CGPSC ‘भाई-भतीजावाद’ घोटाला: पूर्व अध्यक्ष, व्यवसायी सात दिन की सीबीआई हिरासत में भेजे गए

रायपुर. छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने रिश्वत के एक मामले में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएसपी) के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और एक व्यवसायी को मंगलवार को सात दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया.

सोनवानी और ‘बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड’ के निदेशक श्रवण कुमार गोयल को सीबीआई ने सोमवार को इस मामले में गिरफ्तार किया था. सोनवानी के अधिवक्ता गणेश गिरी गोस्वामी ने संवाददाताओं को बताया कि दोनों को आज दोपहर विशेष न्यायाधीश लीलाधर साय यादव की अदालत में पेश किया गया.

उन्होंने बताया कि सीबीआई ने दोनों की 12 दिन की हिरासत मांगी थी, लेकिन अदालत ने उन्हें 25 नवंबर तक हिरासत में भेज दिया.
सीबीआई के अनुसार, राज्य में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में सीजीपीएससी के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सोनवानी ने गोयल से उसके बेटे और बहू का ‘डिप्टी कलेक्टर’ के रूप में चयन सुनिश्चित करने के लिए कथित तौर पर 45 लाख रुपये की रिश्वत ली थी. इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संवाददाताओं से कहा कि सीबीआई अपना काम कर रही है और सीजीपीएससी से जुड़े कथित घोटाले के किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.

एजेंसी के मुताबिक इस वर्ष अप्रैल में सीबीआई ने छत्तीसगढ़ में 2020-2022 परीक्षा के दौरान सीजीपीएससी के माध्यम से डिप्टी कलेक्टर, पुलिस उप अधीक्षक और अन्य वरिष्ठ सरकारी पदों के लिए चयन में पक्षपात के आरोप में दर्ज दो मामलों की जांच अपने हाथ में ली थी.

राज्य के आर्थिक अपराध शाखा/भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो थाने रायपुर और बालोद जिले के अर्जुंदा थाने में दर्ज दो मामलों के अनुसार, सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक और अन्य लोक सेवकों तथा राजनेताओं ने कथित तौर पर अपने बेटों, बेटियों, रिश्तेदारों, परिचितों आदि को वर्ष 2020-2022 के दौरान आयोजित परीक्षा और साक्षात्कार में राज्य सरकार के विभिन्न पदों के लिए कथित रूप से अयोग्य उम्मीदवारों की भर्ती करके अपने पदों का दुरुपयोग किया.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के अन्य शीर्ष नेताओं ने पिछले साल विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान सीजीपीएससी र्भितयों में कथित अनियमितताओं को लेकर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा था और वादा किया था कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो इसकी जांच कराई जाएगी.

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