प्राधिकरण ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ बेनामी संपत्ति मामले में आयकर का कुर्की आदेश बरकरार रखा

नयी दिल्ली. बेनामी संपत्ति रोधी कानून संबंधी निर्णायक प्राधिकरण ने गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के खिलाफ जांच के तहत आयकर विभाग द्वारा जारी संपत्ति कुर्की आदेश को बरकरार रखा है. अंसारी की मार्च 2024 में बांदा के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी.
लखनऊ के डालीबाग इलाके में स्थित 3,234 वर्ग फुट की इस संपत्ति की कीमत 1.05 करोड़ रुपये है. इसे बेनामी संपत्ति लेनदेन निषेध (पीबीपीटी) अधिनियम के प्रावधानों के तहत दिसंबर, 2023 में कर विभाग की लखनऊ बेनामी निषेध इकाई (बीपीयू) ने अनंतिम रूप से कुर्क किया था. प्राधिकरण ने आयकर विभाग के आदेश को बरकरार रखा है और जांच अधिकारी की उस जांच से सहमति जताई है जिसमें गाजीपुर की महिला तनवीर सहर को संपत्ति की ‘बेनामीदार’ और मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी एवं उसके कथित गिरोह सदस्य गणेश दत्त मिश्रा को ”हितधारक” बताया गया है.
सहर को अंसारी परिवार की ”सहयोगी” बताया गया है. प्राधिकरण ने सहर द्वारा अपने बचाव में दी गई दलीलों को अस्वीकार कर दिया. बेनामी संपत्तियां वे होती हैं जिनका वास्तविक लाभार्थी वह व्यक्ति नहीं होता जिसके नाम पर संपत्ति खरीदी गई हो. अंसारी मऊ सदर सीट से पांच बार विधायक रहा था और वह 2005 से उत्तर प्रदेश एवं पंजाब में जेल में बंद था. उसके खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे. उत्तर प्रदेश की विभिन्न अदालतों ने सितंबर 2022 से उसे आठ मामलों में सजा सुनाई. प्राधिकरण ने 24 जनवरी को जारी अपने आदेश में कहा कि संपत्ति से संबंधित लेन-देन कई आधार पर ”बेनामी” पाए गए.