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कनाडा : एअर इंडिया बम विस्फोट मामले के पूर्व संदिग्ध की हत्या के दोषी को उम्रकैद

ओटावा. कनाडा की एक अदालत ने सिख व्यवसायी रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या का गुनाह कबूल करने वाले 24 वर्षीय युवक को उम्रकैद की सजा सुनाई है. मलिक 1985 में एअर इंडिया के एक विमान में हुए बम विस्फोट मामले का संदिग्ध था. हालांकि, उसे बाद में बरी कर दिया गया था. ‘सीबीसी न्यूज’ की खबर के मुताबिक, ब्रिटिश कोलंबिया उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश ने मलिक की हत्या के लिए मंगलवार को टैनर फॉक्स को 20 साल तक बिना किसी पैरोल के आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

मलिक की 15 जुलाई 2022 को ब्रिटिश कोलंबिया के सर्रे में उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह अपनी कार में बैठा हुआ था. वारदात के दो हफ्ते बाद कनाडा पुलिस ने एबॉट्सफोर्ड निवासी फॉक्स और उसके साथी जोस लोपेज को न्यू वेस्टमिंस्टर के वैंकूवर से गिरफ्तार किया था. दोनों ने पिछले साल अक्टूबर में मलिक की हत्या का गुनाह कबूल कर लिया था. लोपेज को मामले में शुक्रवार को सजा सुनाई जाएगी.

‘ग्लोबल न्यूज’ ने अभियोजकों के हवाले से प्रकाशित खबर में बताया कि फॉक्स और लोपेज को मलिक की हत्या की सुपारी दी गई थी, लेकिन दोनों ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि उन्हें किसने यह काम सौंपा था. मलिक के बेटे जसप्रीत सिंह ने फॉक्स और लोपेज से उस व्यक्ति का नाम उजागर करने की अपील की, जिसने उन्हें उसके पिता की हत्या की सुपारी दी थी.

जसप्रीत ने कहा, “मैं फॉक्स और लोपेज से सही काम करने को कह रहा हूं. आरसीएमपी को बताएं, किसने आपको सुपारी दी. उन लोगों को न्याय के कटघरे में लाने में मदद करें.” कनाडा से भारत आ रहे एअर इंडिया के विमान में 23 जून 2005 को उस समय बम विस्फोट हुआ था, जब वह अटलांटिक महासागर के ऊपर उड़ रहा था. इस विस्फोट में विमान में सवार सभी 329 लोगों की मौत हो गई थी.
मलिक और सह-आरोपी अजायब सिंह बागरी पर शुरू में विस्फोट के संबंध में सामूहिक हत्या और साजिश सहित कई अपराधों के आरोप लगाए गए थे, लेकिन 2005 के अंत में दोनों को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था.

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