आज से क्या-क्या बदलेगा, यहां जानें हर सवाल का जवाब…

आज यानी एक अप्रैल से नए वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत हो रही है। इसका मतलब है कि आम बजट की घोषणाएं मंगलवार से लागू हो जाएंगी। इस वित्त वर्ष से कई अहम बदलाव हो रहे हैं, जो करदाताओं, वरिष्ठ नागरिकों, उपभोक्ताओं पर सीधा असर डालने वाली हैं।
सबसे बड़ा बदलाव आयकर व्यवस्था में है। नई कर व्यवस्था लागू होने के साथ ही अब 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। वेतनभोगियों के लिए यह सीमा 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ 12.75 लाख रुपये हो जाएगी। जानते हैं कई अन्य बदलावों के बारे में…
12.75 लाख रुपये तक कमाई करमुक्त
नई कर व्यवस्था में नए स्लैब के तहत 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वेतनभोगी करदाताओं के लिए यह सीमा 75,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ 12.75 लाख रुपये तक हो जाएगी। 12 लाख रुपये की सीमा के ऊपर की आय पर टैक्स का भुगतान करना होगा।
सरकार ने नई कर व्यवस्था में आयकर कानून की धारा-87ए के तहत छूट की सीमा को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया है। यह छूट सुनिश्चित करती है कि सालाना 12 लाख रुपये तक की कमाई पर करदाता के ऊपर कोई टैक्स देनदारी नहीं बनेगी।
टीडीएस : ब्याज से होने वाली कमाई पर ज्यादा बचत
सरकार ने फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और रिकरिंग डिपॉजिट (आरडी) से ब्याज कमाने वाले लोगों को बड़ी राहत दी है। एक अप्रैल, 2025 से ब्याज आय पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) छूट की सीमा बढ़ा दी गई है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर दोगुनी यानी एक लाख रुपये कर दी गई है। यानी अगर कोई वरिष्ठ नागरिक एक वित्त वर्ष में ब्याज के रूप में एक लाख रुपये तक कमाई करता है, तो बैंक उस पर कोई टीडीएस नहीं काटेंगे। इससे उन वरिष्ठ नागरिकों का काफी फायदा होगा, जो ब्याज आय से अपना गुजारा करते हैं। सामान्य नागरिकों के लिए यह सीमा 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है। यानी एक अप्रैल से सामान्य नागरिकों को एफडी या आरडी से एक वित्त वर्ष से 50,000 रुपये तक की ब्याज आय पर कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा।
सालाना छह लाख रुपये तक मकान किराये से कमाई पर कोई टीडीएस नहीं
मकान किराये से कमाई के लिए टीडीएस कटौती की सीमा को 2.40 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रुपये सालाना किया गया है। यानी 50,000 रुपये महीने तक के किराये पर टीडीएस नहीं लगेगा। यह उन लोगों के लिए बड़ी राहत है, जिनके पास दूसरा घर या प्रॉपर्टी है और उन्हें किराये से कमाई होती है। 6 लाख से ज्यादा का किराया होने पर ही टीडीएस देना होगा।
लाभांश आय पर भी राहत
शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों को भी नए नियम से फायदा होगा। एक अप्रैल से लाभांश से होने वाली कमाई पर टीडीएस छूट की सीमा 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गई है। यानी नए वित्त वर्ष से शेयर और म्यूचुअल फंड की यूनिट्स के जरिये होने वाली 10,000 रुपये तक लाभांश आय पर टीडीएस नहीं कटेगा।
एटीएम से पैसे निकालना महंगा, हर अतिरिक्त निकासी पर 23 रुपये शुल्क
एटीएम से पैसे निकालना एक मई, 2025 से महंगा हो जाएगा। आरबीआई ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी कर एटीएम इंटरचेंज शुल्क बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। इस बदलाव से एटीएम का बार-बार इस्तेमाल करने वाले ग्राहक प्रभावित होंगे, क्योंकि शुल्क वृद्धि से निकासी लागत बढ़ जाएगी।अधिसूचना के मुताबिक, एक मई से ग्राहकों को मुफ्त निकासी सीमा के बाद हर लेनदेन के लिए दो रुपये अतिरिक्त देने होंगे। यानी हर नकद निकासी पर 21 रुपये की जगह अब 23 रुपये शुल्क लगेगा। दरअसल, एटीएम से मुफ्त नकदी निकासी की एक सीमा तय है। मेट्रो शहरों में ग्राहक एक महीने में अपने बैंक के एटीएम से पांच बार और दूसरे बैंक के एटीएम से तीन बार बिना किसी शुल्क के पैसे निकाल सकते हैं। इसके बाद ग्राहकों को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है।
