जबकि कई यात्रियों ने भी ट्विटर के जरिये अपना दर्द साझा किया है. विरोध प्रदर्शन और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने सीमा चौकियों पर वाहनों की जांच तेज कर दी थी. इससे लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में देरी हुई.

‘लुटियंस दिल्ली’ में कई सड़कों पर भारी बैरिकेंिडग की गई, जिससे यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
नोएडा एक्सटेंशन से आईटीओ में अपने कार्यालय तक हर रोज खुद वाहन चलाकर आने वालीं विनीता पांडे ने कहा, ‘‘यूपी गेट पर भारी यातायात था और मेरे दिल्ली में प्रवेश करने के बाद अक्षरधाम से भैरों मंदिर के बीच भारी जाम था. आज के विरोध और भारत बंद के आ’’ान ने मेरे जैसे कई लोगों के संकट को बढ़ा दिया है.’’ केंद्र की अग्निपथ योजना को लेकर भारत बंद के आ’’ान के कारण दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर भी भारी जाम लग गया. एक्सप्रेस-वे पर सरहौल सीमा के पास एक वाहनों का तांता दिखा, क्योंकि दिल्ली पुलिस कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए राजधानी में प्रवेश करने से पहले हर वाहन की जांच कर रही थी.

‘ग्रिडलॉक’ सुबह करीब 8:30 बजे शुरू हुआ और व्यस्त घंटों के दौरान और भी खराब हो गया. राजधानी के अंदर अग्निपथ रक्षा भर्ती योजना को वापस लेने की मांग जोर पकड़ रही थी, क्योंकि विभिन्न संगठन अपनी असहमति व्यक्त करने के लिए सड़क पर उतरे थे. भारतीय युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने योजना को वापस लेने की मांग को लेकर यहां कनॉट प्लेस के पास ‘शिवाजी ब्रिज’ रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन को रोका.

सूत्रों ने बताया कि पुलिस और सुरक्षार्किमयों ने रेलवे की पटरी को साफ किया और करीब आधे घंटे के बाद ट्रेन की आवाजाही फिर से शुरू हुई. पुलिस ने कहा कि 16 लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है. कनॉट प्लेस में एकत्र में भारतीय युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता भी एकत्र हुए और राहुल गांधी के खिलाफ ‘प्रतिशोध की राजनीति’ और अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन किया.

जंतर-मंतर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम, केसी वेणुगोपाल, सचिन पायलट,राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दोनों मुद्दों पर धरना प्रदर्शन किया. देश के कुछ हिस्सों में भारत बंद के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी और इसके सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी थी.

पुलिस ने कहा कि धन शोधन मामले में राहुल गांधी से पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के खिलाफ कांग्रेस के विरोध को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. भारत बंद का कोई असर नहीं पड़ा क्योंकि लाजपत नगर, सरोजिनी नगर, पालिका बाजार और खान मार्केट समेत सभी व्यापारिक केंद्र खुले रहे.

पुलिस का दावा-उप्र में ‘भारत बंद’ का कोई असर नहीं, अब तक 475 गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार को दावा किया कि केन्द्र सरकार की ‘अग्निपथ योजना’ को लेकर ‘भारत बंद’ के आ’’ान का राज्य में जनसामान्य पर कोई असर नहीं पड़ा है और इस योजना के विरोध में राज्य में प्रदर्शन और ंिहसक घटनाओं में अब तक कुल 39 मुकदमे दर्ज किये गये हैं तथा 475 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

अपर पुलिस महानिदेशक (कानून—व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने सोमवार को बताया कि राज्य में अब तक कुल 39 मामले दर्ज किये गये हैं और कुल 475 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 330 को योजना के विरोध प्रदर्शन में गंभीर धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस के अनुसार अब तक कुल 39 अभियोग पंजीकृत करते हुए 330 अराजकतत्वों को गंभीर धाराओं में गिरफ्तार किया गया है तथा सीआरपीसी की धारा 151 (किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 151 के तहत संदिग्ध व्यक्तियों की गिरफ्तारी की जाती है) के तहत 145 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया.

प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशांत कुमार ने कहा कि राज्य में सिविल पुलिस के अलावा 141 कंपनी पीएसी और दस कंपनी केंद्रीय पुलिस बल को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है और स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है.

पुलिस मुख्यालय से जारी एक बयान के अनुसार सोशल मीडिया पर अग्निपथ योजना के विरोध में सोमवार को ‘भारत बंद’ के आ’’ान संबंधी मैसेज वायरल हुए थे, जिसकी किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली थी, इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस सुबह से ही कानून—व्यवस्था कायम करने के लिए सक्रिय थी. बयान में कहा गया कि इस ‘भारत बंद’ के आ’’ान का कोई असर जनसामान्य पर नहीं पड़ा है. पुलिस की सक्रियता के कारण सभी प्रतिष्ठान और बाजार रोज की भांति खुले रहे.

पुलिस के अनुसार ‘अग्निपथ’ योजना के विरोध में किये जा रहे प्रदर्शनों में जब तक प्रतियोगी छात्रों की सहभागिता रही, तब तक पुलिस द्वारा संवेदनशील रूप से यथोचित व्यवहार किया गया, लेकिन कुछ स्थानों पर अराजक तत्वों द्वारा कानून व्यवस्था को प्रभावित किये जाने के बाद संगीन धाराओं में अराजक तत्वों के खिलाफ मुकदमे कायम किये गये और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.

एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि र्भितयों के संबंध में जो कोंिचग संचालक हैं उन्हें सूचीबद्ध किया गया है और उनसे भी सहायता अपेक्षित है तथा बहुत से कोंिचग संचालकों ने पुलिस की मदद के लिए छात्रों से अपील की है. उन्होंने चेतावनी दी कि जो कोंिचग संचालक लड़कों को भड़का रहे हैं, उनको गिरफ्तार किया जाएगा और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि जो कोई भी ंिहसा में लिप्त पाया जाएगा या युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान की भरपाई उनसे ही की जाएगी.

अधिकारी ने कहा कि उप्र सरकार और पुलिस को यह विश्वास है कि जो योजना लाई गई है वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और इसे लागू करने के लिए पूरे मनोयोग से प्रयत्न किया जा रहा है. रविवार को गृह विभाग की ओर से जारी बयान के मुताबिक प्रदेश में ‘अग्निपथ योजना’ के खिलाफ हुए ंिहसक प्रदर्शनों के मामले में राज्य के 14 जिलों में कुल 34 मुकदमे दर्ज कर 387 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. उप्र के विभिन्न जिलों में 16 जून को ‘अग्निपथ’ योजना के विरोध की शुरुआत हुई थी.

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