सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने वालों पर कानून के तहत मुकदमा शुरू किया गया: पाक सेना प्रमुख

हिंसा में संलिप्त लोगों को बख्शा नहीं जाएगा : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

इस्लामाबाद. मानवाधिकार समूहों की चिंताओं को खारिज करते हुए पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने कहा कि अधिकारियों ने कड़े सैन्य कानूनों के तहत उन लोगों के खिलाफ ”कानूनी प्रक्रिया के अनुसार मुकदमा” शुरू किया है, जो पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद सैन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमलों में शामिल थे.

जनरल मुनीर ने शनिवार को पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर के अपने दौरे के दौरान यह बात कही. लाहौर हिंसक प्रदर्शनों से सबसे अधिक प्रभावित हुआ शहर है. सेना की ओर से देर रात जारी एक बयान के अनुसार, जनरल मुनीर ने कोर मुख्यालय में अधिकारियों और सैनिकों को संबोधित किया.

उन्होंने कहा, ” नौ मई की हिंसा में शामिल लोगों, हिंसा भड़काने वालों, उकसाने वालों तथा अपराधियों के खिलाफ पाकिस्तान सेना अधिनियम और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत पाकिस्तान के संविधान में मौजूदा तथा स्थापित कानूनी प्रक्रियाओं के अनुसार मुकदमा शुरू किया गया है.” गौरतलब है कि नौ मई को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से अर्धसैनिक रेंजरों द्वारा इमरान खान को गिरफ्तार किए जाने के बाद हिंसक विरोध-प्रदर्शन शुरू हुए थे. उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिन्ना हाउस (लाहौर कोर कमांडर हाउस), मियांवाली वायुसेना अड्डे और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी. पहली बार रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी भीड़ ने हमला किया था.

पुलिस ने दावा किया है कि हिंसक संघर्ष में 10 लोगों की जान गई, जबकि खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का कहना है कि सुरक्षाबलों की गोलीबारी में उसके 40 कार्यकर्ता मारे गए. इस बीच, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने रविवार को कहा कि सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने वालों पर मुकदमा चलाने के लिए कोई नई सैन्य अदालत स्थापित नहीं की जा रही है.

अपने गृह नगर सियालकोट में आसिफ ने पत्रकारों से कहा कि ऐसी अदालतें पिछले 75 वर्ष से काम कर रही हैं. उन्होंने कहा, ” कोई नई सैन्य अदालतें स्थापित नहीं की जा रही हैं. कानून पहले से मौजूद है. अदालतें मौजूद हैं और वे पिछले 75 वर्षों से लगातार काम कर रही हैं.” मंत्री ने इस धारणा को भी खारिज करने की कोशिश की कि सरकार लोगों के बुनियादी अधिकारों को छीनने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ मामले चलाए जाएंगे जिनके चेहरे ”सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करते समय फुटेज में नजर आ रहे हैं.” मंत्री ने कहा कि सैन्य अदालतों द्वारा दोषी ठहराए गए लोगों को उच्च न्यायालयों और फिर उच्चतम न्यायालय में फैसले को चुनौती देने का अधिकार होगा. जनरल मुनीर ने रविवार को जिन्ना हाउस और अन्य सैन्य प्रतिष्ठानों का भी दौरा किया, जिन पर भीड़ ने हमला किया था और तोड़फोड़ की थी. उन्हें नौ मई की घटनाओं के बारे में भी जानकारी दी गई.

हिंसा में संलिप्त लोगों को बख्शा नहीं जाएगा : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रविवार को कहा कि नौ मई की हिंसा और सैन्य प्रतिष्ठानों तथा सरकारी संस्थानों पर हमले में संलिप्त लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री एवं पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान की नौ मई को गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा के मद्देनजर देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर यहां एक बैठक को संबोधित करते हुए शहबाज ने कहा कि ह्लदंगाईह्व कानून से बच नहीं पाएंगे.

उन्होंने कहा, ह्लयह निर्णय लिया गया है कि नौ मई की हिंसा में संलिप्त लोगों और इसे भड़काने वालों को कानून एवं संविधान के अनुसार दंडित किया जाएगा.ह्व गौरतलब है कि नौ मई को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से अर्धसैनिक बल के र्किमयों द्वारा खान को गिरफ्तार किए जाने के बाद हिंसक विरोध-प्रदर्शन शुरू हुए थे.

उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिन्ना हाउस (लाहौर कोर कमांडर हाउस), मियांवाली वायुसेना अड्डा और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी. रावलपिंडी में सेना मुख्यालय पर भी भीड़ ने हमला किया था.
पुलिस ने दावा किया है कि हिंसक झड़पों में 10 लोगों की मौत हुई, जबकि खान की पार्टी का कहना है कि सुरक्षाबलों की गोलीबारी में उसके 40 कार्यकर्ता मारे गए.

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कोई मजाक नहीं था कि आतंकवादियों ने कराची में वायुसेना के प्रतिष्ठानों पर हमला किया और फिर ह्लखान के समर्थकों ने मियांवाली में विमान में आग लगा दीह्व जिसका उपयोग दुश्मन के खिलाफ किया गया था. उन्होंने कहा, ह्लमैंने पंजाब के मुख्यमंत्री, देश के गृह मंत्री और खुफिया ब्यूरो के महानिदेशक से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने को कहा है.ह्व प्रधानमंत्री ने ह्लनौ मई को खान की पार्टी के सदस्यों द्वारा की गई हिंसाह्व की तुलना प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान आतंकी समूह के कृत्यों से की.

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