उपचुनाव: शिअद (अमृतसर) प्रत्याशी सिमरनजीत की जीत, आप को झटका

चंडीगढ़. लोकसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी(आप) को रविवार को उस समय बड़ा झटका लगा जब पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के बाद भगंवत मान द्वारा खाली की गई संगरूर सीट पर उसे हार का सामना करना पड़ा. इस सीट से शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) प्रत्याशी और खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत सिंह मान को जीत मिली है.

सिमरनजीत सिंह मान (77) की करीब दो दशक बाद संसद में वापसी हुई है और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी व राज्य में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार गुरमेल सिंह को 5,822 मतों से हराया. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, सिमरनजीत सिंह मान को 2,53,154 मत मिले जबकि गुरमेल सिंह को 2,47,332 मत मिले. आप को असहज करने वाली हार पंजाब विधानसभा चुनाव में मिली एकतरफा जीत के महज तीन महीने बाद मिली है. पार्टी को 117 सदस्यीय विधानसभा में 92 सीटों पर जीत मिली थी.

मौजूदा समय में राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 2014 और 2019 में संगरूर सीट से जीत दर्ज की थी. लेकिन धुरी से विधायक और बाद में मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया. एक टीवी संवाददाता द्वारा उनकी जीत पर सवाल पूछे जाने पर सिमरनजीत सिंह ने वर्ष 1984 में अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में ‘आॅपरेशन ब्लू स्टार’ के दौरान मारे गए जरनैल सिंह ंिभडरवाले और अन्य को याद किया. सिमरनजीत सिंह मान ने स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को निकालने के लिए चलाए गए अभियान के विरोध में भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया था.

शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान इससे पहले वर्ष 1989 में तरन-तारन से और 1999 में संगरूर से लोकसभा सदस्य रह चुके हैं. उस दौरान तब विवाद खड़ा हो गया था जब उन्होंने जोर दिया था कि सदन में उन्हें कृपाण लेकर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि ‘‘यह सिखों का अधिकार’’है. कांग्रेस प्रत्याशी दलवीर सिंह गोल्डी, भाजपा प्रत्याशी केवल ढिल्लों और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रत्याशी कमलदीप कौर राजोआना क्रमश: तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर रहे.

चुनाव नतीजों के मुताबिक, गोल्डी को 79,668 मत, ढिल्लों को 66,298 मत और कौर को 44,428 मत मिले. संगरूर में सिमरजीत सिंह मान और आप प्रत्याशी के बीच जीत हार का फैसला एक प्रतिशत मत से भी कम अंतर से हुआ. पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने नतीजों के संकेत मिलते ही हार स्वीकार कर शिअद (अमृतसर) नेता को बधाई दे दी थी.

मीडिया को संबोधित करते हुए आप प्रवक्ता मलंिवदर सिंह कांग ने कहा कि संगरूर लोकसभा उपचुनाव का नतीजा आ गया है. उन्होंने कहा, ‘‘हम संगरूर सीट के लोगों के जनादेश का सम्मान करते हैं. हम सिमरनजीत सिंह मान को उनकी जीत पर बधाई देते हैं.’’ मान की जीत के बाद शिअद (अमृतसर) समर्थकों ने संगरूर की सड़कों पर जश्न मनाया और लोगों को ‘लड्डू’ बांटे. कार और दोपहिया वाहनों पर सवार कई लोगों को अपने नेता के लिए नारेबाजी करते देखा गया.

आप की संगरूर में हार के बड़े कारणों में हाल में लोकप्रिय पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या और नयी सरकार के दौरान राज्य में कानून-व्यवस्था की खराब होती स्थिति के आरोप को माना जा रहा है. सिमरनजीत सिंह मान ने अपनी जीत को संगरूर के लोगों, दिवंगत अभिनेता कार्यकर्ता दीप सिद्धू और मारे गए पंजाबी गायक शुभदीप सिंह सिद्धू, जो सिद्धू मूसेवाला के नाम से जाने जाते थे, को सर्मिपत किया और कहा कि इन लोगों ने सिख समुदाय के लिए अपना बलिदान दिया.

मान ने कहा, ‘‘इसका भारत की राजनीति पर असर होगा. कई लोग हंसते थे और कहते थे कि सिमरनजीत सिंह मान क्या करेगा. आज वे गलत साबित हुए हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत की.’’ सिमरनजीत सिंह मान ने विधानसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन हार गए थे.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं संगरूर के मतदाताओं का आभारी हूं जिन्होंने संसद में अपना प्रतिनिधि चुना. मैं किसानों, कृषि मजदूरों, कारोबारियों और अपने निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति की मुश्किलों को दूर करने के लिए कड़ी मेहनत करूंगा.’’ सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि किसानों और कारोबारियों की दयनीय स्थिति है और वह उनके मुद्दों को उठाएंगे.

संगरूर लोकसभा उपचुनाव के लिए मतों की गिनती रविवार को सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा में शुरू हुई. यहां 23 जून को हुए मतदान में 16 प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर थी. संगरूर लोकसभा उपचुनाव में केवल 45.30 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया जबकि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 72.44 प्रतिशत और वर्ष 2014 के आम चुनाव में 76.71 प्रतिशत मतदान हुआ था. संगरूर में कुल 15.69 लाख मतदाता हैं. उपचुनाव में कुल 7,08,448 वैध मत पड़े और 2,471 मतदाताओं ने नोटा (इनमें से कोई नहीं) दबाया.

इससे पहले सिमरनजीत सिंह मान और गुरमेल सिंह के बीच मतगणना के दौरान कांटे की टक्कर हुई लेकिन शिअद (अमृतसर) प्रत्याशी विजयी बढ़त बनाने में सफल रहे. चुनाव प्रचार के दौरान सिमरनजीत सिंह मान का मुख्य मुद्दा कारावास की सजा पूरी करने के बावजूद जेल में बंद सिख कैदियों को रिहा करना था.

आप प्रत्याशी 38 वर्षीय गुरमेल सिंह संगरूर के पार्टी प्रभारी थे जबकि कांग्रेस ने धुरी से पूर्व विधायक गोल्डी पर अपना दांव लगाया था. भाजपा ने बरनाला से पूर्व विधायक केवल ढिल्लों को मैदान में उतारा था जो इसी महीने के शुरू में पार्टी में शामिल हुए थे. शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी बलवंत सिंह राजौना की बहन कमलदीप कौर को मैदान में उतारा था. संगरूर संसदीय सीट को ‘आप’ का गढ़ माना जाता है जहां की सभी नौ विधानसभा सीटों पर पार्टी ने वर्ष 2022 के चुनाव में जीत दर्ज की थी. भगवंत मान वर्ष 2014 में शिअद प्रत्याशी सुखदेव सिंह ढींढसा को 2.11 लाख मतों से हराकर संगरूर सीट का प्रतिनिधित्व करने लोकसभा पहुंचे थे. वर्ष 2019 में वह एक बार फिर कांग्रेस प्रत्याशी केवल ढिल्लों को 1.10 लाख मतों से हराकर संसद पहुंचे थे.

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