राहुल गांधी की पासपोर्ट संबंधी याचिका पर आज फैसला…

नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘‘सामान्य पासपोर्ट’’ हासिल करने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र पाने के उद्देश्य से दाखिल की गई याचिका पर शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगी। राहुल गांधी को गुजरात के सूरत की एक अदालत द्वारा आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके पश्चात राहुल ने राजनयिक यात्रा दस्तावेज लौटा दिए थे।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपी हैं और इसमें भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी शिकायतकर्ता हैं।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट वैभव मेहता ने शुक्रवार को जिरह सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। जिरह के दौरान भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि ‘‘इसमें कोई दम नहीं है’’ और पासपोर्ट केवल एक वर्ष के लिए जारी किया जाना चाहिए तथा प्रत्येक वर्ष इसका नवीनीकरण किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह विशेष मामला है। दस वर्षों के लिए पासपोर्ट जारी नहीं किया जाना चाहिए। यह गलत है।’’ स्वामी ने अपनी दलील में यह भी कहा कि राहुल की नागरिकता भी सवालों के घेरे में हैं क्योंकि उनके पास ब्रिटेन की नागरिकता है। राहुल की ओर से पेश वकील तरन्नुम चीमा ने इस पर एतराज उठाया और दावा किया कि नागरिकता के मुद्दों पर आपराधिक कार्रवाई के अनुरोध संबंधी दो याचिकाएं उच्चतम न्यायालयों द्वारा पहले ही खारिज की जा चुकी हैं।

वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि पासपोर्ट दस वर्षों के लिए जारी किया जाए क्योंकि उच्च न्यायालयों ने अधिक गंभीर अपराधों में इस प्रकार की राहतें दी हैं जबकि वर्तमान मामले में आरोप तक तय नहीं हुए हैं। गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड मामला भाजपा नेता स्वामी की एक निजी आपराधिक शिकायत पर आधारित है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी तथा अन्य पर धोखाधड़ी, साजिश तथा आपराधिक विश्वास भंग के आरोप लगाए हैं।

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