सीमा हिंसा: असम वन विभाग के कार्यालय में तोड़फोड़, मेघालय में दो वाहनों में आग लगायी गयी

असम-मेघालय सीमा पर शांति; स्थानीय लोगों व वन रक्षकों के बीच हुई थीं झड़पें : हिमंत

मुकरोह/गुवाहाटी/नयी दिल्ली. असम के वेस्ट कार्बी आंगलोंग जिले में मेघालय के ग्रामीणों के एक समूह ने कथित रूप से वन विभाग के एक कार्यालय में तोड़फोड़ और आगजनी की. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को मंगलवार तड़के पुलिस द्वारा रोकने के बाद भड़की हिंसा में छह लोगों के मारे जाने के बाद इस कृत्य को अंजाम दिया गया.

अधिकारियों ने बताया कि मेघालय के ग्रामीण कुल्हाड़ियां, छड़ और लाठियां लेकर मंगलवार रात अंतरराज्यीय सीमा पर असम में खेरोनी वन रेंज के तहत आने वाले एक बीट कार्यालय के सामने जमा हो गए और उसे आग के हवाले कर दिया. अधिकारियों ने बताया कि भीड़ ने वन कार्यालय में तोड़फोड़ की और वहां रखे लकड़ी के सामान, दस्तावेजों और परिसर में खड़ी कई मोटरसाइकिल में आग लगा दी.

अधिकारियों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि घटना में अभी तक किसी वन कर्मी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. उन्होंने बताया कि पुलिस और अन्य सुरक्षा र्किमयों के मौके पर पहुंचने से पहले ही ग्रामीण वहां से चले गए. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मुकरोह गांव में लावारिस मिले असम सरकार के एक वाहन में स्थानीय लोगों ने आग लगा दी. मुकरोह में वन विभाग के बीट कार्यालय और असम सरकार के वाहन में आग लगाने की जिम्मेदारी प्रभावशाली खासी स्टूडेंट्स यूनियन ने ली है और आरोप लगाया कि मेघालय सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा करने में विफल रही.

छात्र संगठन के सदस्यों ने इयालोंग सिविल अस्पताल में प्रदर्शन किया जहां सभी छह लोगों के शवों को पोस्टमॉर्टम जांच के लिए लाया गया था. उन्होंने हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को मेघालय पुलिस को सौंपने की मांग की. मेघालय में असम के वाहनों पर हमलों की खबर के बाद असम पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए वाहन मालिकों से पड़ोसी राज्य में जाने से बचने को कहा है. गुवाहाटी और कछार जिले सहित असम से मेघालय में प्रवेश करने के विभिन्न ंिबदुओं पर पुलिस र्किमयों ने अवरोधक लगाए और लोगों को असम में पंजीकृत वाहन से पड़ोसी राज्य में नहीं जाने को कहा है.

गुवाहाटी पुलिस के उपायुक्त (पूर्व) सुधाकर ंिसह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘कल से, हम लोगों को स्थिति पूरी तरह सामान्य होने तक मेघालय न जाने की सलाह दे रहे हैं. हम केवल निजी एवं छोटी कार के मालिकों से यात्रा न करने का अनुरोध कर रहे हैं क्योंकि कुछ शरारती तत्व वहां ऐसे वाहनों को निशाना बना रहे हैं.’’ उन्होंने बताया कि हालांकि अभी तक वाणिज्यिक वाहनों को रोका नहीं गया है.
सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि असम में पंजीकृत एक गाड़ी को मंगलवार शाम मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में आग के हवाले कर दिया गया. इससे पहले शरारती तत्वों ने लोगों को वाहन से उतरने को कह दिया था.

मंगलवार रात और बुधवार सुबह गुवाहाटी लौटे कुछ टैक्सी चालकों ने कहा कि मेघालय पुलिस ने उन्हें सीमा पार गराई, फिर भी उनकी गाड़ियों पर पथराव किया गया. कछार के पुलिस अधीक्षक नुमाल महता ने बताया कि उन्होंने असम और अन्य राज्यों के लोगों को निजी वाहनों से मेघालय की यात्रा नहीं करने को कहा है.

उन्होंने कहा, ‘‘मेघालय पुलिस ने हमसे आग्रह किया है कि हिंसा के बाद उनके राज्य में जा रहे वाहनों को नियंत्रित किया जाए. लोगों की सुरक्षा के लिए एहतियाती उपाय के रूप में पाबंदियां लागू कर दी गयी हैं.’’ गौरतलब है कि असम के वन र्किमयों ने मंगलवार तड़के करीब तीन बजे मुकरोह इलाके में एक ट्रक को रोका था, जो कथित रूप से अवैध तरीके से काटी गईं लकड़ियां लेकर जा रहा था. इसके बाद भड़की हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें असम का एक वन कर्मी और मेघालय के पांच नागरिक शामिल थे.

मेघालय सरकार ने सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं, जबकि असम पुलिस ने सीमावर्ती जिलों में ‘अलर्ट’ जारी किया है और उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा मामले की जांच का आदेश दिया है. मुकरोह गांव में बुधवार को तनावपूर्ण शांति रही. दुकानें बंद रहीं और सड़कें खाली थीं. लोग घरों में ही रहे. गांव में बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मी तैनात हैं ताकि कोई अप्रिय घटना नहीं घटे.

मंगलवार की हिंसा में गोली लगने से घायल हुए और एक स्थानीय अस्पताल में उपचार करा रहे दो लोगों ने कहा कि वे अपने साथी ग्रामीणों के खतरे में होने का पता चलने के बाद हिंसाग्रस्त इलाके में चले गये थे. इमनें चीनी नारतियांग (48) को नाक में गोली लगी थी, वहीं एलियास समईयांग (36) को ठोड़ी में गोली लगी थी.

मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा को ‘टैग’ करते हुए एक ट्वीट में शिकायत की कि असम पुलिस व वन विभाग के र्किमयों ने ‘‘मेघालय में प्रवेश किया और बेवजह गोलीबारी की.’’ संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी मेघालय में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी है.

असम पुलिस के अधिकारियों ने हालांकि दावा किया कि ट्रक को राज्य के वेस्ट कार्बी आंगलोंग जिले में वन विभाग के एक दल ने रोका था और बाद में मेघालय की ओर से भीड़ ने वन विभाग के र्किमयों तथा पुलिसर्किमयों पर हमला किया, जिस कारण असम की ओर से स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गोलीबारी की गई.

असम-मेघालय सीमा पर शांति; स्थानीय लोगों व वन रक्षकों के बीच हुई थीं झड़पें : हिमंत

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को यहां कहा कि असम-मेघालय सीमा पर शांति है और स्थानीय लोगों व वन रक्षकों के बीच अंतरराज्यीय सीमा पर झड़पें हुई थीं. शर्मा ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा कि यह घटना पूर्वोत्तर के दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद से संबंधित नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं मेघालय के मुख्यमंत्री के संपर्क में हूं… असम-मेघालय सीमा शांतिपूर्ण है और हमेशा शांतिपूर्ण रही है.”

उन्होंने कहा, ‘‘ बल प्रयोग किया गया… हालांकि, मेरे विचार से, यह कुछ हद तक मनमाने ढंग से किया गया. लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए था.” असम-मेघालय सीमा पर वेस्ट कार्बी आंगलोग जिले में कथित तौर पर अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को मंगलवार तड़के असम के वनर्किमयों द्वारा रोकने के बाद भड़की हिंसा में एक वन कर्मी सहित छह लोगों की मौत हो गई.

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