हम ‘शॉर्टकट’ पर नहीं चलते, समस्याओं का स्थायी समाधान करते हैं : मोदी

नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार ‘शॉर्टकट’ पर चलने के बजाय समस्याओं का स्थायी समाधान करती है. उन्होंने कहा कि पानीपत में बनाए गए दूसरी पीढ़ी के एथनॉल संयंत्र से किसानों की आय बढ़ेगी तथा पराली की लंबे समय से जारी समस्या से भी छुटकारा मिलेगा.

मोदी ने इंडियन आॅयल कॉरपोरेशन (आईओसी) की पानीपत रिफाइनरी के पास स्थापित दूसरी पीढ़ी के एथनॉल संयंत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये राष्ट्र को सर्मिपत करते हुए कहा पेट्रोल में एथनॉल मिलाने से बीते 7-8 साल में देश के करीब 50 हजार करोड़ रुपये विदेश जाने से बचे हैं और करीब इतनी ही राशि एथनॉल मिश्रण के कारण किसानों को मिली है.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘इस एथनॉल संयंत्र से किसानों की आय बढ़ेगी और साथ ही पराली की लंबे समय से जारी समस्या से भी छुटकारा मिलेगा.’’ आईओसी की पानीपत रिफाइनरी के पास स्थित इस एथनॉल संयंत्र पर 900 करोड़ रुपये की लागत आई है.
मोदी ने कहा, ‘‘दूसरी पीढ़ी के एथनॉल संयंत्र से हरियाणा और दिल्ली में प्रदूषण की समस्या कम होगी. इस आधुनिक संयंत्र में एथनॉल उत्पादन में धान और गेहूं के भूसे के साथ मक्के का बचा हुआ हिस्सा, गन्ने की खोई और सड़े-गले अनाज का भी इस्तेमाल किया जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि पराली अब किसानों की आय का जरिया होगी और एथनॉल उत्पादन पिछले आठ साल में 40 करोड़ लीटर से बढ़कर 400 करोड़ लीटर हो गया है.

विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘शॉर्टकट अपनाने से शॉर्टर्सिकट अवश्य होता है. हमारी सरकार शॉर्टकट पर चलने के बजाय समस्याओं के स्थायी समाधान में जुटी है. पराली की दिक्कतों के बारे में भी बरसों से कितना कुछ कहा गया. लेकिन शॉर्टकट वाले इसका समाधान नहीं दे पाए.’’ उन्होंने पांच अगस्त को काले कपड़ों में विपक्ष के विरोध प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ये लोग सोचते हैं कि काले कपड़े पहनकर, उनकी निराशा-हताशा का दौर समाप्त हो जाएगा. लोग कितना भी झाड़-फूंक, काला जादू कर लें जनता का विश्वास अब उनपर दोबारा कभी नहीं बन पाएगा.’’ इस संयंत्र से होने वाले लाभ का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘पानीपत के जैविक ईंधन संयंत्र से पराली का बिना जलाए भी निपटारा हो पाएगा. इसके एक साथ कई फायदे होंगे.

उन्होंने कहा, ‘‘पहला फायदा, पराली जलाने से धरती मां को जो पीड़ा होती थी, उस पीड़ा से मुक्ति मिलेगी. दूसरा फायदा पराली काटने से लेकर उसके निस्तारण के लिए नई मशीनें, परिवहन समेत जो नई व्यवस्था बन रही है…, उससे गांवों के लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.’’ मोदी ने कहा, ‘‘पराली किसानों के लिये अतिरिक्त आय का माध्यम भी बनेगी. साथ ही प्रदूषण कम होगा, पर्यावरण की रक्षा में किसानों का योगदान और बढ़ेगा. और देश को एक वैकल्पिक ईंधन भी मिलेगा.’’

उन्होंने कहा, ‘‘संयंत्र जैव ईंधन के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने के प्रयासों को मजबूत करेगा और हमारे किसानों की काफी मदद करेगा.’’ स्वच्छ ईंधन पर मोदी ने कहा कि अगले कुछ साल में देश के 75 प्रतिशत परिवारों को पाइप के जरिये रसोई गैस की आपूर्ति उपलब्ध होगी. अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘2014 तक देश में सिर्फ 14 करोड़ के आसपास एलपीजी गैस कनेक्शन थे. आज उज्ज्वला योजना से ही नौ करोड़ से ज्यादा गैस कनेक्शन गरीब बहनों को दिए जा चुके हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘अब हम देश में करीब-करीब शत-प्रतिशत एलपीजी कवरेज तक पहुंच चुके हैं. देश में गैस कनेक्शन आज 14 करोड़ से बढ़कर करीब 31 करोड़ पहुंच गये हैं.’’ राजनीतिक दलों द्वारा लोगों को मुफ्त में चीजें दिये जाने की घोषणा को लेकर जारी चर्चा के बीच प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अगर राजनीति में ही स्वार्थ होगा तो कोई भी आकर पेट्रोल-डीजल भी मुफ्त देने की घोषणा कर सकता है. ऐसे कदम हमारे बच्चों से उनका हक छीनेंगे, देश को आत्मनिर्भर बनने से रोकेंगे. ऐसी स्वार्थ भरी नीतियों से देश के ईमानदार करदाताओं पर बोझ भी बढ़ता ही जाएगा.’’ आईओसी की स्वदेशी प्रौद्योगिकी पर आधारित इस परियोजना में एक साल में करीब दो लाख टन भूसी को इस्तेमाल में लाया जाएगा. इसकी मदद से सालाना करीब तीन करोड़ लीटर एथनॉल का उत्पादन होगा. इससे हरित गैस उत्सर्जन में भी कमी आएगी.

उल्लेखनीय है कि सरकार ने राष्ट्रीय जैव-ईंधन नीति के तहत संशोधित लक्ष्य के अंतर्गत 2025-26 तक 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है. पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य तय समय से पहले ही प्राप्त किया जा चुका है. यह लक्ष्य नवंबर, 2022 तक पूरा होना था, लेकिन इसे पांच महीने पहले ही पा लिया गया है.

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