भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी उसके सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है – अमेरिकी अधिकारी

वाशिंगटन. भारत को अपने सबसे महत्वपूर्ण सहयोगियों में से एक बताते हुए अमेरिका में जो बाइडन प्रशासन ने कहा है कि अगले महीने होने वाली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आधिकारिक राजकीय यात्रा मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत को सुनिश्चित करने तथा कारोबार एवं सुरक्षा भागीदारी को मजबूत करने सहित कई अहम प्राथमिकताओं पर साझेदारी को बढ़ावा देने का एक अवसर है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रपति जो बाइडन के निमंत्रण पर अगले महीने अमेरिका की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर आएंगे और राष्ट्रपति जो बाइडन एवं प्रथम महिला जिल बाइडन 22 जून को मोदी के लिए राजकीय भोज का आयोजन करेंगे.

विदेश विभाग के उप प्रेस सचिव वेदांत पटेल ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भारत के साथ हमारी साझेदारी हमारे सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है और हम कई महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं पर भारत के साथ मिलकर काम करते हैं.’’ उन्होंने कहा कि यह राजकीय यात्रा (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की) इनमें से कुछ साझेदारियों को गहरा करने का एक अवसर है, चाहे वह एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत को सुनिश्चित करने की बात हो या इसे ऐसा क्षेत्र बनाने की बात हो जो अधिक जुड़ा हुआ, अधिक समृद्ध, अधिक सुरक्षित और अधिक लचीला है.

पटेल ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘निश्चित तौर पर भारत और अमेरिका के बीच व्यापार के मुद्दों को गहरा करने, सुरक्षा साझेदारी को गहरा करने का अवसर मौजूद है. वैश्विक स्वास्थ्य और जलवायु संकट पर ध्यान केंद्रित करने जैसी कुछ साझा वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने का अवसर है. इस राजकीय यात्रा के दौरान हम भारत सरकार की मेजबानी के लिए बहुत उत्सुक हैं.’’ पटेल ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र का जिक्र ऐसे वक्त में किया है जब चीन क्षेत्र में आक्रामक रुख अपनाए हुए है और उसका दक्षिण चीन सागर एवं पूर्वी चीन सागर दोनों में क्षेत्राधिकार को लेकर विवाद है. चीन, दक्षिण चीन सागर के पूरे क्षेत्र पर दावा करता है. वियतनाम, मलेशिया, फिलीपीन, ब्रुनेई और ताइवान भी इस पर अपना-अपना दावा करते हैं.

चीन ने क्षेत्र पर अपना नियंत्रंण बढ़ाने के लिए इसके कई द्वीपों और टापुओं पर निर्माण कार्य किया है और वहां सेना को तैनात किया है. ये दोनों क्षेत्र खनिज, तेल एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न हैं और ये वैश्विक कारोबार के लिए महत्वपूर्ण भी हैं. अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये का मुकाबला करने के लिए 2017 में ‘‘क्वाड’’ या चतुष्पक्षीय गठबंधन की स्थापना को आकार दिया था जो काफी समय से लंबित था.

उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री एंटनी ंिब्लकन देश के और राष्ट्रपति के मुख्य राजदूत हैं और उनके सबसे भरोसेमंद और सबसे लंबे समय तक रहने वाले विदेश नीति सलाहकारों में से एक हैं. पटेल ने कहा, ‘‘हम उचित वीजा प्रणाली और अन्य तरीकों से यहां अध्ययन करने के इच्छुक भारतीय छात्रों का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं.’’

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