मंत्रिमंडल ने 4.3 लाख करोड़ रुपये की 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी को दी मंजूरी, 26 जुलाई से होगी शुरू

नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में पांचवी पीढ़ी (5जी) की दूरसंचार सेवाओं के लिए 4.3 लाख करोड़ रुपये की स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी दे दी है. यह नीलामी 26 जुलाई, 2022 को शुरू होगी. इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा अपने खुद के इस्तेमाल (कैप्टिव) के लिए 5जी नेटवर्क की स्थापना को भी मंजूरी दी है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 72 गीगाहर्ट्ज से अधिक के स्पेक्ट्रम की नीलामी 26 जुलाई से शुरू होगी.

वहीं, निचली श्रेणी में 600, 700, 800, 900, 1800, 2100 और 2300 मेगाहर्ट्ज, मध्यम श्रेणी में 3300 मेगाहर्ट्ज और उच्च श्रेणी में 26 गीगाहर्ट्ज के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी की जायेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 14 जून को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया. केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय दूरसंचार के लिए एक नए युग की शुरुआत. 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी की घोषणा.’’ सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मंत्रिमंडल ने 5जी की नीलामी आरक्षित मूल्य पर करने की मंजूरी दी है. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने स्पेक्ट्रम मूल्य के बारे में सिफारिशें दी थीं.

ट्राई ने मोबाइल सेवाओं के लिए 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को आरक्षित मूल्य में करीब 39 प्रतिशत की कटौती का सुझाव दिया था.
5जी स्पेक्ट्रम के नौ फ्रीक्वेंसी बैंड भारती एयरटेल और रिलायंस जियो जैसी दूरसंचार कंपनियों के बीच नीलाम किए जाएंगे. दूरसंचार विभाग के बोली और आवेदन आमंत्रित करने से संबंधित दस्तावेज में कहा गया है कि बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों को फिलहाल अपने ‘निजी गैर-सार्वजनिक नेटवर्क’ के लिए 5जी स्पेक्ट्रम को दूरसंचार कंपनियों से किराये पर लेने की इजाजत होगी.

गूगल जैसी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियां मशीन से मशीन संचार, इंटरनेट आॅफ ंिथग्स (आईओटी) और कृत्रिम मेधा (एआई) जैसे एप्लिकेशन के लिए स्पेक्ट्रम के सीधे आवंटन की मांग करती आ रही हैं जबकि दूरसंचार कंपनियां इसके विरोध में हैं और उनका कहा है कि 5जी स्पेक्ट्रम का सीधा आवंटन स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल बिगाड़ेगा और इससे सरकारी खजाने को राजस्व का भी नुकसान होगा.

इस दस्तावेज के मुताबिक, नीलामी 26 जुलाई 2022 से शुरू होगी. सरकार 20 वर्ष की वैधता वाले कुल 72,097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगी. इसके अलावा विभिन्न निम्न, मध्यम और उच्च फ्रीक्वेंसी बैंड के लिए भी स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाएगी.
आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्पेक्ट्रम नीलामी का दूरसंचार विभाग का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है. इसके तहत जनता और उद्यमों को 5जी सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए सफल बोलीदाताओं को स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाएगा.’’ दूरसंचार क्षेत्र में सुधारों को गति देते हुए मंत्रिमंडल ने स्पेक्ट्रम नीलामी से संबंधित कई विकासशील विकल्पों की भी घोषणा की है जो कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देंगे.

इसमें कहा गया, ‘‘सफल बोलीदाताओं को अग्रिम भुगतान करने की कोई अनिवार्यता नहीं होगी. ऐसा पहली बार किया जा रहा है. स्पेक्ट्रम के लिए भुगतान 20 बराबर सालाना किस्तों में किया जा सकेगा और ये अग्रिम किस्तें प्रत्येक वर्ष की शुरुआत में देनी होंगी.’’ इसके अलावा बोलीदाताओं को 10 वर्ष के बाद स्पेक्ट्रम वापस करने का विकल्प भी दिया जाएगा बशर्ते उनका कोई बकाया न हो. इस नीलामी में अधिग्रहीत स्पेक्ट्रम के लिए स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) भी नहीं लिया जाएगा.

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