शिवाजी पर टिप्पणी: भाजपा सांसद भोसले ने कोश्यारी, त्रिवेदी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

महाराष्ट्र के राज्यपाल ने सारी हदें पार कर दी हैं: शरद पवार

पुणे/मुंबई. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद एवं छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले ने 17वीं सदी के मराठा शासक के बारे में कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत ंिसह कोश्यारी और अपनी पार्टी के सहकर्मी सुधांशु त्रिवेदी की आलोचना की.

कोश्यारी मराठा साम्राज्य के संस्थापक को ‘पुराने समय का आदर्श’ बताने को लेकर आलोचना का सामना कर रहे हैं, जबकि त्रिवेदी ने कथित तौर पर कहा था कि शिवाजी महाराज ने मुगल बादशाह औरंगजेब से माफी मांगी थी. भोसले ने मंगलवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक पत्र लिख कर कोश्यारी और त्रिवेदी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार उस समय मंच पर थे, जब राज्यपाल ने शिवाजी महाराज के बारे में बोला था.

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि 20 नवंबर को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान गडकरी और पवार को कोश्यारी की टिप्पणी पर आपत्ति जतानी चाहिए थी. भोसले ने कहा, ‘‘जब मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में राज्यपाल का बयान सुना, मैं समझ नहीं पाया कि इस तरह के बयान का क्या आधार है.’’ उन्होंने कहा कि शिवाजी ने उस समय न्याय के लिए और दासता से लोगों को मुक्त कराने के लिए लड़ाई लड़ी थी, जब अन्य सभी शासकों ने मुगलों का अधिपत्य स्वीकार कर लिया था.’’

उन्होंने कहा, ‘‘आधुनिक भारत की अवधारणा छत्रपति शिवाजी महाराज ने रखी थी. वह भगत ंिसह, नाना पाटिल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, छत्रपति साहू महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले और डॉ भीम राव आंबेडकर जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के प्रेरणा स्रोत थे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब ये लोग कह रहे हैं कि शिवाजी महाराज के विचार पुराने पड़ गये हैं.’’ भोसले ने त्रिवेदी की आलोचना करते हुए कहा कि जब देश में हर किसी ने मुगल शासन के समक्ष घुटने टेक दिये थे, केवल शिवाजी महाराज ही उसके खिलाफ खड़े हुए थे.

उन्होंने कहा, ‘‘जब इस तरह के बयान दिये जाते हैं, तो क्या उन्हें खुद पर शर्म नहीं आती? किस आधार पर वे इस तरह के बयान दे रहे हैं? इस तरह के बयान हमें आक्रोशित करते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि शिवाजी की विचारधारा को भूला दिया गया तो देश के टुकड़े होने में कितना वक्त लगेगा? हमने भगवान को कभी नहीं देखा है, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज भगवान के अवतार थे.’’

भोसले ने कहा कि वह आश्वस्त हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन बयानों का संज्ञान लेंगे. उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और फिर प्रधानमंत्री से भी मिलेंगे. भोसले ने जोर देते हुए कहा, ‘‘उन्हें अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए और उन दोनों को हटा देना चाहिए. राज्यपाल का पद एक सम्मानीय पद है. यदि वह (कोश्यारी) इस जिम्मेदारी को नहीं समझते हैं तो उन्हें उस कुर्सी पर बैठने का कोई हक नहीं है.’’

महाराष्ट्र के राज्यपाल ने सारी हदें पार कर दी हैं: शरद पवार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर हालिया बयान को लेकर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत ंिसह कोश्यारी की बृहस्पतिवार को आलोचना की और कहा कि उन्होंने ”सारी हदें पार कर दी हैं.” पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि ‘‘ऐसे लोगों’’ को महत्वपूर्ण पद नहीं दिए जाने चाहिए. कोश्यारी ने पिछले हफ्ते औरंगाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज “पुराने दिनों” के आदर्श थे. उनके इस बयान की राकांपा और उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना गुट ने आलोचना की थी.

पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा, “जब मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में उनकी टिप्पणी सुनी…अब उन्होंने सारी हदें पार कर दी हैं. उन्होंने कल शिवाजी महाराज की प्रशंसा की थी, लेकिन यह देर से समझ में आया.” उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को (कोश्यारी के बारे में) फैसला लेना चाहिए. ऐसे लोगों को महत्वपूर्ण पद नहीं दिए जाने चाहिए.” राकांपा प्रमुख ने कहा, ‘‘राज्यपाल का पद एक संस्था का प्रतिनिधित्व करता है और उस पद की गरिमा बनाए रखने के लिए हमने कोश्यारी के खिलाफ पहले कोई टिप्पणी नहीं की.’’ कोश्यारी बृहस्पतिवार से दो दिवसीय दिल्ली दौरे पर हैं.

शिवाजी महाराज पर टिप्पणी को लेकर उद्धव ने महाराष्ट्र के राज्यपाल को हटाने की मांग की

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना के एक धड़े के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर टिप्पणी को लेकर बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को हटाने की मांग की और राज्य के राजनीतिक दलों से उनके खिलाफ एक एकजुट होने का आग्रह किया. ठाकरे ने यह चेतावनी भी दी कि अगर अगले कुछ दिनों में मांग पर कोई फैसला नहीं किया गया तो उनकी पार्टी राज्यव्यापी बंद की योजना बना सकती है.

पिछले सप्ताह औरंगाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में कोश्यारी ने कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज “पुराने दिनों” के आदर्श थे.
ठाकरे ने यहां पत्रकारों से कहा, “महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी लगातार राज्य के आदर्शों का अपमान कर रहे हैं. मैं विभिन्न राजनीतिक दलों के लोगों से उनके खिलाफ एकजुट होने और राज्यपाल को वापस बुलाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की अपील करता हूं.”

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख ने कहा, “मैं तीन से पांच दिन तक इंतजार करूंगा. इस अवधि के दौरान, मैं उनके खिलाफ एकजुट होने के लिए राज्य के विभिन्न राजनीतिक दलों से संपर्क करूंगा. मैं कोश्यारी के खिलाफ शांतिपूर्ण राज्यव्यापी बंद करने के बारे में सोच रहा हूं.” ठाकरे की यह टिप्पणी मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार द्वारा की गई इस टिप्पणी के बाद आई है कि राज्यपाल ने सारी हदें पार कर दी हैं. कोश्यारी को केंद्र सरकार द्वारा भेजा गया “अमेजÞॅन पार्सल” करार देते हुए, ठाकरे ने कहा, “हम यहां महाराष्ट्र में यह पार्सल नहीं चाहते हैं. चूंकि हम इसे नहीं चाहते हैं, इसलिए आपको (केंद्र) इसे वापस लेना चाहिए.”

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