बेहतर अनुभव प्राप्त करने के लिए सरकारी स्कूल के शिक्षकों को विदेश भेजना चाहते हैं: केजरीवाल

नयी दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि वह चाहते हैं कि स्कूली शिक्षकों को विदेशों में सर्वश्रेष्ठ अनुभव प्राप्त हो. शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजे जाने संबंधी सरकार के प्रस्ताव को लेकर उपराज्यपाल के साथ टकराव के बीच केजरीवाल ने कहा कि वह चाहते हैं कि शहर के सरकारी स्कूल दुनिया में सबसे बेहतर हों, ताकि विदेश से छात्र यहां शिक्षा हासिल करने के लिए आएं.

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार छात्रों के लाभ के लिए शिक्षकों को विदेश भेजना जारी रखेगी, हालांकि वह खुद मुख्यमंत्री के रूप में पिछले आठ वर्षों में केवल दो बार विदेश गए हैं. केजरीवाल ने यहां शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘कुछ लोग इसे खर्च मानते हैं, लेकिन यह निवेश है. मुझे लगता है कि आप चार पुल कम और चार सड़कें कम बना सकते हैं, लेकिन हमें अपने शिक्षकों को बेहतर प्रशिक्षण देना चाहिए. वे छात्रों को तैयार करेंगे, जो भविष्य में सड़कें और पुल बनाएंगे.’’ फिनलैंड में शिक्षकों के प्रशिक्षण के मुद्दे पर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच वाकयुद्ध छिड़ा हुआ है.

केजरीवाल ने पहले कहा था कि उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने इस प्रस्ताव से जुड़Þी फाइल को दो बार वापस कर दिया था.
उन्होंने कहा कि कुछ लोग उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अच्छा काम करने वालों को नीचा दिखाने की प्रवृत्ति है.

केजरीवाल ने कहा, ‘‘कुछ ऐसे लोग हैं, जो हमारा अच्छा काम देखते हैं और जलन महसूस करते हैं. वे हमें बदनाम करना चाहते हैं. लेकिन मेरी दलगत राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है. अगर कोई भाजपा या कांग्रेस का व्यक्ति देश में कहीं शिक्षा व्यवस्था सुधारना चाहता है, तो मैं मनीष सिसोदिया को कुछ दिनों के लिए उनकी मदद करने को कह दूंगा. हम पूरे देश की शिक्षा प्रणाली में सुधार करना चाहते हैं.’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य शिक्षकों को सीखने का बेहतर अनुभव देना है.

केजरीवाल ने कहा, ‘‘हम आपको विदेशों में भेजने में सक्षम हैं. मैं आठ साल से मुख्यमंत्री हूं, लेकिन मैं केवल दो बार विदेशों में गया हूं- एक बार मैं रोम गया था, जब मदर टेरेसा का निधन हुआ था…और दूसरी बार, मैं दक्षिण कोरिया गया था.’’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य शिक्षकों को सीखने का बेहतर अनुभव देना है.

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अंतरराष्ट्रीय स्कूलों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी है. एक समय था, जब हम चाहते थे कि सरकारी स्कूल निजी स्कूलों से बेहतर हों. और ऐसा हुआ भी. अब हम चाहते हैं कि हमारे स्कूल दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बनें. हम सर्वश्रेष्ठ होने की कल्पना करते हैं.’’ केजरीवाल ने कहा कि लेकिन अभी भी सुधार की गुंजाइश है. उन्होंने कहा कि उनका प्रयास शिक्षकों को दुनिया की सर्वोत्तम प्रथाओं से परिचित कराने का है.

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे आलोचक भी मानते हैं कि दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में बहुत बड़ा बदलाव आ रहा है. यह दिल्ली के दो करोड़ लोगों की वजह से हुआ है.’’ उन्होंने कहा कि 2015 से पहले, स्कूल बेहद खराब स्थिति में थे, लेकिन अब उनकी स्थिति बेहतर है. उन्होंने इस बदलाव के लिए शिक्षकों की सराहना की.

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