गुलाम नबी आजाद ने क्यों छोड़ी कांग्रेस? ये है एक्सक्लूसिव इनसाइड स्टोरी
पिछले दिनों गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने राहुल गांधी पर दर्जनों सवाल उठाए और खुद को टारगेट करने का आरोप भी लगाया. पार्टी के बुरे प्रदर्शन की वजह भी राहुल गांधी को बताया. लेकिन, सवाल ये है कि अगर आजाद ये सब इतने सालों से झेल रहे थे तो इस्तीफा अब क्यों दिया. आइए आपको इसी बारे में बताते हैं एक्सक्लूसिव इनसाइड स्टोरी.
दरअसल, आजाद को सोनिया गांधी ने फोन करके आश्वासन दिया था कि उनके मुताबिक ही जम्मू और कश्मीर का फैसला होगा. काफी दिनों से नाराज आजाद जी-23 के जरिए नेतृत्व पर दबाव बना रहे थे. सोनिया गांधी ने बीच का रास्ता निकालकर आजाद को उनके गृह राज्य में फ्री हैंड देने का वादा किया था. उसके बाद प्रभारी रजनी पाटिल और संगठन महासचिव वेणुगोपाल ने आजाद से बातकर उनकी सहमति से कमेटी का गठन किया.
प्रदेश अध्यक्ष के लिए आजाद से नाम मांगे गए. आजाद ने परंपरा के मुताबिक अपनी पसंद के चार नाम दिए. राहुल गांधी ने राज्य के नेताओं से बातकर विकार रसूल वानी को अध्यक्ष बना दिया. इसी बात से आजाद नाराज़ हो गए क्योंकि वो चार नामों की लिस्ट में दूसरे नंबर के नाम को अध्यक्ष बनवाना चाहते थे. राहुल गांधी और नेतृत्व का तर्क था कि आपने ही सभी चार नाम दिए थे. इनमें से ही एक को पार्टी ने चुन लिया तो इससे आपको कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. आजाद का कहना था कि उन्होंने पार्टी के प्रोटोकॉल के मुताबिक चार नाम भले ही दिए लेकिन दूसरे नंबर के नाम की अपनी पसंद को उन्होंने रजनी पाटिल और वेणुगोपाल को बता दिया था. पार्टी का तर्क है कि चारों उनकी पसंद थे लिहाजा किसी एक को चुनें जाने पर उनका ऐतराज गलत है.