स्वच्छ ऊर्जा, बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश बढ़ाये एआईआईबी: सीतारमण

नयी दिल्ली. सरकार ने बीजिंग स्थित बहुपक्षीय ऋण एजेंसी एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) से शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने के साथ स्वच्छ ऊर्जा और बुनियादी ढांचा जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने को कहा है. एआईआईबी के गवर्नर मंडल की वार्षिक बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत एक आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की राह पर चल पड़ा है और इसलिए महामारी के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में सफल रहा है.

उन्होंने एआईआईबी के संबंध में कहा कि एजेंसी को प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की जरूरत है. इसमें स्वच्छ ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता, आपदा का सामना करने वाले बुनियादी ढांचा, शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने के साथ सामाजिक बुनियादी ढांचा शामिल है.

उन्होंने कहा कि अकेले सार्वजनिक संसाधन सदस्य देशों की विशाल अवसंरचना संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं. इसलिए बैंक को न केवल विविध निजी क्षेत्र के संसाधनों को जुटाने में उत्प्रेरक भूमिका निभानी चाहिए, बल्कि अपने स्वयं के संसाधनों को बढ़ाने के लिए तंत्र का भी पता लगाना चाहिए. सीतारमण ने भारतीय अर्थव्यवस्था का जिक्र करते कहा कि प्रमुख संरचनात्मक सुधारों के साथ अच्छी तरह से लक्षित नीति और विदेश व्यापार के क्षेत्र में मजबूत वित्तीय स्थिति ने बाहरी खतरों के बावजूद अर्थव्यवस्था का समर्थन किया है.

उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और डिजिटलीकरण मिशन के माध्यम से इसने उल्लेखनीय प्रगति की है.
वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार, सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पर्यावरण के लिए जीवन शैली’ (लाइफ) जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये भारत के जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों का सक्रिय रूप से नेतृत्व करने पर भी प्रकाश डाला.
साथ ही केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिया कि एआईआईबी को सदस्य देशों में भी पूर्ण कार्यालय स्थापित करने चाहिए. भारत एक संस्थापक सदस्य होने के साथ एआईआईबी में दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है. एआईआईबी में भारत की 7.65 प्रतिशत मत हिस्सेदारी है, जबकि चीन की 26.63 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

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