बचत और एफडी पर ब्याज दरों में संशोधन
कई बैंकों ने एक अप्रैल से ही बचत और एफडी खाते के ब्याज दरों में बदलाव करने की घोषणा की है। इसके मुताबिक, खाते में जमा राशि के आधार पर ब्याज दरों का निर्धारण किया जाएगा। यानी खाते में बड़ी राशि रखने वाले ग्राहकों को अधिक ब्याज दिया जा सकता है।
न्यूनतम बैलेंस के सख्त होंगे नियम
बैंकों में न्यूनतम बैलेंस के नियम और सख्त होने जा रहे हैं। एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक और केनरा समेत कई बैंकों के ग्राहकों को एक अप्रैल से शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों के हिसाब से अपने बैंक खाते में न्यूनतम बैलेंस मेंटेन करना पड़ सकता है। ऐसा नहीं करने पर जुर्माना भरना पड़ेगा। जुर्माना राशि बैंक खाते की श्रेणी के हिसाब से अलग-अलग होगी। बैंक ग्राहकों को शहरी इलाकों में 5,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 2,000 रुपये न्यूनतम बैलेंस रखना पड़ सकता है।
क्रेडिट कार्ड से जुड़ा ये नियम भी बदलेगा
एसबीआई कार्ड्स ने एक अप्रैल से कुछ लोकिप्रय क्रेडिट कार्ड पर रिवॉर्ड पॉइंट्स घटाने की घोषणा की है। सिंपली क्लिक एसबीआई कार्ड यूजर्स को स्विगी पर 10 गुना की जगह सिर्फ पांच गुना रिवॉर्ड पॉइंट मिलेंगे। एअर इंडिया एसबीआई प्लैटिनम क्रेडिट कार्ड पर पहले हर 100 रुपये खर्च करने पर 15 रिवॉर्ड पॉइंट मिलते थे, जो घटकर 5 रह जाएंगे। एअर इंडिया एसबीआई सिग्नेचर क्रेडिट कार्ड के रिवॉर्ड पॉइंट 30 के बजाय सिर्फ 10 रह जाएंगे। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक 31 मार्च, 2025 से क्लब विस्तारा क्रेडिट कार्ड के माइलस्टोन बेनेफिट बंद करने जा रहा है।
जीएसटी: पंजीकरण 30 दिन में
वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) ने व्यवसायों के लिए ई-इनवॉइसिंग प्रक्रिया में बदलाव किया है। एक अप्रैल, 2025 से, 10 करोड़ रुपये से अधिक और 100 करोड़ रुपये तक के सालाना कारोबार वाले व्यवसायों को इनवॉइस जारी होने की तारीख से 30 दिनों के भीतर इनवॉइस पंजीकरण पोर्टल पर ई-इनवॉइस अपलोड करना होगा। वर्तमान में यह 30 दिवसीय प्रतिबंध सिर्फ 100 करोड़ या उससे अधिक वाले व्यवसायों पर लागू होता है। अगर कोई ई-चालान 30 दिनों के भीतर अपलोड नहीं किया जाता है, तो इसे आईआरपी की ओर से स्वचालित रूप से खारिज कर दिया जाएगा।
अपडेटेड रिटर्न की अवधि बढ़ी
अपडेटेड आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने की समयसीमा बढ़ाकर 48 महीने या चार साल कर दी गई है, जो अब तक 12 महीने थी। 12 महीने के भीतर अपडेटेड आईटीआर भरते हैं, तो 25 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगेगा। 24 महीने में रिटर्न भरने पर 50 फीसदी कर चुकाना होगा। अगर करदाता 36 महीने के भीतर अपडेटेड आईटीआर दाखिल करता है, तो उसे 60 फीसदी अतिरिक्त कर देना होगा। 48 महीने के भीतर यह काम करने पर 70 फीसदी टैक्स लगेगा।
अगर मोबाइल नंबर बंद तो नहीं मिलेंगी यूपीआई की सेवाएं
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने यूपीआई लेनदेन की सुरक्षा और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए नए नियम जारी किए हैं। यह नियम एक अप्रैल से लागू हो रहे हैं। इसके मुताबिक, अगर आप अपने मोबाइल नंबर का 90 दिनों तक इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो दूरसंचार कंपनी वह नंबर किसी दूसरे व्यक्ति को दे सकती है। इसका मतलब है कि अगर आपने पुराने मोबाइल नंबर से यूपीआई लिंक किया है और वह नंबर बंद हो गया है, तो आपकी यूपीआई आईडी भी काम नहीं करेगी। यानी आप यूपीआई सेवाओं का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।